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Himachal Assembly Election 2022: हिमाचल में इन सीटों पर होगी कांटे की टक्कर, CM जयराम ठाकुर की सीट भी शामिल

Himachal Assembly Election 2022: हिमाचल की सेराज विधानसभा सीट पर सीएम जयराम ठाकुर और कांग्रेस के चेतराम ठाकुर के बीच सीधी टक्कर होगी. 

Himachal Assembly Election 2022: हिमाचल में इन सीटों पर होगी कांटे की टक्कर, CM जयराम ठाकुर की सीट भी शामिल

2012 में परिसीमन के बाद कई सीटों पर समीकरण बदल गए हैं. 

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डीएनए हिंदीः हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दलों ने पूरी ताकत लगा दी है. बीजेपी के सामने जहां सरकार को बचाने की चुनौती है तो वहीं कांग्रेस सत्ता में वापसी के लिए जोर लगी रही है. हिमाचल की 68 सीटों पर एक ही चरण में 12 नवंबर को मतदान किया जाएगा. 29 अक्टूबर को नामांकन वापसी की अंतिम तिथि है. वहीं मतगणना 8 दिसंबर को होगी. हिमाचल में कुछ सीटें ऐसी हैं जहां कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी. इन पर नजर डालते हैं. 
 
सेराज विधानसभा सीट 
हिमाचल की सेराज विधानसभा सीट (Seraj Constituency) पर मुख्यमंत्री और बीजेपी प्रत्याशी जयराम ठाकुर (Jai Ram Thakur) और कांग्रेस के चेतराम ठाकुर (Chet Ram Thakur) के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिलेगा. दोनों के बीच तीसरी बार मुकाबला होगी. 2017 के चुनाव में जयराम ठाकुर ने उन्हें 11,254 वोटों से मात दी दी. कांग्रेस एक बार फिर 'आम आदमी का बेटा' नारे के साथ चुनाव मैदान में है. इससे पहले कांग्रेस 1998, 2003, 2007, 2012 और 2017 में भी यह अपील कर चुकी है.  

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शाहपुर विधानसभा सीट 
शाहपुर विधानसभा सीट (Shahpur Constituency) पर बीजेपी के सरवीन चौधरी (Sarveen Choudhary) और कांग्रेस के केवल सिंह पठानिया (Kewal Singh Pathania) के बीच टक्कर देखने को मिलेगी. कांग्रेस के पूर्व मंत्री मेजर विजय सिंह मनकोटिया (सेवानिवृत्त) के हाल ही में भाजपा में शामिल होने के बाद कांगड़ा जिले के शाहपुर विधानसभा क्षेत्र में राजनीतिक समीकरण बदल गए हैं. वह इस बार चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, जिससे कांग्रेस प्रत्याशी को फायदा हो सकता है. ऐसे में इस सीट पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला होगा. मनकोटिया ने 2012 और 2017 में शाहपुर से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन दोनों बार भाजपा उम्मीदवार सरवीन चौधरी से हार गए. कांग्रेस प्रत्याशी केवल सिंह पठानिया तीसरे स्थान पर रहे थे. दरअसल, कांग्रेस के बागी पठानिया और मनकोटिया को सरवीन चौधरी से ज्यादा वोट मिले थे लेकिन वोट बंटवारे ने कांग्रेस को ठेस पहुंचाई. मनकोटिया को अपने समर्थकों से सरवीन चौधरी को वोट देने की उम्मीद है. मनकोटिया के समर्थकों ने सोशल मीडिया पर उनके भाजपा में शामिल होने के फैसले का कड़ा विरोध किया था. मनकोटिया के समर्थन से शाहपुर से बसपा के टिकट पर 2017 का चुनाव लड़ने वाले ओंकार ठाकुर खुलेआम कांग्रेस उम्मीदवार के लिए प्रचार कर रहे हैं.

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कसौली विधानसभा 
हिमाचल की कसौली विधानसभा (Kasauli Constituency) सीट पर बीजेपी के डॉ राजीव सैजल (Dr. Rajiv Saizal) कांग्रेस से विनोद सुल्तानपुरी और आम आदमी पार्टी के हरमल धीमान के बीच त्रिकोणीय मुकाबले के आसार हैं. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री राजीव सैजल ने आरक्षित कसौली (एससी) सीट को बरकरार रखने के लिए पूरा जोर लगा दिया है. तीन बार के विधायक सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रहे हैं और लगातार चौथी बार सीट जीतना उनके लिए एक कठिन काम है. सैजल ने 2017 के विधानसभा चुनाव में 442 वोटों के मामूली अंतर जीत दर्ज की थी. वहीं 2012 के चुनाव में वह महज 44 वोटों से जीत दर्ज कर पाए. इस सीट पर एक बार फिर कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है. भाजपा सत्ता विरोधी लहर से जूझ रही है जबकि कांग्रेस अंदरूनी कलह का सामना कर रही है. 2007 तक यह सीट कांग्रेस का गढ़ थी लेकिन तब से पार्टी इसे जीत नहीं पाई. इस बार भी स्थिति बेहतर नहीं है. विनोद सुल्तानपुरी कांग्रेस के सबसे अच्छे दांव के रूप में उभरे थे लेकिन हाल ही में उनका विरोध करने वाले एक गुट के नेतृत्व वाली ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के भंग होने के बाद उन्हें विरोध का सामना करना पड़ रहा है. आप की मौजूदगी से भाजपा और कांग्रेस दोनों की चुनावी संभावनाओं पर असर पड़ने की संभावना है. निर्वाचन क्षेत्र का धर्मपुर कस्बा स्वास्थ्य संस्थानों में स्टाफ की कमी, सड़कों की बदहाली, पीने योग्य पानी की किल्लत और इकलौते कॉलेज भवन के निर्माण में देरी से त्रस्त है. क्षेत्र में रोजगार के अवसर नहीं मिलने से स्थानीय युवा परेशान हैं. 

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नूरपुर विधानसभा सीट  
नूरपुर विधानसभा सीट (Nurpur Constituency) पर बीजेपी के रणवीर सिंह (निक्का), कांग्रेस के अजय महाजन और आम आदमी पार्टी की मनीषा कुमारी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने का मिलेगा. राकेश पठानिया के खिलाफ बगावत कर उनके खिलाफ रैलियां करने वाले रणवीर सिंह निक्का को नूरपुर से बीजेपी का टिकट दिया गया है. उनका कांगड़ा में कांग्रेस के जिलाध्यक्ष अजय महाजन के बीच सीधा मुकाबला होगा. अगर राकेश पठानिया के समर्थक रणवीर निक्का को अपना नेता नहीं मानते हैं और क्षेत्र में भाजपा काडर बंटा रहता है तो अजय महाजन को फायदा हो सकता है. महाजन वर्तमान राज्य सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर पर निर्भर हैं. वहीं आम आदमी पार्टी की ओर से मनीषा कुमारी पर दांव खेला गया है.  

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