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भारत और अमेरिका कर रहे डिफेंस और टेक्नोलॉजी की डील, जलकर राख हो जा रहा है चीन

India USA iCET Meet: टेक्नोलॉजी और रक्षा क्षेत्र में आपसी सहयोग को बढ़ाने के लिए भारत और अमेरिका ने iCET की शुरुआत की है.

भारत और अमेरिका कर रहे डिफेंस और टेक्नोलॉजी की डील, जलकर राख हो जा रहा है चीन

iCET Meeting

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डीएनए हिंदी: भारत और अमेरिका अपने संबंधों को लगातार मजबूत कर रहे हैं. दोनों देशों ने रक्षा और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में आपसी सहयोग को बढ़ाने के लिए इनिशिएटिव ऑन क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी यानी iCET की शुरुआत की है. भारत-अमेरिकी की दोस्ती और रक्षा क्षेत्र में आपसी सहयोग को देखकर चीन जल-भुल गया है. चीन ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि अमेरिका जो कोशिश कर रहा है भारत वैसा कभी नहीं करेगा.

iCET के जरिए भारत और अमेरिका रक्षा उपकरणों और आर्टिफिशिल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में आपसी सहयोग बढ़ाने चाहते हैं. पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पिछले साल मई महीने में iCET का ऐलान किया था. हाल ही में हुई iCET की बैठक में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और अमेरिकी सुरक्षा सलाहकार जेक सुल्लिवन समेत कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए.

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चीन को क्यों लगी मिर्ची?
इस बैठक से चीन का कोई लेना-देना भी नहीं था लेकिन उसे भारत और अमेरिका की दोस्ती देख मिर्ची जरूर लग गई. चीन का मानना है कि भारत, अमेरिका से अपने रिश्ते मजबूत कर रहा है ताकि वह वैश्विक उद्योग और सप्लाई चेन में अपनी स्थिति मजबूत कर सके और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में ज्यादा फंडिंग जुटा सके.

चीन के ग्लोबल टाइम्स में लिखा गया, 'अमेरिका एक तरफ भारत का साथ चाहता है तो दूसरी तरफ उसे भारत की मांगों का भी ख्याल रखना है. अमेरिका चाहता है कि वह भारत को अपना सहयोगी बनाए ताकि भारत में मैन्युफैक्चरिंग हो सके, वहां उत्पाद बनाए जा सकें. इस तरह वह चीन के बजाय भारत को सप्लाई चेन के लिए नया विकल्प बनाना चाहता है.'

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'एक पत्थर से दो शिकार करना चाहता है अमेरिका'
चीन ने आगे कहा है कि यह अमेरिका की बड़ी चाहत तो है लेकिन भारत यहां अमेरिका के हिसाब से चलने वाला नहीं है. ग्लोबल टाइम्स में चीन के अधिकारी ने लिखा है, 'अमेरिका एक पत्थर से दो पक्षियों को मारना चाहता है. वह भारत को लालच दे रहा है कि वह उसके साथ आ जाए और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में तेजी से बढ़ रहे चीन के प्रभाव को कम करे.'

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