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Gujarat Election 2022: गुजरात में 4 बार के विधायक ने छोड़ी BJP, मोदी कैबिनेट में रहे थे मंत्री

BJP 27 साल की सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रही है. ऐसे में पार्टी को इस बार कांग्रेस और आम आदमी पार्टी से तगड़ी चुनौती मिल रही है.

Gujarat Election 2022: गुजरात में 4 बार के विधायक ने छोड़ी BJP, मोदी कैबिनेट में रहे थे मंत्री
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डीएनए हिंदी: आम आदमी पार्टी (AAP) ने गुजरात विधानसभा चुनाव (Gujarat Election 2022) के लिए अपने सीएम फेस के लिए इसुदान गढ़वी के नाम का ऐलान किया तो दूसरी ओर आप के ही एक दिग्गज नेता इंद्रनील राजगुरु ने पार्टी छोड़ दी थी. अब एक दिन बार बीजेपी को यहां गुजरात में एक बड़ा झटका लगा है क्योंकि गुजरात में चार बार के बीजेपी विधायक और पीएम मोदी के करीबी रहे जय नारायण व्यास (Jai Narayan Vyas) ने पार्टी छोड़ दी है. खास बात यह है कि जब मोदी गुजरात में सीएम थे उस दौरान उनकी कैबिनेट में 2007 के बाद जय नारायण व्यास भी शामिल हुए थे. 

दरअसल, गुजरात में बीजेपी के सीनियर नेता और चार बार के विधायक जय नारायण व्यास ने विधायकी से लेकर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. अब संभावनाएं है कि वे कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में भी शामिल हो सकते हैं लेकिन आप से उनकी सीधा जुड़ाव होने की संभावना है लेकिन यह पूरा घटनाक्रम बीजेपी के लिए गुजरात के राजनीतिक लिहाज से एक बड़ा झटका है. 

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टिकट न मिलने के चलते दिया इस्तीफा!

बीजेपी छोड़ने के बाद पीएम मोदी की गुजरात कैबिनेट में शामिल रहे राज्य के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री व्यास ने कहा, "मैं बीजेपी में परेशान था. इसलिए पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूं. मैंने अपने लिए सभी विकल्पों को खुला रखा है. मैं सिद्धपुर विधानसभा सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ूंगा." इस्तीफे के पत्र में जय नारायण व्यास ने निजी कारण बताए हैं लेकिन यह माना जा रहा है कि उन्होंने पहले से ही टिकट को लेकर आम आदमी पार्टी या कांग्रेस के साथ सेटिंग कर ली है.

वहीं कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि जय नारायण व्यास की पार्टी लीडरशिप से बात चल रही है और सिद्धपुर विधानसभा सीट से जय नारायण व्यास टिकट चाहते हैं और इसके लिए पार्टी से संपर्क में बने हुए हैं. जानकारी के मुताबिक कांग्रेस का आंतरिक सर्वे यह मानता है कि गुजरात की सिद्धपुर विधानसभा सीट से सबसे लोकप्रिय नेता जय नारायण व्यास ही हैं.

ऐसे में कांग्रेस में व्यास के जाने के चांस ज्यादा है. आपको बता दें कि वे इस विधानसभा सीट से 7 बार चुनाव लड़ चुके हैं और 4 बार जीत हासिल कर चुके हैं. हालांकि 2017 में वह इस सीट से हार गए थे और कांग्रेस के चंदाजी ठाकोर ने जीत हासिल की थी लेकिन अब कांग्रेस यहां व्यास को लाने की तैयारी कर रही है.

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बड़ा है राजनीतिक रसूख

जय नारायण व्यास के राजनीतिक कद की बात करें तो अहम बात यह है कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफी खास हैं. साल 2007 में सिद्धपुर से कांग्रेस के बलवंत सिंह राजपूत को हराने के बाद व्यास को तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी कैबिनेट में शामिल किया था. उन्हें फैमिली वेलफेयर ऐंड हेल्थ दिया गया था. इतना ही नहीं नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट यानी सरदार सरोवर डैम प्रोजेक्ट का भी काम जय नारायण व्यास ने संभाला था.

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