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NCB के शिकंजे में आए कई सितारे लेकिन कनविक्शन क्यों नहीं?

सुशांत सिंह राजपूत की मौत में ड्रग्स (Drugs) का एंगल सामने आने के बाद से ही एनसीबी (NCB) कई सितारों से पूछताछ कर चुकी है.

NCB के शिकंजे में आए कई सितारे लेकिन कनविक्शन क्यों नहीं?

ड्रग्स केस में सारा, श्रद्धा, दीपिका और रिया चक्रवर्ती से एनसीबी कर चुकी है पूछताछ (फाइल फोटो)

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डीएनए हिंदी: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एक केस की सुनवाई करते हुए केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई (CBI) से सवाल किया था कि जांच कई मामलों में शुरू हुई लेकिन जांच के बाद कनविक्शन रेट इतनी कम क्यों है? यही सवाल एनसीबी से भी किया जाना चाहिए. रिया चक्रवर्ती, दीपिका पादुकोण, भारती सिंह, हर्ष लिंबाचिया से लेकर शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान तक का नाम ड्रग कनेक्शन में सामने आ चुका है. एनसीबी की ओर से जांच की जा रही है लेकिन अब तक कुछ भी प्रूव नहीं हो सका है. ऐसे में जांच एजेंसी की कार्यशैली पर लोग सवाल उठा रहे हैं.

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB), भारत में मादक पदार्थों की तस्करी, नियमन और मेडिकल यूज पर कड़ी नजर रखने वाली सर्वोच्च एजेंसी है. ड्रग तस्कर, कंज्यूमर से लेकर ड्रग पैडलर्स रैकेट तक, एनसीबी की नजर, से कोई भी अछूता नहीं है. ड्रग से संबंधित हर अपराधों की जांच भी एनसीबी करती है. हर साल बड़ी संख्या में मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल लोग और उपभोक्ता एनसीबी की रडार पर आते हैं लेकिन कानूनी तौर पर सजा कितने लोगों को मिल पाती है, यह आंकड़ा बेहद सीमित है. 

सेंट्रल विजिलेंस कमेटी की 2019 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक सीबीआई जांच में कनविक्शन (दोषी) रेट, 69.19 फीसदी थी. सुप्रीम कोर्ट में एक केस की सुनवाई के दौरान जस्टिस  संजय किशन कौल और एमएम सुंदरेश की बेंच ने सीबीआई से सवाल पूछा था कि जांच एजेंसी ने जिन मामलों की जांच की है, उनकी सफलता दर क्या है? 

सुशांत सिंह डेथ केस के बाद एक्टिव है एनसीबी!
बॉलीवुड स्टार सुशांत सिंह राजपूत की खुदकुशी में ड्रग्स के एंगल की एंट्री होने के बाद से ही नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने मोर्चा संभाल लिया था. पहली गाज सुशांत सिंह राजपूत की गर्लफ्रैंड रिया चक्रवर्ती पर गिरी थी. एनसीबी ने पूछताछ शुरू की और उन्हें हिरासत में लिया. भायखाला जेल में करीब 1 महीने तक बंद रहीं रिया चक्रवर्ती फिलहाल जमानत पर रिहा हो चुकी हैं. केस की जांच जारी है. उनके भाई शौविक चक्रवर्ती भी जेल में रहे.

कई सितारों से पूछताछ लेकिन नतीजा क्या?

रिया की हिरासत के ही दौरान कई फिल्मी सितारों तक जांच की आंच पहुंची. कई ड्रग पैडलर्स को भी एनसीबी ने गिरफ्तार किया जबकि कइयों को हिरासत में लिया. रिया चक्रवर्ती ने एनसीबी की हिरासत के दौरान कई फिल्मी सितारों का नाम भी लिया था. रकुल प्रीत सिंह, सारा अली खान, श्रद्धा कपूर और दीपिका पादुकोण जैसी फिल्मी हस्तियों से एनसीबी ने पूछताछ भी की थी. कथित तौर पर सबके WhatsApp चैट्स भी सामने आए थे जिनमें ड्रग पैडलर्स से बातचीत की गई थी. दीपिका पादुकोण की एक्स मैनेजर करिश्मा प्रकाश भी हिरासत में ली गई थीं. 

लगातार लाइमलाइट में है एनसीबी

एनसीबी की कार्रवाई के सेकेंड फेज में अर्जुन रामपाल की गर्लफ्रैंड गैब्रिएला के भाई एजिसिलाओस डेमेट्रिएड्स को भी ड्रग्स केस में गिरफ्तार किया गया था. एक सिरीज में ड्रग्स पैडलर्स की गिरफ्तारी की गई. कॉमेडियन भारती और उनके पति हर्ष को भी हिरासत में लिया गया. उनके पास से कथित तौर पर ड्रग्स बरामद हुआ. हाल में ही सुपरस्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को गिरफ्तार किया गया. कई दिनों के एनसीबी हिरासत में भी रहे. नतीजा जस का तस रहा. अगस्त 2020 में सुशांत केस में ड्रग्स का एंगल सामने आया था. तब से लेकर अब तक लगातार गिरफ्तारियों का लंबा सिलसिला चला. केस चल रहा है लेकिन न्यायलयों में अन्य मामलों की तरह ये भी लंबित ही रहे. अभी तक न किसी को सजा हुई है, न ही होने की उम्मीद दिख रही है. बस हर बार एनसीबी का शिकंजा किसी न किसी सितारे पर पड़ता है जिसके बाद फिर एनसीबी लाइमलाइट में आ जाती है. अगर एनसीबी  दोषियों को कानून के सलाखों के पीछने भेजने में कामयाब हो तो शायद ड्रग्स के दलदल से देश भी उबर जाए.

ड्रग्स के मुजरिमों को कैसे मिलती है सजा?

भारत में नशे के कारोबार में शामिल लोगों पर एक्शन 3 कानूनों के तहत किया जाता है. ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट 1940, द नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंसेज एक्ट 1985 और द प्रिवेंशन ऑफ इलिक्ट ट्रैफिक एंड नारकोटिक ड्रग एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंसेज एक्ट 1988. इन कानूनों के तहत ड्रग की तस्करी, खरीदने, बेचने और मेडिकल उत्पादों के लिए इस्तेमाल की मंजूरी का प्रावधान है. 

एनडीपीएस एक्ट के मुताबिक अफीम, भांग और कोकीन की बिना लाइसेंस खेती करने के जुर्म में 10 साल की सश्रम सजा हो सकती है. 1 लाख का जुर्माना भी लगाया जा सकता है. एनडीपीएस एक्ट की धारा 18 (सी) और 20 के तहत यह एक्शन लिया जा सकता है. साथ ही ड्रग्स और साइकोट्रोपिक पदार्थों के खरीदने-बेचने, व्यापार और शिपमेंट करने पर भी यही सजा मिलती है. एनडीपीएस एक्ट का सेक्शन 23 इस सजा का प्रावधान करता है. ड्रग्स के मामलों में लगातार किसी की संलिप्तता साबित होने के बाद एनडीपीएस एक्ट की धारा 31, 31-ए के तहत मौत की सजा का भी प्रावधान है. कोकीन, मॉर्फिन, हेरोइन जैसे मादक पदार्थों के सेवन करने पर भी 6 महीने से लेकर 1 साल तक की सजा होती है. 20,000 रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है. ड्रग्स एडिक्ट लोग, अगर रिहैबिलेशन चाहते हैं तो उनके प्रति कानूनी नरमी भी बरती जाती है.

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