Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

Himachal Pradesh Assembly Election 2022: भाजपा का सिरदर्द बने 'भितरघाती', प्रदेश उपाध्यक्ष समेत 6 नेता निष्कासित

Himachal Pradesh Election 2022 में भाजपा को एकतरफ सत्ता बरकरार रखनी है, वहीं ये उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का गृह राज्य भी है.

Himachal Pradesh Assembly Election 2022: भाजपा का सिरदर्द बने 'भितरघाती', प्रदेश उपाध्यक्ष समेत 6 नेता निष्कासित
FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: भाजपा के लिए हिमाचल प्रदेश चुनाव (Himachal Pradesh Election 2022) बेहद मुश्किल साबित हो रहे हैं. भाजपा को जहां एकतरफ बाहरी मोर्चे पर प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस (Congress) के साथ ही मजबूती से ताल ठोक रही आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, वहीं उसके लिए 'भितरघाती' भी बड़ा सिरदर्द बनने जा रहे हैं. पार्टी के टिकट वितरण से नाराज होकर बहुत सारे नेताओं ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर ताल ठोक दी है. नामांकन वापस लेने की अवधि तक इन्हें मनाने में फेल रही भाजपा ने अब इन नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाना शुरू कर दिया है. दो दिन में 6 बागी नेताओं को निष्कासित किया गया है, जिनमें पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष राम सिंह (BJP State Vice President Ram Singh) और पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष कृपाल परमार (Ex BJP State Vice President Kripal Parmar) भी शामिल हैं.

इन नेताओं को भी किया गया है निष्कासित

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मौजूदा प्रदेश उपाध्यक्ष राम सिंह ने कुल्लू विधानसभा सीट पर नरोत्तम ठाकुर के खिलाफ और पूर्व उपाध्यक्ष कृपाल परमार ने फतेहपुर सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन किया हुआ था. हिमाचल प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप (Himachal Pradesh BJP President Suresh Kashyap) ने इन दोनों नेताओं को 6-6 साल के लिए पार्टी की सदस्यता से निष्कासित कर दिया है. इनके अलावा किन्नौर से तेजवंत नेगी, आनी से किशोरी लाल, इंदौरा से पूर्व विधायक मनोहर धीमान और नालागढ़ से निर्दलीय नामांकन करने वाले केएल ठाकुर को भी निष्कासित किया गया है.

पढ़ें- Delhi Election: भाजपा करेगी इंटरनेट से वार, 50,000 डिजिटल योद्धा किए तैयार

कुल्लू सीट से पूर्व सांसद महेश्वर सिंह ने भी निर्दलीय पर्चा भरा था, लेकिन पार्टी उन्हें मनाकर नामांकन वापस कराने में सफल हो गई है. राम सिंह का रुतबा पार्टी में अब तक बेहद ऊंचा माना जा रहा था. उन्हें प्रदेश उपाध्यक्ष बनाने के साथ ही मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Jai Ram Thakur) ने हिमाचल प्रदेश मार्केटिंग कॉर्पोरेशन (HPMC) का भी वाइस चेयरमैन नियुक्त किया था, लेकिन उन्होंने चुनावी टिकट नहीं मिलने पर बगावत कर दी. कृपाल परमार भी पार्टी के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष रहने के अलावा राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं. इसके बावजूद उनका टिकट कट गया है, जिससे वे बेहद नाराज हैं.

पढ़ें- Himachal Assembly Election 2022: मतदान से पहले होंगे मोदी के तूफानी दौरे, जानिए करेंगे 5 दिन में कितनी रैलियां

मुख्यमंत्री के अपने जिले में असंतोष

पार्टी के टिकट वितरण को लेकर प्रदेश भर के कार्यकर्ताओं में फैले असंतोष से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का गृह जिला मंडी भी नहीं बचा हुआ है. मंडी जिले की नचन सीट से जहां ज्ञान चंद निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर डटे हुए हैं, वहीं सुंदरनगर सीट पर पूर्व मंत्री रूप सिंह के बेटे अभिषेक ठाकुर ने भाजपा उम्मीदवार राकेश जामवाल के खिलाफ निर्दलीय ताल ठोकी हुई है. मंडी सदर सीट पर प्रवीण शर्मा ने पर्चा भरा हुआ है, जो केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur Father) के पिता व पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल (Prem Kumar Dhumal) के कट्टर समर्थन माने जाते हैं. भाजपा ने यहां से अनिल शर्मा को टिकट दे रखा है.

पढ़ें- हिमाचल में इन सीटों पर होगी कांटे की टक्कर, CM जयराम ठाकुर की सीट भी शामिल

गद्दी समुदाय के कद्दावर नेता विपिन भी नाराज

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश में गद्दी समुदाय के कद्दावर नेता विपिन नेहरिया भी पार्टी प्रबंधन से नाराज हैं और उन्होंने भी कांगड़ा क्षेत्र की धर्मशाला सीट से निर्दलीय नामांकन किया हुआ है. विपिन भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष भी हैं. उनके समर्थन में बड़ी संख्या में भाजपाइयों के पार्टी छोड़ने की खबर है. 

भाजपा का दामन छोड़कर निर्दलीय ताल ठोकने वालों में कांगड़ा से कुलबश चौधरी और देहरा के मौजूदा विधायक होशियार सिंह भी शामिल हैं. 

पढ़ें- Morbi Bridge Accident: हादसे वाली जगह गए पीएम मोदी, अस्पताल में भर्ती घायलों से भी पूछा हालचाल

मुख्यमंत्री के साथ नड्डा खुद मैदान में डटे

हिमाचल प्रदेश भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का गृह राज्य भी है. इस कारण यहां के चुनाव परिणाम उनके लिए निजी तौर पर भी बेहद अहम हैं. इसी कारण बागियों को मनाने में मुख्यमंत्री ठाकुर के साथ ही नड्डा खुद भी मैदान में डटे रहे. इसका परिणाम अनुकूल नहीं आने के बाद अब उनके इशारे पर ही बागियों के खिलाफ निष्कासन की कार्रवाई शुरू की गई है.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement
Advertisement