Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

फ्रांस में इमरजेंसी की नौबत, 800 से ज्यादा गिरफ्तार, 200 पुलिसकर्मी घायल, क्यों सुलग उठा है यूरोप का यह देश?

फ्रांस पुलिस प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए गोलीबारी कर रही है. यूरोप का यह शांत देश अचानक भड़क गया है. आइए जानते हैं क्या है फ्रांस में हो रहे दंगों की वजह.

फ्रांस में इमरजेंसी की नौबत, 800 से ज्यादा गिरफ्तार, 200 पुलिसकर्मी घायल, क्यों सुलग उठा है यूरोप का यह देश?

एक किशोर की हत्या पर सुलग उठा है फ्रांस.

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

TRENDING NOW

डीएनए हिंदी: फ्रांस की गिनती, यूरोप के शांत देशों में होती है, पर तीन दिनों से यह देश हिंसा की जद में आ गया है. जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं, पुलिस के लिए जान बचानी मुश्किल हो गई है. तीन दिन पहले फ्रांस की राजधानी पेरिस में पुलिस ने एक किशोर को गोली मार दिया था. खबर जैसे ही सामने आई, पूरा पेरिस सुलग उठा. लोग सड़कों पर उतर आए और सत्तारूढ़ सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे.

प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेडिंग कर सड़कों को ब्लॉक कर दिया, आगजनी की और पुलिसकर्मियों पर बम फेंक दिए. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछारें डाली. इस सिलसिले में 875 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और प्रदर्शनकारियों के साथ झड़प की घटनाओं में 200 पुलिस अधिकारी घायल हो गए. 

क्यों सुलग उठा है फ्रांस?

मंगलवार को ट्रैफिक चेकिंग के दौरान 17 वर्षीय नाहेल की पुलिस ने कथित तौर पर हत्या कर दी थी. हत्या का वीडियो भी सामने आया है. इस घटना ने देश को झकझोर कर रख दिया है और लोग काफी आक्रोशित हैं. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने शुक्रवार को माता-पिता से किशोरों को घर पर रखने का आग्रह किया है. पूरे फ्रांस में फैल रहे दंगों को रोकने के लिए सोशल मीडिया पर बैन लगाने का प्रस्ताव सामने आया है.

इसे भी पढ़ें- PM मोदी और रूस के राष्ट्रपति पुतिन के बीच फोन पर हुई बात, यूक्रेन युद्ध को लेकर दी ये जानकारी

सोशल मीडिया पर बैन लगाएगी सरकार

सीनियर मंत्रियों के साथ दूसरी इमरजेंसी बैठक के बाद, इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि स्नैपचैट और टिकटॉक जैसे सोशल मीडिया मंचों ने इस सप्ताह हिंसा की गतिविधियों को बढ़ावा देने में भूमिका निभाई. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार सबसे संवेदनशील सामग्री को हटाने के लिए टेक्नोलॉजिकल कंपनियों के साथ काम करेगी. 

875 लोग हैं पुलिस हिरासत में 

घटना के बाद फ्रांस में हिंसक विरोध प्रदर्शन भड़क उठे और जगह-जगह आगजनी की घटनाएं हुईं और विरोध प्रदर्शन तीसरी रात भी जारी रहा. फ्रांस की राष्ट्रीय पुलिस एजेंसी ने कहा कि हिरासत में लिए गए 875 लोगों में से लगभग आधे पेरिस क्षेत्र से हैं. 

ये भी पढ़ें- केंद्र अध्यादेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची AAP, सीएम केजरीवाल 3 जुलाई को जलाएंगे प्रतियां 

जगह-जगह हो रही है आगजनी और हिंसा 

पुलिस के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने उपनगर क्लिची-सूस-बोइस के सिटी हॉल में आग लगा दी और ऑबर्विलियर्स में एक बस डिपो को आग के हवाले कर दिया. उन्होंने बताया कि पेरिस के कई इलाकों में लोगों के समूहों ने सुरक्षा बलों पर पटाखे फेंके. शहर के 12वें प्रांत के पुलिस थाने पर हमला किया गया, जबकि रिवोली स्ट्रीट, लौवर संग्रहालय के पास और मध्य पेरिस के सबसे बड़े शॉपिंग मॉल ‘फोरम डेस हॉलेस’ में कुछ दुकानें लूट ली गईं. 

पुलिस भीड़ को कर रही है तितर-बितर

पेरिस पुलिस ने कहा है कि मार्सिले में, पुलिस ने शहर के मध्य में हिंसक समूहों को तितर-बितर करने की कोशिश की. पेरिस पुलिस मुख्यालय के अनुसार विरोध प्रदर्शनों को नियंत्रित करने लिए लगभग 40,000 पुलिस अधिकारियों को तैनात किया गया है. 

200 से ज्यादा पुलिसकर्मी हुआ घायल

पुलिस के मुताबिक करीब 200 पुलिस अधिकारी घायल हुए. इस बीच गृह मंत्री गेराल्ड डारमनिन ने शुक्रवार को हिंसा की घटनाओं की निंदा की. नाहेल की मां मौनिया एम ने फ्रांस 5 टेलीविजन को बताया कि वह उस पुलिस अधिकारी से बहुत अधिक गुस्सा हैं जिसने उनके इकलौते बच्चे को मार डाला. उन्होंने कहा, 'मेरे बेटे को न्याय मिलना चाहिए. एक पुलिस अधिकारी अपनी बंदूक लेकर हमारे बच्चों पर गोली नहीं चला सकता, हमारे बच्चों की जान नहीं ले सकता.' (इनपुट: AP)

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement