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Maninagar Assembly constituency: मणिनगर में बीजेपी के विजय रथ को रोक पाएंगी कांग्रेस और AAP? जानें सियासी समीकरण

Gujarat Elections 2022: गुजरात में मणिनगर मोदी की सीट रही है. इस सीट पर देशभर की नजर है. अब देखना है इस बार इस सीट पर कौन जीतता है...

Maninagar Assembly constituency: मणिनगर में बीजेपी के विजय रथ को रोक पाएंगी कांग्रेस और AAP? जानें सियासी समीकरण

प्रधानमंंत्री मोदी की सीट रही है मणिनगर विधानसभा.

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डीएनए हिन्दी: मणिनगर विधानसभा (Maninagar Assembly constituency) हॉट सीटों में से एक है. गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने 3 बार यहां से चुनाव जीता है. यह सीट अहमदाबाद शहर के बीचोबीच है. 2002, 2007 और 2012 में नरेंद्र मोदी ने यहां जीत हासिल की थी. यह सीट लंबे समय से बीजेपी के कब्जे में है. गुजरात के सियासी जानकारों का मानना है कि मणिनगर में इस बार बीजेपी पलड़ा भारी है. अगर इस बार बीजेपी इस सीट पर जीत हासिल करती है तो उसकी यह लगातार 9वीं जीत होगी.

मणिनगर विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी ने इस बार बड़ा बदलाव किया है. पिछले चुनाव में बड़ी मार्जिन से जीतने वाले सुरेशभाई धनजीभाई पटेल को टिकट नहीं दिया है. उनकी जगह अमूलभाई भट्ट को चुनावी मैदान में उतारा है. कांग्रेस ने इस बार सीएम राजपूत पर दांव खेला है. अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने विपुलभाई पटेल को चुनावी मैदान में उतारा है.

चुनावी इतिहास
गुजरात की सिसायत में मणिनगर मानें भाजपा, ऐसा कहा जाता है. 1990 से लेकर अभी तक इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है. आइए हम पिछले चुनावों का संक्षिप्त विश्लेषण करते हैं.

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1990 में बीजेपी के कमलेशभाई गोविंदभाई पटेल ने जनता दल के जयंतीभाई हिम्मतभाई कैपसी को 30 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था. 1995 में एक बार फिर भाजपा ने कमलेशभाई गोविंदभाई पटेल पर भरोसा जताया. इस बार भी इस बार कमलेशभाई ने 52 हजार से ज्यादा वोटों से कांग्रेस के चिमनलाल हिराचंद शाह को पराजित किया. 

1998 के चुनाव में कमलेश पटेल बीजेपी के टिकट पर मैदान में थे. उनके सामने विजयकुमार चिमनलाल केला कांग्रेस के टिकट पर थे. इस बार भी बाजी बीजेपी के हाथ रही. बीजेपी ने इस बार भी 39 हजार से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की.

Maninagar Assembly constituency

साल 2002. गुजरात दंगों के बाद पहली विधानसभा चुनाव हो रहे थे. मणिनगर इस बार थे राज्य के मुख्यमंत्री नरेंद्रभाई मोदी. कांग्रेस ने दिग्गज यतीनभाई ओझा को मैदान में उतारा. दंगों की साया में हो रहे इस चुनाव में नरेंद्र मोदी ने 75  हजार से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की. इस चुनाव में नरेंद्र मोदी को 1,13,589 वोट मिले. वहीं कांग्रेस के यतीनभाई ओझा को 38,256 वोटों पर संतोष करना पड़ा. उस चुनाव में अन्य सभी कैंडिडेट जमानत बचा पाने में नाकाम रहे.

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2007 में नरेंद्र मोदी एक बार फिर बीजेपी की तरफ से चुनाव मैदान में थे. कांग्रेस ने इस बार कैंडिडेट बदला और दिनशा पटेल को उतारा. लेकिन, फिर मोदी की जीत हुई. इस बार की जीत पहले से बड़ी थी. नरेंद्र मोदी ने 87 हजार से ज्यादा वोटों से दिनशा पटेल को हराया.

2012 के चुनावों में नरेंद्र मोदी ही बीजेपी के कैंडिडेट थे. कांग्रेस ने इस बार श्वेता संजीव भट्ट को टिकट दिया था. श्वेता भी मोदी के सामने टिक न पाईं. मोदी ने इस बार 86 हजार से ज्यादा वोटों से श्वेता को हराया. 

2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद मणिनगर में उपचुनाव हुआ. इस बार सुरेशभाई धनजीभाई पटेल बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े. कांग्रेस के टिकट पर एक बार फिर जतीन विजय जैन थे. सुरेशभाई ने आसानी से उन्हें पराजित कर दिया. 

Maninagar Assembly constituency result 2017

2017 चुनावों में भी बीजेपी ने इस सीट पर बाजी मारी. इस बार भी बीजेपी ने सुरेशभाई धनजीभाई पटेल को टिकट दिया. कांग्रेस ने इस बार श्वेता ब्रह्मभट्ट को चुनावी मैदान में उतारा. सुरेशभाई ने इस बार 75 हजार से ज्यादा वोटों से जीत हासलि की.  

मोदी ने किया इस इलाके को विकसित
मणिनगर विधानसभा अहमदाबाद शहर का हिस्सा है. यह सीट पश्चिमी अहमदाबाद लोकसभा क्षेत्र में आता है. बताया जाता है कि जब नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री बने तो इस इलाके के हालात अच्छे नहीं थे. अच्छी सड़कों का आभाव था. स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी थी. ऐतिहासिक कंकरिया झील के आसपास गंदगी का अंबार था. इस इलाके में कई कपड़ा मिल भी थे जो बंद हो चुके थे. रोजगार के साधन भी कम थे. मोदी के जीतने के बाद इस इलाके में काफी बदलाव हुआ. मणिनगर का दृश्य ही बदल गया. जिस कंकड़िया झील के आसपास पहले सिर्फ गंदगी देखने को मिलती थी वह अब टूरिस्ट प्लेस बन गया है. मोदी के इसी विकास योजनाओं की वजह से यह बीजेपी का गढ़ बन गया है. 

ब्राह्मण और बनिए बड़ी संख्या में
मणिनगर विधानसभा में करीब 2,59,289 वोटर हैं. यहां मुस्लिम वोटरों की संख्या करीब 6 फीसदी है. वहीं दलित भी 6 फीसदी हैं. इस क्षेत्र में ट्राइबल वोट न के बराबर हैं. इस सीट पर राजपूत, ब्राह्मण, बनिया और पाटीदारों की संख्या अच्छी-खासी है.

इस सीट पर दूसरे चरण में 5 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे. 8 दिसंबर को तय होगा कि मणिनगर में बीजेपी की विजय यात्रा को इस बार आम आदमी पार्टी या कांग्रेस रोक पाती है या नहीं.

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