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Old Pension Scheme: पंजाब में लागू होगी पुरानी पेंशन योजना, जानिए क्या है ये, जिसकी हर राज्य में हो रही मांग

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ट्वीट करके पुरानी पेंशन लागू करने की कवायद शुरू होने की जानकारी दी है. इसकी मांग साल 2004 से उठ रही है.

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Old Pension Scheme: पंजाब में लागू होगी पुरानी पेंशन योजना, जानिए क्या है ये, जिसकी हर राज्य में हो रही मांग
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डीएनए हिंदी: पंजाब में सरकारी कर्मचारियों के लिए एक खुशखबरी है. पंजाब (Punjab) सरकार ने दोबारा पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) लागू करने की तैयारी शुरू कर दी है. सोमवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने ट्वीट कर इस कवायद की जानकारी सभी को दी. 

देश के तकरीबन सभी राज्यों में सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने की मांग कर रहे हैं. इसके लिए कई बार आंदोलन और हड़ताल भी हो चुकी है. आइए जानते हैं कि पुरानी पेंशन योजना क्या है, यह नई पेंशन योजना (NPS) से कैसे अलग है और इसे दोबारा लागू करने की मांग क्यों हो रही है.

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पहले जानिए भगवंत मान ने क्या कहा

भगवंत मान ने ट्वीट में लिखा, मेरी सरकार पुरानी पेंशन योजना को वापस लाने पर विचार कर रही है. मैंने मुख्य सचिव को इसकी फिजिबिलटी की स्टडी करने के लिए कहा है. साथ ही इसे लागू करने की प्रक्रिया की भी स्टडी करने के लिए कहा है. हम हमारे कर्मचारियों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं.

Bhagwant Mann tweet

पहले जानते हैं क्या है नई और पुरानी पेंशन स्कीम का पेंच

ओल्ड पेंशन स्कीम देश में केंद्रीय व राज्य कर्मचारियों के लिए 1 जनवरी, 2004 से पहले लागू थी. इस स्कीम में कर्मचारी के वेतन से पेंशन नहीं कटती थी बल्कि GPF में लिए जाने वाले अंशदान के ब्याज से पेंशन दी जाती थी. यह रिटायरमेंट के समय मिले आखिरी वेतन का करीब 50% बैठती थी.

सरकार के ऊपर से पेंशन का बोझ घटाने के लिए 1 जनवरी, 2004 के बाद नेशनल पेंशन स्कीम (National Pension Scheme) लागू की गई, जिसे न्यू पेंशन स्कीम भी कहते हैं. इसमें NPS के तहत कर्मचारियों के वेतन से ही 10 फीसदी अंशदान लिया जाता है, जबकि 14% अंशदान सरकार देती है. इससे कर्मचारी की मंथली ग्रॉस सेलरी घट जाती है. साथ ही नई पेंशन स्कीम में पेंशन कितनी मिलेगी, यह भी उस कर्मचारी के पैसे को सरकार की तरफ से बाजार में लगाए जाने पर मिले रिटर्न पर निर्भर करती है यानी निश्चित पेंशन की गारंटी नहीं है.

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OPS और NPS में अंतर

OPS- पेंशन के लिए कर्मचारी के वेतन से कोई पैसा नहीं कटता है.
NPS- कर्मचारी के मूल वेतन व डीए का 10 फीसदी हिस्सा कटता है.

OPS- पुरानी स्कीम में जनरल प्रोविडेंट फंड यानी GPF का प्रावधान है.
NPS- इस स्कीम में CPF यानी सेंट्रल प्रोविडेंट फंड वेतन से कटता है.

OPS- इस स्कीम में 20 लाख रुपये तक ग्रेच्युटी की रकम मिलती है.
NPS- शेयर बाजार आधारित होने से कितनी पेंशन मिलेगी, यह तय नहीं. 

OPS- इसमें छह महीने बाद मिलने वाले DA का प्रावधान है.
NPS- इसमें छह महीने बाद मिलने वाले DA का प्रावधान नहीं है.

OPS- रिटायरमेंट के समय के वेतन की आधी राशि पेंशन के रूप में दी जाती है.
NPS- रिटायरमेंट पर पेंशन पाने को NPS फंड का 40% निवेश करना होता है.

OPS- पुरानी पेंशन स्कीम में भुगतान सरकार की ट्रेजरी के माध्यम से होता है.
NPS- इसमें डीमैट अकाउंट से टैक्स काटकर पेंशन भुगतान दिया जाता है. 

हर राज्य में है पुरानी स्कीम की मांग, ये राज्य उठा रहे कदम

देश के हर राज्य में कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना को दोबारा लागू करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन केंद्र समेत सभी राज्य सरकार दोबारा इस वित्तीय बोझ से बचना चाहती हैं. इसके चलते कर्मचारी बार-बार आंदोलन और हड़ताल भी करते रहते हैं. साथ ही ये चुनावी मुद्दा भी बन चुकी है. पंजाब में तो इसी साल चुनाव में यह बड़ा मु्द्दा रही है.

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हालिया दिनों में पंजाब चौथा राज्य है, जिसने पुरानी पेंशन योजना (OPS) को दोबारा लागू करने की कवायद शुरू की है. इससे पहले झारखंड, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भी पुरानी पेंशन योजना लागू करने को सरकार मंजूरी दे चुकी है, जबकि मध्य प्रदेश में कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपनी सरकार बनने पर इसे लागू करने का चुनावी वादा किया है.  झारखंड (Jharkhand) में तो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 1 अक्टूबर से पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करने की प्रक्रिया भी शुरू करा दी है.

केंद्र सरकार का क्या है रुख

कई राज्यों की तरफ से पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की घोषणा के बाद केंद्र सरकार ने नियन्त्रक व महालेखापरीक्षक (Controller and Auditor General of India) को इसके प्रभावों का सर्वे करने के लिए कहा था. कैग (CAG) ने 28 राज्यों के बहीखातों का पूरा लेखा-जोखा परखा है, जिसमें उनकी आय-व्यय और वेतन पर होने वाला खर्च शामिल है. कैग ने अभी तक अपनी रिपोर्ट नहीं दी है. माना जा रहा है कि एक व्यापक ऑडिट के बाद ही वह रिपोर्ट देगी, जिससे पुरानी पेंशन योजना के लागू होने से खजाने पर बढ़ने वाले बोझ का आकलन हो पाएगा.

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