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Punjab Election 2022: Badal ने चला Kejriwal के खिलाफ भुल्लर की रिहाई का दांव, क्या फंस जाएगी AAP?

Punjab Election 2022 से पहले प्रकाश सिंह बादल ने मांग की है कि 1993 बम ब्लास्ट के आरोपी भुल्लर को स्वास्थ्य कारणों से रिहा किया जाए.

Punjab Election 2022: Badal ने चला Kejriwal के खिलाफ भुल्लर की रिहाई का दांव, क्या फंस जाएगी AAP?
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डीएनए हिंदी: पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 (Punjab Election 2022) को लेकर राजनीति काफी गर्म है. ओपिनियन पोल्स में सबसे आगे आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) दिख रही है. वहीं इन सबके बीच AAP की मुश्किल बढ़ाने के लिए शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) ने धार्मिक सद्भाव का दांव खेला है. पार्टी के मुखिया और पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल (Prakash Singh Badal) ने 1993 बम ब्लास्ट के आरोपी दविंदर पाल सिंह भुल्लर की रिहाई की मांग उठाई है. 

बादल ने जारी किया बयान

बम ब्लास्ट के आरोपी भुल्लर की रिहाई को लेकर प्रकाश ‌सिंह बादल ने एक बयान जारी किया है. उन्होंने कहा, “अतीत में पंजाब को कांग्रेस शासकों द्वारा इन तुच्छ सांप्रदायिक और ध्रुवीकरण की राजनीतिक साजिशों के कारण काफी नुकसान उठाना पड़ा था. अरविंद केजरीवाल को उन्हीं तुच्छ कारणों से उसी रास्ते पर चलने से गुरेज करना चाहिए.”

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बादल ने भुल्लर की स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं की ओर इशारा करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) से उसकी रिहाई की मांग की है. उन्होंने कहा, “ सिर्फ कानूनी बातों के अलावा बुनियादी मानवीय चिंता से आपको इस मामले में तेजी से सकारात्मक कार्रवाई करने के लिए मजबूर करना चाहिए.” 

समरसता बनाने की मांग

प्रकाश सिंह बादल ने केजरीवाल को धार्मिक समरसता बनाने की सलाह देते हुए कहा, “केजरीवाल को यहां विभिन्न समुदायों के बीच मजबूत पारंपरिक भाईचारे के बंधन को कमजोर करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए. पंजाब शांति और सांप्रदायिक सद्भावना बिगाड़ने वाले किसी भी व्यक्ति को माफ नहीं करेगा. भुल्लर की रिहाई पंजाब में समुदायों की बीच शांति और भाईचारे की भावना को बढ़ावा देगी.” 

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हो सकता है ध्रुवीकरण 

गौरतलब है कि Punjab Election 2022 से पहले भुल्लर की रिहाई का मामला ध्रुवीकरण को बढ़ावा दे सकता है. ऐसे में दोनों पार्टियों को ही अलगाववादियों के साथ दिखने का फायदा या नुक़सान हो सकता है. पिछले विधानसभा चुनाव में कुछ नेताओं के साथ अरविंद केजरीवाल की तस्वीरें वायरल होने के बाद उन पर अलगाववादियों के समर्थन के आरोप लगने लगे थे जिसका पार्टी को विधानसभा चुनाव में नुकसान भी हुआ था. ऐसे में शिअद द्वारा भुल्लर की रिहाई की मांग एक ध्रुवीकरण के जाल का संकेत देती है.

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