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पंजाब विधानसभा चुनाव: किसान आंदोलन के जरिए राजनीति में उतरे गुरुनाम सिंह चढ़ूनी

किसान आंदोलन के बाद अब राजनीतिक फसल काटने के लिए गुरुनाम सिंह चढ़ूनी ने अपनी नई राजनीतिक पार्टी बना ली है.

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पंजाब विधानसभा चुनाव: किसान आंदोलन के जरिए राजनीति में उतरे गुरुनाम सिंह चढ़ूनी
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डीएनए हिंदी :  मोदी सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब हरियाणा के किसानों ने विरोध किया तो मोदी सरकार ने किसानों की मांगे मानते हुए कानून वापस ले लिए. वहीं अब किसान नेताओं की मंशाएं सामने आने लगी हैं. भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरुनाम सिंह चढ़ूनी ने नई राजनीतिक पार्टी का ऐलान कर दिया है. उनका कहना है कि पूरे दम-खम के साथ पंजाब के विधानसभा चुनाव में ताल ठोकेंगे.

बना ली हैं नई राजनीतिक पार्टी 

दरअसल, भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने अपनी नई राजनीतिक पार्टी बनाई है. इसका नाम उन्होंने संयुक्त संघर्ष पार्टी रखा है. उन्होंने ये सारे ऐलान प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए किए हैं. उनका ये रवैया दर्शाता है किसान नेताओं ने दिल्ली की सीमाओं पर एक साल से जो राजनीतिक फसल उगाई थी, उसे अब वो काटने की प्लानिंग कर चुके हैं. 

सभी सीटों पर लड़ेंगे चुनाव

पंजाब विधानसभा चुनाव को लेकर पहले ही चढ़ूनी की राजनीतिक मंशाएं सामने आती रही हैं किन्तु अब उन्होंने पार्टी के गठन के ऐलान के साथ ही कहा, "उनकी पार्टी पूरे दम-खम के साथ पंजाब का चुनाव लड़ेगी. उन्होंने कहा कि संयुक्त संघर्ष पार्टी 2022 का पंजाब चुनाव सभी सीटों पर लड़ेगी."  उन्होंने कहा, "आज ज्यादातर राजनैतिक पार्टियों पर पैसे वाले लोगों का कब्ज़ा है. देश में पूंजीवाद लगातार बढ़ता जा रहा है, अमीर और गरीब के बीच बड़ी खाई बन रही है." 

आम जनता की पार्टी

चढ़ूनी ने राजनीतिक पार्टी बनाने के साथ ही मंझे हुए राजनेता की तरह बात करना शुरू कर दिया है. उन्होंने धर्म निरपेक्षता को लेकर कहा, "हमारी पार्टी जाति और धर्म से ऊपर होगी और धर्मनिरपेक्ष होगी. ये सब धर्मों, सब जातियों की पार्टी होगी. इस पार्टी में ग्रामीण, शहरी, मज़दूर, किसान, रेहड़ी, पटरी के लोग शामिल होंगे."

चढ़ूनी समेत लगभग सभी किसान नेताओं ने अनेकों बार राजनीतिक मंशाएं जाहिर की हैं. उस दौरान यही लोग अन्य नेताओं को कोसते थे किन्तु विडंबना ये है कि ये सभी राजनेता स्वयं ही राजनीति के महायुद्ध में कूद गए हैं. 

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