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Twin Towers Demolition : ब्लास्ट के बाद अब ब्लैक बॉक्स खोलेगा ट्विन टावर के अंदर का राज, वैज्ञानिकों ने की खास तैयारी

Twin Towers Demolition : नोएडा के सेक्टर-93ए स्थित सुपरटेक ट्विन टावर को रविवार दोपहर 2.30 बजे गिरा दिया गया. अब इन ट्विन टावरों के गिरने की जांच इसमें लगाए गए 10 ब्लैक ब्लॉक्स से की जाएगी. 

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Twin Towers Demolition : ब्लास्ट के बाद अब ब्लैक बॉक्स खोलेगा ट्विन टावर के अंदर का राज, वैज्ञ��ानिकों ने की खास तैयारी
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डीएनए हिंदीः नोएडा के सेक्टर-93ए स्थित सुपरटेक ट्विन टावर (Twin Towers Demolition) जमींदोज हो चुके हैं. रविवार को दोपहर 2.30 बजे एक बटन दबाते ही यह टावर पल भर में ढेर हो गए. इन टावरों के गिरने के समय बिल्डिंग के अगर कैसा नजारा था. इस दौरान आसपास कैसा कंपन (वाइब्रेशन) महसूस किया गया, इसका राज ध्वस्तीकरण के दौरान बिल्डिंग में लगाए गए ब्लैक बॉक्स से खुलेगा. सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (CBRI) रुड़की ने बिल्डिंग के अंदर 10 ब्लैक बॉक्स लगाए थे. इनमें से एक ब्लैक बॉक्स वैज्ञानिकों को मिल चुका है. इसका अध्ययन किया जाएगा. 

ब्लैक बॉक्स खोलेगा ब्लास्ट के बाद के सभी राज
ट्विन टावर गिराए जाने के बाद हर वैज्ञानिक हर चीज का बारीकी के अध्ययन कर रहे हैं. ब्लास्ट से पहले इसके आसपास 150 मीटर के दायरे में कई उपकरण लगाए गए थे. ऐसे उपकरण किसी भी बड़े ब्लास्ट का अध्ययन करने के लिए लगाए जाते हैं. परमाणु बम परीक्षण के दौरान भी कुछ इसी तरह के परीक्षण किए जाते हैं. यह उपकरण ध्वस्तीकरण के बाद के प्रभाव को बताते हैं. 

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ट्विन टावर में लगाए गए थे 10 ब्लैक बॉक्स
ट्विन टावर में सीएसआईआर (काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रीय रिसर्च) इंडिया के रुड़की स्थित सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीबीआरआई) और सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ माइनिंग एंड फ्यूल रिसर्च (सिंफर) धनबाद के वैज्ञानिकों की अहम भूमिका रही. इस पूरे काम में दस वैज्ञानिकों की टीम थी। जिसमें से आठ वैज्ञानिक सीबीआरआई रुड़की और दो वैज्ञानिक सिंफर धनबाद के शामिल है इन्होंने टावर के अंदर 10 ब्लैक बॉक्स लगाए थे. इनमें से एक ब्लैक बॉक्स मिल चुका है. बाकी अभी मलबे में दबे हैं. जैसे-जैसे मलबा हटेगा, बाकी ब्लैक बॉक्स को भी निकाला जाएगा. 

ब्लैक बॉक्स खोलेंगे ये राज 
ब्लास्ट के बाद इमारत किस तरह गिरी. ब्लास्ट किस तरह हुए और एक के बाद एक किस तरह पिलर के टूटने के बाद इमारत गिरी. इसका राज ब्लैक बॉक्स से खोला जाएगा. ब्लैक बॉक्स से यह भी पता लगाने में मदद मिलेगी कि कई हजार टन मलबा एकसाथ जमीन पर गिरने के बाद कितना कंपन महसूस होता है. आसपास की बिल्डिंग में जगह-जगह कैमरे और सेंसर लगाए गए थे. ब्लैक बॉक्स और ड्रोन की इमेज प्रोसेसिंग से भविष्य के लिए शोध किया जा सकेगा.

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सीबीआरआई वैज्ञानिकों ने तैयार किए ब्लैक बॉक्स
हर विमान के अंदर भी एक ब्लैक बॉक्स लगा होता है. यह ब्लैक बॉक्स विमान हादसे के बाद कॉकपिट के लेकर इंजन तक की सभी जानकारी एकत्रित करता है. इससे विमान हादसे का कारण पता लगाने में आसानी होती है. खास बात यह है कि ट्विन टावर में लगाए गए ब्लैक बॉक्स को सीबीआरआई वैज्ञानिकों ने ही बनाया है. बिल्डिंग गिरते प्रत्येक रोटेशन में स्थिति की जानकारी देगा. 

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