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Global warming Effect: जानिए क्यों चीन की सबसे बड़ी झील सूखी और Pakistan में बन गई इतनी बड़ी Lake?

चीन में इस बार गर्मी का असर पिछले कई दशक में सबसे ज्यादा रहा है, जबकि उससे सीमा साझा करने वाले पाकिस्तान में मानसूनी बारिश की बाढ़ ने भी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. दोनों देशों में मौसम के इस असर को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने सैटेलाइट तस्वीरों से दिखाया है.

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Global warming Effect: जानिए क्यों चीन की सबसे बड़ी झील सूखी और Pakistan में बन गई इतनी बड़ी Lake?
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डीएनए हिंदी: दुनिया में इस बार हीटवेव (Heatwave) के कारण गर्मी ने रिकॉर्ड तोड़े हैं तो भारतीय उपमहाद्वीप (Indian Subcontinent) में मानसूनी बारिश (Monsoon Rain) के कारण बाढ़ ने तबाही मचाई हुई है. एक्सपर्ट्स इसे पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रही ग्लोबल वार्मिंग (Global Warming) का प्रभाव मान रहे हैं. 

अब ग्लोबल वार्मिंग के इस प्रभाव का एक जोरदार उदाहरण आपस में सीमा साझा करने वाले देशों में सामने आया है. भयानक हीटवेव से जूझ रहे चीन (China) की सबसे बड़ी झील पोयांग (Poyang Lake) बढ़ते तापमान के कारण सूख गई है, जबकि पाकिस्तान में रात-दिन हो रही बारिश के कारण सिंधु नदी (Sindhu River) में आई बाढ़ ने सिंध प्रांत में करीब 100 किलोमीटर इलाके को झील में तब्दील कर दिया है. प्रकृति के इस कहर के सैटेलाइट फोटो अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने जारी किए हैं. 

China poyang lake

चीन की झील सिकुड़कर 25 फीसदी रह गई

चीन के जियांगशी (Jiangxi) प्रांत में ताजे पानी की सबसे बड़ी चीनी झीलपोयांग झील है, जिसमें पानी का स्रोत यांग्त्जी नदी (Yangtze River) नदी है. यह झील साल 2002 से कभी भी गर्मी में सूखे का शिकार नहीं हुई थी, लेकिन इस बार हीटवेव में इस पर भी सूखे की मार ऐसी हुई है कि इसके महज 25 फीसदी हिस्से में पानी बचा है. 

पढ़ें- Heatwave in China: हीटवेव की मार से तबाह चीन, बर्बाद फसलें, क्या है प्राकृतिक आपदा की वजह?

NASA की रिपोर्ट के मुताबिक, इस झील में 6 अगस्त को जलस्तर 11.99 मीटर पर दर्ज किया गया था, जो इस झील में पानी का स्तर गिरने के सामान्य दिनों से करीब 100 दिन पहले माना जा रहा है. इस झील पर नजर रखने वाले एक्सपर्ट्स का कहना है कि साल 1951 में जलस्तर का डाटा रिकॉर्ड करने की शुरुआत के बाद से यह पानी का सबसे निचला स्तर है. हालांकि इससे भी खराब स्थिति 30 अगस्त को सामने आई, जब झील में पानी का स्तर घटकर महज 8.96 मीटर रह गया. 

चीन झेल रहा है 1961 के बाद की सबसे भीषण गर्मी

चीन में इस बार गर्मी के कारण तापमान ने नए रिकॉर्ड बनाए हैं. सिचुआन प्रांत के चोंगकिंग इलाके में 18 अगस्त को तापमान 45 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, जो साल 1961 के बाद गर्मी का नया रिकॉर्ड है. देश के करीब 70 शहरों में तापमान पहली बार 40 डिग्री के पार पहुंचा है. मौसम विज्ञानी मैक्सिमिलियानो हेरेरा के मुताबिक, इस बार चीन में हीटवेव का सबसे घातक कहर रहा है. 

चीन की करीब 66 नदियां पूरी तरह सूख गई हैं, जबकि सबसे बड़ी नदी यांग्त्ज़ी के कुछ हिस्सों में साल 1865 के बाद सबसे कम जल स्तर दर्ज हुआ है. चीन की फसलें तबाह हैं और वहां खाद्य संकट पैदा होने का खतरा मंडरा रहा है. इसी कारण 19 अगस्त को चीन ने 9 साल बाद पहली बार राष्ट्रीय सूखे का ऐलान किया है. देश में करीब 433,000 हेक्टेयर फसल तबाह हो जाने का अनुमान लगाया गया है. 

pakistan flood lake

पाकिस्तान में बाढ़ से हो चुकी है 1000 लोगों की मौत

पाकिस्तान के सिंध प्रांत में सिंधु नदी की भीषण बाढ़ के कारण 100 किलोमीटर चौड़ा इलाका झील में बदल गया है. इसकी फोटो नासा के MODIS सैटेलाइट सेंटर ने 28 अगस्त को ली थी, जिसमें साफतौर पर नीले रंग में बाढ़ के कारण झील में बदला इलाका दिखाई दे रहा है. यह इलाका पहले कृषि भूमि था.

पढ़ें- Pakistan: खौफनाक हुआ बाढ़ का कहर, 1,100 से ज्यादा की मौत, फसलों से सड़कों तक सब बर्बाद

पाकिस्तान की नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (National Disaster Management Authority) के आंकड़ों के मुताबिक, बाढ़ के कारण पूरे देश में करीब 3.3 करोड़ लोग बेघर हो चुके हैं, जबकि 10 लाख से ज्यादा घर नष्ट हो गए हैं. पाकिस्तान के पंजाब, सिंध, बलूचिस्तान, खैबर पख्तूनवा प्रांतों के करीब 10 हजार वर्ग किलोमीटर इलाके में फैली बाढ़ के कारण 1,100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. रिलीफवेब के आंकड़ों के हिसाब से अब तक 7 लाख से ज्यादा पालतू जानवर मर चुके हैं, जबकि 20 लाख एकड़ फसल बरबाद हो चुकी है. देश में 150 पुल और 3,500 किलोमीटर सड़कें ध्वस्त हो चुकी हैं. 

PHOTOS: चौतरफा मुश्किलों में घिरा पाकिस्तान, आर्थिक संकट, तालिबान विद्रोह और बाढ़ से कैसे जूझ रहा है देश?

बलूचिस्तान-सिंध में हो चुकी एवरेज से 6 गुना ज्यादा बारिश

आंकड़ों के मुताबिक, पाकिस्तान में बाढ़ का कहर इस बात से समझा जा सकता है कि अकेले बलूचिस्तान और सिंध प्रांतों में ही एवरेज बारिश ने पिछले 30 साल के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. इस साल यहां एवरेज से करीब 5 से 6 गुना ज्यादा पानी मानसून के कारण बरस चुका है. 

पढ़ें- बाढ़ में तबाह हुआ इस पाकिस्तानी सिंगर का घर, छोटे बच्चों के साथ सड़क पर रहने को हुआ मजबूर

बारिश के इस कहर के कारण राज्य में जरूरी सामान की भी किल्लत हो गई है. फल-सब्जियों के दाम 100 गुना तक बढ़ चुके हैं. टमाटर के दाम 500 रुपये प्रति किलोग्राम, प्याज 400 रुपये प्रति किलोग्राम और आलू 120 रुपये प्रति किलोग्राम तक बढ़ चुके हैं.

पढ़ें- Pakistan: बाढ़ से मची तबाही, सैंकड़ों बच्चों समेत एक हजार लोगों की मौत, करोड़ों बेघर, आपातकाल लागू

सितंबर में भी पाकिस्तान के लिए चेतावनी

पाकिस्तान का संकट यहीं खत्म नहीं होने जा रहा है. न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान मौसम विभाग (Pakistan Meteorological Department) ने सितंबर माह में भी सामान्य से ज्यादा बारिश होने की चेतावनी दी है. PMD का अनुमान है कि फिलहाल ला-नीना (La-Nina) प्रभाव और ज्यादा बढ़ रहा है और सितंबर महीने के दौरान धीरे-धीरे कमजोर होगा. इसके चलते सामान्य से ज्यादा बारिश होने की संभावना है.

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