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Hamas Israel War: हमास से हमदर्दी, इजरायल गुनहगार, दुनिया क्यों सोच रही ऐसा?

इजरायल दुनिया का इकलौता यहूदी देश है. वहीं फिलिस्तीन उस जगह पर है जहां उसे आसानी से खाड़ी देशों का समर्थन मिलता है. जानिए इजरायल सबकी नजरों में खटकता क्यों है.

Hamas Israel War: हमास से हमदर्दी, इजरायल गुनहगार, दुनिया क्यों सोच रही ऐसा?

Israel hamas war.

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डीएनए हिंदी: 7 अक्टूबर 2023. वह तारीख जब इजरायल पर फिलिस्तीन के आतंकी संगठन हमास ने हमला बोल दिया. यह सामान्य हमला नहीं था. एक साथ 5,000 रॉकेट अटैक, बड़ी संख्या में अल अक्सा मंदिर पास घुसपैठ और बड़ी तबाही. दुनिया की सबसे खतरनाक खुफिया एजेंसियों में से एक मोसाद को भनक तक नहीं लगी कि उनके देश में देखते ही देखते 1,400 लोग शहीद हो जाएंगे. इजरायली डिफेंस फोर्स कुछ सोच पाती, उससे पहले ही तबाही मच चुकी थी.

इजरायल अपने दुश्मनों को बख्शने वाले देशों में से नहीं है. इजरायली डिफेंस फोर्स ने जवाबी एक्शन लिया तो हमास की शामत आ गई. सेना ने कहा कि गाजा पट्टी को छोड़कर आम नागरिक देश के दक्षिणी हिस्से में चलें जाएं. इजरायल ने आम लोगों को समय भी दिया. हमास के आतंकियों के साथ भी खाड़ी के कई देश खड़े नजर आए. इजरायल की जवाबी कार्रवाई पर उन्होंने सवाल खड़े किए. दुनिया के प्रगतिशील देशों में भी ऐसा ही हो रहा है.

लंदन में भी इजरालय विरोधी मार्च 
इजरायल की ओर से गाजा पर जारी बमबारी को बंद करने की मांग को लेकर शनिवार को हजारों की संख्या में फिलिस्तीन समर्थकों ने बारिश के बीच लंदन में मार्च निकाला. ठीक इसी तरह दुनिया भर के अलग-अलग शहरों में लोगों ने बमबारी को रोकने के लिए आवाज बुलंद की. 

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इजरायल-हमास के बीच जारी युद्ध का यह तीसरा सप्ताह है.संघर्ष के कारण गाजा में 10 लाख से अधिक लोगों को अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा है. लंदन के व्हाइटहॉल तक मार्च निकालने से पहले फिलिस्तीन समर्थक यहां हाइड पार्क के पास मार्बल आर्क में जुटे थे. 

पुलिस का अनुमान है कि तीन घंटे तक चले इस प्रदर्शन में शामिल होने वाले प्रदर्शनकारियों की संख्या एक लाख तक थी. हाथों में फिलिस्तीनी झंडे लिए और गाजा पर बमबारी बंद करो के नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारियों ने इजरायल द्वारा गाजा पर किए जा रहे हमलों और बमबारी को बंद करने का आह्वान किया. 

आतंक हमास मचाए, इजरायल क्यों विलेन?
इजरायल मध्य-पूर्व का सबसे ताकवर देश है. एक तरफ ईरान, इराक और खाड़ी के देश हैं जो खुलकर फिलिस्तीन इस्लामिक जिहाद और हमास का समर्थन कर रहे हैं, दूसरी तरफ इजरायल अकेला है. रूस भी फिलिस्तीन के साथ है. इजरालय के साथ अमेरिका का वरदहस्त है लेकिन ज्यादातर देश उसके खिलाफ हैं. ऐसा सिर्फ इसलिए है कि इजरायल अपनी सीमाओं की हिफाजत मजबूती से कर सकता है.

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फिलिस्तीन पर पहला हमला इजरायल ने नहीं किया था. हमास ने धावा बोला था. हमास से ज्यादा इजरायल के पास संसाधन है. वह एक साथ लेबनान, ईरान और आतंकियों के साथ भिड़ने की ताकत रखता है, यही वजह है कि उसकी जवाबी कार्रवाई में गाजा पट्टी में बड़ी तबाही मची है. दुनिया के इस्लामिक देश एकजुट होकर हमास के समर्थन में आ गए हैं. उन्हें फिलिस्तीन में मची तबाही नजर आ रही है लेकिन इजरायल की त्रासदी नहीं. दुनिया के बड़े देश एकजुट होकर गुहार लगा चुके हैं कि आतंकवाद को खत्म करने की जरूरत है लेकिन ईरान खाड़ी के देश, आतंकी फंडिंग से बाज नहीं आ रहे हैं.

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