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Pakistan Army के लेफ्टिनेंट कर्नल समेत 6 सैनिक हमले में ढेर, पाकिस्तान तालिबान ने ली जिम्मेदारी

Pakistan Army ने खुद अपने सैनिक मारे जाने की पुष्टि की है. हालांकि पाकिस्तानी सेना ने यह भी दावा किया है कि इस एनकाउंटर में 6 आतंकी भी मारे गए हैं. 

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Pakistan Army के लेफ्टिनेंट कर्नल समेत 6 सैनिक हमले में ढेर, पाकिस्तान तालिबान ने ली जिम्�मेदारी
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Pakistan News: पाकिस्तान की सेना को एक बार फिर तालिबानी आतंकियों ने करारा झटका दिया है. अफगानिस्तान से सटे खैबर पख्तूनख्वाह राज्य के उत्तरी वजीरिस्तान जिले में एक अभियान के दौरान पाकिस्तानी सेना के 6 सैनिक मारे गए हैं. मरने वालों में एक लेफ्टिनेंट कर्नल भी शामिल है. पाकिस्तानी सेना की मीडिया विंग इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) ने इसे आतंकी हमला बताते हुए अपने सैनिकों के मारे जाने की पुष्टि की है. साथ ही दावा किया है कि 4-5 अक्टूबर की दरम्यानी रात में उत्तरी वजीरिस्तान के स्पिनवाम एरिया में हुए एनकाउंटर में 6 ख्वारजी (आतंकी) भी मारे गए हैं. हमले की जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने ली है, जिसे पाकिस्तान तालिबान (Pakistan Taliban) भी कहा जाता है. 

क्या बताया है ISPR ने

ISPR ने शनिवार को इस हमले के बारे में जानकारी दी है. बयान में कहा गया कि शुक्रवार-शनिवार की दरम्यानी रात में उत्तरी वजीरिस्तान इलाके में पाकिस्तानी सेना और आतंकियों के बीच भारी एनकाउंटर हुआ है, जिसमें बड़े पैमाने पर गोला-बारूद का इस्तेमाल दोनों तरफ से हुआ है. इस दौरान आतंकियों ने पाकिस्तानी टुकड़ी का नेतृत्व संभाल रहे 43 वर्षीय लेफ्टिनेंट कर्नल मुहम्मद अली शौकत को मार दिया है. उनके साथ 5 अन्य सैनिक भी मारे गए हैं.

2007 में बना था TTP, अफगान तालिबान देता है सपोर्ट

पाकिस्तानी तालिबान (TTP) का गठन कई आतंकी समूहों ने आपस में हाथ मिलाते हुए साल 2007 में किया था. इसे अफगानिस्तान तालिबान की पाकिस्तानी शाखा माना गया था. हालांकि बीच के सालों में अफगान तालिबान के साथ भी इसके रिश्ते खराब रहे हैं. पाकिस्तान TTP को 'फितना अल-ख्वारजी' घोषित करते हुए प्रतिबंधित कर चुका है. पाकिस्तानी गृह मंत्रालय की तरफ से ये नोटिफिकेशन जारी होने के बाद इसके लड़ाकों के ख्वारजी कहकर पुकारा जाता है. 

अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के बाद पाकिस्तान में बढ़ी घटनाएं

पाकिस्तानी सरकार अफगान तालिबान पर TTP के नेताओं को शरण देने का आरोप लगाता रहा है, लेकिन अफगान तालिबान इसे खारिज करता रहा है. हालांकि पाकिस्तान अपने दावे के इस आधार पर सही साबित करता रहा है कि साल 2021 में काबुल में अफगान तालिबान के सत्ता में वापस लौटने के बाद पाकिस्तानी जमीन पर TTP के हमले बढ़े हैं. इस्लामाबाद अफगान तालिबान को अपना दोस्त मानते हुए इस पर अंकुश लगाने की मांग करता रहा है, लेकिन ऐसा हुआ नहीं है. इसके चलते TTP के कारण पाकिस्तानी सेना और अफगान तालिबान की 3 दशक पुरानी दोस्ती में दरार भी आई है और दोनों के बीच कई बार खूनी संघर्ष भी हो चुका है.

(With PTI Inputs)

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