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Taiwan को हथियार देने के लिए तैयार अमेरिका, जवाबी एक्शन लेने की तैयारी में चीन!

अमेरिका ने ताइवान को एक अरब डॉलर के हथियार बचने की मंजूरी दी है. अमेरिका के इस एक्शन पर चीन भड़क गया है. चीन ने कहा है कि इस डील के खिलाफ कड़ा एक्शन ले सकता है.

अमेरिका (USA) के राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) के प्रशासन ने ताइवान के दर्जे को लेकर चीन के साथ तनाव बढ़ने के बीच द्वीपीय देश को एक अरब डॉलर से अधिक के हथियार बेचने की घोषणा की है. अमेरिका के विदेश विभाग ने कहा है कि 1.09 अरब डॉलर के हथियारों की बिक्री में 35.5 करोड़ डॉलर की हवा से समुद्र में मार करने वाली हारपून मिसाइलें और 8.5 करोड़ डॉलर की हवा से हवा में मार करने वाली साइडविंडर मिसाइलें शामिल हैं.

1.चीन ने ताइवान के साथ डील पर दी अमेरिका को धमकी

चीन ने ताइवान के साथ डील पर दी अमेरिका को धमकी
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चीन ने अमेरिका से ताइवान की इस डील को लेकर नाराजगी जाहिर की है. चीन को एक अरब डॉलर के हथियारों की बिक्री की यह डील रास नहीं आई है. चीन ने धमकी दी है कि अगर अमेरिका और ताइवान के बीच में हथियारों की ब्रिकी का सौदा हो जाता है तो इसका मुहंतोड़ जवाब दिया जाएगा.
 



2.अमेरिका के रक्षा डील में क्या है खास?

अमेरिका के रक्षा डील में क्या है खास?
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हथियारों का सबसे बड़ा हिस्सा ताइवान के निगरानी रडार कार्यक्रम के लिए 65.5 करोड़ डॉलर का साजोसामान पैकेज है. यह रडार कार्यक्रम हवा में डिफेंस अलर्ट सिस्टम की तरह काम करता है. हवा में दुश्मन की मिसाइलों की जल्द चेतावनी देना महत्वपूर्ण हो गया है, क्योंकि चीन ने ताइवान के पास सैन्य अभ्यास तेज कर दिए हैं. 
 



3.क्यों जरूरी है चीन के लिए एयर डिफेंस सिस्टम?

क्यों जरूरी है चीन के लिए एयर डिफेंस सिस्टम?
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अमेरिका के मुताबिक ताइवान के लिए एयर डिफेंस सिस्टम बेहद जरूरी है जिससे यह देश आत्मरक्षा की पर्याप्त क्षमता बनाए रखी जा सके. प्रशासन ने शुक्रवार को इस बिक्री के बारे में अमेरिकी कांग्रेस को सूचित किया. 
 



4.क्या है अमेरिका का डिफेंस डील पर रिएक्शन?

क्या है अमेरिका का डिफेंस डील पर रिएक्शन?
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बाइडन प्रशासन ने कहा कि यह सौदा अमेरिका की एक-चीन नीति के अनुरूप है. साथ ही उसने बीजिंग से ताइवान के खिलाफ अपना सैन्य, कूटनीतिक और आर्थिक दबाव खत्म करने और इसके बजाय ताइवान के साथ सार्थक संवाद करने का अनुरोध किया.
 



5.अमेरिकी दौरे से बेहद नाराज है चीन!

अमेरिकी दौरे से बेहद नाराज है चीन!
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अमेरिका और चीन के बीच रिश्तों में कड़वाहट तब से और बढ़ गई है, जब से अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ने पिछले महीने ताइवान की यात्रा की. पेलोसी की ताइपे यात्रा के बाद से अमेरिकी कांग्रेस के कम से कम दो अन्य प्रतिनिधिमंडल ने भी वहां का दौरा किया है. चीन ने इन सभी यात्राओं की निंदा की है. 
 



6.ताइवान अब नहीं बर्दाश्त करना चीन की दादागिरी

ताइवान अब नहीं बर्दाश्त करना चीन की दादागिरी
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ताइवान की सेना ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने चीनी तट पर ताइवान की चौकी पर मंडरा रहे एक ड्रोन को मार गिराया है. यह घटना बढ़ते तनाव को दिखाती है. इससे एक दिन पहले, ताइवान ने कहा था कि उसने चीन के बंदरगाह शहर शियामेन के तट पर उसके तीन द्वीपों पर ड्रोनों के मंडराने पर चेतावनी दी है. गौरतलब है कि चीन ताइवान पर अपना दावा जताता है. उसका कहना है कि जरूरत पड़ने पर वह ताइवान को बलपूर्वक अपने कब्जे में ले सकता है. (AP इनपुट के साथ)

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