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FIR on Elvish Yadav: क्या होती है रेव पार्टी, सांप के जहर का होता है क्या इस्तेमाल

Elvish Yadav Snake Venom Row: यूट्यूबर एल्विश यादव और उसके पांच साथियों के खिलाफ नोएडा पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है. इ सभी पर रेव पार्टियों में सांप का जहर सप्लाई करने का आरोप है. पार्टियों में इस जहर का इस्तेमाल बता रही ये रिपोर्ट.

FIR on Elvish Yadav: क्या होती है रेव पार्टी, सांप क��े जहर का होता है क्या इस्तेमाल

Elvish Yadav Rave Party Snake Venom

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डीएनए हिंदी: Elvish Yadav Latest News- मशहूर यूट्यूबर और बिग बॉस OTT2 के विजेता एल्विश यादव के लाखों फॉलोअर हैं. ये सभी फॉलोअर नोएडा पुलिस की तरफ से एंटरटेनमेंट वर्ल्ड की इस हस्ती के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने से हैरान रह गए हैं. एल्विश और उसके पांच साथियों पर रेव पार्टी के आयोजन का आरोप है, जिसमें पुलिस को 20 मिलीलीटर सांप का जहर, 9 जहरीले सांप उनके कब्जे से बरामद हुए हैं. एल्विश यादव पर नोएडा के सेक्टर-51 के बैकवॉटर हॉल में आयोजित रेव पार्टी के लिए प्रतिबंधित सांप का जहर सप्लाई करने का आरोप है. हालांकि एल्विश ने वीडियो बयान जारी करते हुए इन आरोपों को खारिज किया है, लेकिन फिलहाल पुलिस उनकी तलाश में छापेमारी कर रही है. 

इस मामले के बाद रेव पार्टी (Rave Party) फिर से चर्चा में आ गई है. चलिए आपको बताते हैं कि रेव पार्टी कैसी होती है और इसमें सांप के जहर का क्या इस्तेमाल किया जाता है.

पहले जान लीजिए क्या होती है रेव पार्टी

रेव पार्टी उन सामान्य डांस पार्टियों से थोड़ा अलग होती है, जिनमें पूरी रात इलेक्ट्रॉनिक म्यूजिक पर युवा नाचते हैं. रेव पार्टियों में सहनशक्ति की सीमा से भी ज्यादा तेज आवाज में बिग साउंड सिस्टम्स के जरिये बड़े-बड़े सबवूफर्स के जरिये धमाकेदार म्यूजिक का आयोजन होता है. साथ ही इनमें लेजर शो, इमेज प्रोजेक्शंस, नियोन साइंस और फॉग मशीन जैसे विजुअल इफेक्ट्स का भी इस्तेमाल किया जाता है. अमूमन रेव पार्टियों की शुरुआत आधी रात में होती है और ये सुबह दिन निकलने तक चलती हैं. अब तक की बात पढ़कर आपको शायद रेव पार्टी में कुछ भी गलत नहीं लगा होगा. 

हिप्पी लेकर आए थे रेव पार्टी कल्चर

भारत में रेव पार्टियों की शुरुआत 1980 के आसपास हुई थी. ये अंडरग्राउंड पार्टियां होती थीं यानी इनके आयोजन की जानकारी आम लोगों को नहीं होती थी. इनका आयोजन उस दौर में बड़े पैमाने पर इंग्लैंड-ऑस्ट्रेलिया व अन्य यूरोपीय देशों से कृष्ण भक्ति या अध्यात्म की खोज के नाम पर भारत आने वाले हिप्पी या बोहेमियन्स समुदाय ने शुरू किया था. उस दौर में ये पार्टियां अमूमन बंद पड़े हुए गोदामों या ऐसी सुनसान जगहों पर आयोजित होती थी, जो ज्यादा भीड़भाड़ के लिए मशहूर नहीं थे. इन पार्टियों में देवानंद की एक फिल्म का मशहूर गाना 'दम मारो दम' सबसे प्रमुख हिस्सा होता था.

आप सोच रहे होंगे कि तेज आवाज म्यूजिक सुनना और नाचना-गाना, इसमें ऐसा क्या है कि रेव पार्टी का नाम सुनते ही पुलिस के कान खड़े हो जाते हैं. चलिए आगे बताते हैं.

रेव पार्टी का असली सच है ये

रेव पार्टी का असली सच दरअसल म्यूजिक पर नाच-गाने व मौज-मस्ती की आड़ में होने वाल नशे का कारोबार है. रेव (RAVE) का प्रमुख हिस्सा होता है कोकीन (Cocaine) यानी बेहद नशीली ड्रग्स, जिसे पार्टी ड्रग्स भी कहते हैं. इसके अलावा MDMA, MD, LSD, GHB, भांग, हशीश, ketamine, amphetamine और methamphetamine जैसी भयंकर नशीली और प्रतिबंधित ड्रग्स भी रेव पार्टियों में जमकर इस्तेमाल की जाती है. इसी नशे के सुरूर में युवा रात भर कानफोड़ू संगीत पर पार्टी करते हैं. यही गैरकानूनी नशीले पदार्थ रेव पार्टियों को अवैध आयोजन बना देते हैं.

अब जान लीजिए रेव पार्टी में सांप के जहर की जरूरत

रेव पार्टी में सांप के जहर का इस्तेमाल भी वही होता है, जो नशीली ड्रग्स का होता है. अमूमन इसका उपयोग तंबाकू, भांग और अफीम जैसे नशे के सब्सीट्यूट के तौर पर किया जाता है. हालांकि अन्य नशीली ड्रग्स के इस्तेमाल के सामने सांप के जहर का रिक्रिएशनल पर्पज से कम ही उपयोग होता है.

सांप के जहर का नशा दे सकता है मौत

आम ड्रग्स के मुकाबले सांप के जहर का नशे के लिए उपयोग करना बहुत ज्यादा खतरनाक है. इसकी ज्यादा मात्रा आपको मौत का शिकार भी बना सकती है. Zee News से बातचीत में नोएडा के मेट्रो हॉस्पिटल एंड हार्ट इंस्टीट्यूट के सीनियर कंसल्टेंट-इंटरनल मेडिसिन डॉ. साईबल चक्रवर्ती के मुताबिक, अमूमन दो तरह के जहर होते हैं. एक न्यूरोटॉक्सिक और दूसरा हेमोटॉक्सिक. न्यूरोटॉक्सिक जहर की चपेट में आने वाले लोगों में दौरे, ऐंठन और मुंह से झाग निकलने जैसे लक्षण दिखते हैं, जबकि हेमोटॉक्सिक जहर से रक्त में परिवर्तन हो सकता है और रोगी को इंटरनल ब्लीडिंग हो सकती है. दोनों ही हालात में मौत हो सकती है. 

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