Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

मौत के कुछ घंटे बाद फिर जिंदा हो उठे सूअर, नजारा देख हैरान रह गए साइंटिस्ट्स

Nature Journal ने येल विश्वविद्यालय के न्यूरोसाइंटिस्ट और उनकी टीम के हवाले से बताया कि यह प्रयोग 2019 के पिग-ब्रेन रिसर्च को लेकर किया गया था. टीम ने सूअरों को मौत के कुछ घंटे बाद ही फिर से जिंदा कर दिया.

मौत के कुछ घंटे बाद फिर जिंदा हो उठे सूअर, नजारा देख हैरान रह �गए साइंटिस्ट्स

सांकेतिक तस्वीर

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: मौत के बाद किसी किसी को जिंदा करना नामुमकिन है लेकिन अमेरिका (America) में कुछ ऐसा चमत्कार हुआ जिसे देखकर साइंटिस्ट्स भी चौंक गए. यहां मौत के कुछ घंटे बाद सूअर (Pigs) जिंदा हो उठे. दरअसल, यह कारनामा अमेरिका की येल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने करके दिखाया है. नेचर जर्नल (Nature Journal) की रिपोर्ट के मुताबिक, येल यूनिवर्सिटी  (Yale University) के न्यूरोसाइंटिस्ट और उनकी टीम ने कुछ सूअरों के मौत के एक घंटे बाद उनके महत्वपूर्ण अंगों को फिर से सक्रिय किया. इससे सूअर फिर से जिंदा हो उठे.

इस शोध के बाद येल स्कूल ऑफ मेडिसिन में न्यूरोसाइंस में एसोसिएट रिसर्च साइंटिस्ट डेविड एंड्रीजेविक का कहना है कि मौत के बाद शरीर की कोशिकाएं तुरंत नहीं मरती हैं. घटनाओं की एक लंबी श्रंखला होती है. जो मरने के बाद धीरे-धीरे शांत होती हैं. इस दौरान इन प्रक्रियाओं में हस्तक्षेप भी किया जा सकता है और उन्हें रोक सकते हैं. इतना ही नहीं सेलुलर फंक्शन को पुन: सक्रिय भी किया जा सकता है.

ये भी पढ़ें- Commonwealth Games 2022: क्या सच में सोने-चांदी के होते हैं मेडल्स, जानें इनके बनने की पूरी कहानी

पिग-ब्रेन पर किया गया था रिसर्च
Nature Journal ने येल विश्वविद्यालय के न्यूरोसाइंटिस्ट और उनकी टीम के हवाले से बताया कि यह प्रयोग 2019 के पिग-ब्रेन रिसर्च को लेकर किया गया था. क्योंकि मस्तिष्क का ऑक्सीजन की कमी लिए हाइपरसेंसेटिव अंग है. अगर एक मृत सूअर के ब्रेन में कुछ सक्रियता ला सकते हैं तो ऐसा अन्य अंगों के साथ भी किया जा सकता है.

ये भी पढ़ें- धोखाधड़ी, ठगी, हक ना मिलना, इस विभाग में होती है हर मामले की सुनवाई, तुरंत एक्शन की गारंटी भी  

मौत के बाद ऑर्गेनिक्स तकनीक से इलाज
उन्होंने कहा कि आम तौर पर मौत के बाद दिल धड़कना बंद कर देता है, अंग सूज जाते हैं, ब्लड वैसील्स रुक जाती हैं और रक्त संचार अवरुद्ध हो जाता है. फिर भी ब्लड सर्कुलेशन बहाल कर दिया गया था और मृत सूअरों में कोशिकाओं और ऊतक के स्तर पर कार्यात्मक दिखाई दिए. टीम ने कहा कि इस सिरर्च के दौरान माइक्रोस्कोप के तहत स्वस्थय अंग और मृत्यु के बाद ऑर्गेनिक्स तकनीक से इलाज किए गए अंग के बीच अंतर बताना कठिन था.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement