Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

गुजरात के Tribal इलाकों में जोर लगा रहे पीएम नरेंद्र मोदी, समझिए क्यों अहम हैं जनजातीय वोटर्स

Gujarat Assembly Election Tribal Votes: गुजरात के विधानसभा चुनाव में इस बार जनजातीय मतदाता काफी अहम हो गए हैं. हर पार्टी इनके लिए जोर लगा रही है.

गुजरात के Tribal इलाकों में जोर लगा रहे पीएम नरेंद्र मोदी, समझिए क्यों अहम हैं जनजातीय वोटर्स

जनजातीय इलाकों में जोर लगा रहे नेता

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: गुजरात विधानसभा चुनाव (Gujarat Elections) का ऐलान होने में चंद दिन ही बाकी हैं. सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सबसे बड़ें कैंपेनर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) गुजरात के दौरे पर हैं. मंगलवार को उन्होंने जनजातीय बहुल पंचमहल जिले के जंबूघोड़ा में लगभग 860 करोड़ रुपये की कई परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया. इस कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी ने बीजेपी सरकार की ओर से जनजातीय समुदाय (Tribal Community) के लिए काम याद दिलाते हुए विपक्षी कांग्रेस पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि बीजेपी की केंद्र में सरकार बनने पर अटल बिहारी वाजपेयी ने जनजातीय मंत्रालय बनाया तब से ही जनजातीय समुदाय पर पैसे खर्च होना शुरू हए. मोदी ने यह भी कहा कि विपक्षी सरकारों ने कभी भी जनजातीय वर्ग के विकास के बारे में नहीं सोचा.

गुजरात विधानसभा चुनाव में इस बार जनजातीय समुदाय काफी अहम हो गया है. इसका सबसे बड़ा कारण है कि गुजरात में अनुसूचित जनजाति के लिए कुल 27 सीटें आरक्षित हैं. 182 सीटों वाली गुजरात विधानसभा में 27 सीटें काफी अहम हैं. इसके अलावा, पूरे गुजरात में जनजातीय समुदाय की कुल जनसंख्या 14.75 प्रतिशत है. यही कारण है कि बीजेपी के अलावा आम आदमी पार्टी भी इन 27 सीटों पर निगाहें गड़ाकर बैठी है. AAP ने इन सीटों पर अच्छी पकड़ रखनी वाली भारतीय ट्राइबल पार्टी से गठबंधन भी किया था लेकिन चुनाव से पहले ही यह गठबंधन टूट गया.

यह भी पढ़ें- हिमाचल में भाजपा का सिरदर्द बने 'भितरघाती', प्रदेश उपाध्यक्ष समेत 6 नेता निष्कासित

क्यों अहम हैं जनजातीय वोटर्स?
बीजेपी अपनी रणनीति के तहत आदिवासी और जनजातीय मतदाताओं पर फोकस कर रही है. गुजरात के अलावा राजस्थान और मध्य प्रदेश में भी इस समुदाय के अच्छे-खासे मतदाता हैं. अगर ये बीजेपी के पक्ष में लामबंद होते हैं तो लोकसभा चुनाव में भी ये बीजेपी को फायदा पहुंचा सकते हैं. गुजरात के बाद राजस्थान के भी जनजातीय इलाके में बड़ी रैली करने वाले हैं.

गुजरात में क्या है जनजातीय समुदाय का गणित
गुजरात में अनुसूचित जनजाति के लिए 27 सीटें तो सीधे-सीधे आरक्षित हैं. राज्य की कुल जनसंख्या का 14.75 प्रतिशत इसी समुदाय से है. गुजरात के 33 में से 14 जिले ऐसे हैं जिनमें जनजातीय समुदाय अच्छी-खासी संख्या में है. 48 तालुका, 15 पॉकेट और 4 क्लस्टर में फैले जनजातीय समुदाय के लोग राज्य के 18 प्रतिशत हिस्से में रहते हैं. भील, हलपति, ढोढिया, गामित, चौधरी, वरली, गामित और राठवा जैसी जातियां अहम हैं.

यह भी पढ़ें- Gujarat Election: जहां से आडवाणी ने शुरू की थी रथ यात्रा, वहां जीत को तरसती है भाजपा

2017 में हुए गुजरात विधानसभा चुनाव में 27 में से 15 सीटों पर कांग्रेस और भारतीय ट्राइबल पार्टी को दो सीटों पर जीत हासिल हुई. तब ये दोनों पार्टियां गठबंधन में थीं. उस चुनाव बीजेपी को 27 में से केवल 9 सीटों पर ही जीत मिली थी और बीजेपी मुश्किल से बहुमत तक पहुंच पाई थी. पिछले नतीजों से बीजेपी काफी सतर्क है और वह हर हाल में इन सीटों पर खुद को मजबूत करने की कोशिश करने में जुटी हुई है.

यह भी पढ़ें- गुजरात में सियासी पारा बढ़ाएंगे केजरीवाल और भगवंत मान, गहलोत भी हुए एक्टिव 

सीटों की संख्या, जनजातीय समुदाय की जनसंख्या और पिछले चुनाव के नतीजे, ये तीन चीजें ऐसी हैं जो गुजरात विधानसभा चुनाव में जनजातीय समुदाय को बेहद अहम बना रही हैं. बीजेपी हर हाल में अपनी सीटें बढ़ाना चाहती है. सत्ता में वापसी की कोशिशों में लगी कांग्रेस किसी भी सूरत में अपनी सीटों की संख्या को कम नहीं होने देना चाहती. वहीं, पहली बार ही पूरे दम से चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी भी इन 27 सीटों पर जोर लगा रही. बीटीपी के छोटू वसावा ने भी ऐलान किया है कि इस बार उनकी पार्टी सभी 27 सीटों पर अकेले ही चुनाव लड़ेगी.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement
Advertisement