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UP Election 2022: भतीजे अखिलेश के साथ क्यों मिलाया हाथ? शिवपाल ने बताई वजह

शिवपाल यादव एक अरसे से अपने भतीजे अखिलेश यादव से नाराज रहें हैं. विधानसभा चुनाव 2022 में एक बार फिर दोनों ने साथ हुंकार भरी है.

UP Election 2022: भतीजे अखिलेश के साथ क्यों मिलाया हाथ? शिवपाल ने बताई वजह

akhilesh yadav and shivpal yadav political row bjp joining comment

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डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के सबसे बड़े समाजवादी कुनबे (Samajwadi Party) में फूट पड़ गई थी. चाचा शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) और भतीजे अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की सियासी लड़ाई सुर्खियों में रही. शिवपाल ने सपा से अलग होकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी बना ली थी. अब उन्होंने वाराणसी की एक चुनावी रैली में यह खुलासा किया है कि आखिरकार एक बार फिर भतीजे के साथ आए हैं.

शिवपाल सिंह यादव ने गुरुवार को कहा कि जनता के कहने पर उन्होंने सपा अध्यक्ष और अपने भतीजे अखिलेश यादव से हाथ मिलाया है. शिवपाल ने यह भी बताया कि किस वजह से उन्होंने भतीजे के साथ दोबारा आने का फैसला किया.

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क्यों अखिलेश के साथ आए शिवपाल?

शिवपाल यादव ने कहा, 'जब हम उत्तर प्रदेश के दौरे पर निकले थे, उस समय आपने हमसे एक ही मांग की थी कि चाचा भतीजे एक हो जाओ तभी भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार इस प्रदेश से हट सकती है. आपकी बात को मान कर हम और अखिलेश एक हो गए हैं. अब आपको निर्णय लेना है.'

काशी के लिए क्या है शिवपाल का सवाल?

शिवपाल यादव ने कहा कि 10 मार्च को इस प्रदेश से बीजेपी का सफाया आपको करना है. यह काम आपके वोट से होना है. हम आपसे पूछना चाहते हैं कि बनारस की सभी सीटों पर गठबंधन के उम्मीदवार जीतेंगे या नहीं?

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क्यों सियासी दुश्मन बन गए थे अखिलेश और शिवपाल?

अखिलेश यादव और शिवपाल यादव में सियासी तल्खियां 2016 के बाद बढ़नी शुरू हो गईं. अखिलेश यादव उस वक्त यूपी की कमान संभाल रहे थे. उन्होंने तत्कालीन कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव और उनके समर्थक कई मंत्रियों को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया था. भतीजे के इस फैसले से शिवपाल बेहद नाराज हो गए थे.

नाराजगी इतनी बढ़ गई कि उन्होंने एक अलग सियासी दल भी बना लिया. उनकी पार्टी का नाम प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) है. 2019 के लोकसभा चुनाव में वह फिरोजाबाद सीट से सपा प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़े थे. दोनों के बीच सियासी लड़ाई सितंबर 2021 में जाकर खत्म हुई जब विधानसभा चुनावों में दोनों ने साथ आने का फैसला लिया. 

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