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क्या आपको भी है सिर दर्द की शिकायत? कहीं Vertigo और Severe myalgia तो नहीं

What is Vertigo: अगर आपको अक्सर चक्कर आने लगते हैं तो इसे नजरअंदाज ना करें. यह गंभीर बीमारी के भी संकेत हो सकते हैं.

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क्या आपको भी है सिर दर्द की शिकायत? कहीं Vertigo और Severe myalgia तो नहीं

प्रतीकात्मक फोटो

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डीएनए हिंदीः आप काम रहे हैं. अचानक उठे और चक्कर आने लगा. बिस्तर पर लेटे हैं और उठते ही ऐसा लगा जैसे दुनिया गोल-गोल घूमने लगी. लोगों के साथ ऐसा अक्सर हो जाता है. कई बार लोगों के सिर में दर्द रहता है. समय के साथ ये और बिगड़ता जाता है. जब गाड़ी चलती तो चक्कर आने लगता है. किसी भी तरह का मूवमेंट ऐसे लोग झेल नहीं पाते. अगर आपके साथ भी ऐसा होता है तो यह मायालगिया (Severe myalgia) और बीपीपीवी (Benign paroxysmal positional vertigo) हो सकता है. 

सिरदर्द को ना करें नजरअंदाज
जब किसी के सिर में दर्द रहता है तो उसे टेंशन, थकान और माइग्रेन से जोड़कर देखा जाता है. जीडी गोयनका यूनिवर्सिटी में स्कूल ऑफ हेल्थ एंड एलाइड साइंस के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ प्रणव प्रकाश ने बताया कि ऐसे स्थिति में लोग बिना डॉक्टर को दिखाए अक्सर दवाई ले लेते हैं. हो सकता है उन्हें कुछ समय के लिए आराम भी मिल जाए लेकिन इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. कई बार नजर की कमजोरी भी सिरदर्द का कारण बनती है. ऐसे में किसी अच्छे डॉक्टर से आंखों की जांच करानी चाहिए. सिरदर्द का एक कारण मायालगिया (Severe myalgia) भी है. इसमें मासपेशियों में काफी अधिक दर्द होता है.  

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क्या होता है वर्टिगो (Vertigo) ? 
बीपीपीवी (Benign paroxysmal positional vertigo) को सामान्य भाषा में वर्टिगो कहते हैं. इसमें आपको हमेशा चक्कर आने लगते हैं आप सिर हिलाएं या न हिलाएं, हमारे आसपास की चीज़ें जैसे कमरा, छत घूमने से लगते हैं. इसमें शरीर का पूरा बैलेंस बिगड़ जाता है. चलने पर आपका शरीर लड़खड़ा सकता है. कई मामलों में तो सुनने की भी समस्या हो जाती है. बीमारी की शुरुआत में सिर दर्द रहता है लेकिन बाद में चक्कर भी आने लगते हैं. कई बार आप बेहोश भी हो सकते हैं.

क्यों होती है ये समस्या?
वर्टिगो की समस्या दो मुख्य कारण हो सकते हैं. पहले प्रमुख कारण है कि आपके कान का वैलेंस बिगड़ जाए. ऐसा कान की नस में किसी इंफेक्शन के कारण हो सकता है. कई मामलों में कान की नसों के सेल में पानी भी भर जाता है. जबकि वर्टिगो का दूसरा कारण है ब्रेन के टिश्यू डैमेज हो जाना. यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि जब वर्टिगो कान से जुड़ी समस्या के कारण होता है तो इतना खतरनाक नहीं होता लेकिन ब्रेन से जुड़े कारण जैसे ट्यूमर और स्ट्रोक सीरियस कारण होते हैं.

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कैसे पता करें कौन सी बीमारी है?
इस बीमारी का इलाज न्यूरोलॉजी और ईएनटी यानी कान के विशेषज्ञों के जुड़ा हैं. दरअसल कान से जुड़ा वर्टिगो BPPV नाम की बीमारी के कारण होता है. ऐसे में आपको पोजीशन बदलने या करवट लेने में परेशानी हो सकती है. वहीं सिर में दर्द के साथ ही कमज़ोरी, पैर का लड़खड़ाना, आवाज़ का तुतलाना, दिल में तेज़ दर्द होना जैसे लक्षण हैं तो यह ब्रेन का वर्टिगो होता है. ये सबसे सीरियस होता है. 

क्या करें?  
वर्टिगो का अटैक कितना लंबा चलता है यह उसकी गंभीरता पर निर्भर कता है. कई बार अटैक 10 मिनट चलता है तो कई बार एक महीनों तक रह सकता है. सबसे पहले किसी अच्छे न्यूरोलॉजिस्ट को दिखाना चाहिए. वर्टिगो में सही डायग्नोसिस होना बेहद ज़रूरी है. MRI और CT-स्कैन समेत बाकी टेस्ट से इस बीमारी का पता लगाया जा सकता है.  

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इलाज क्या है?
यहां एक बात ध्यान देने वाली है कि वर्टिगो का सबसे बड़ा कारण BPPV है. यानी कान के अंदर पाए जाने वाले पार्टिकल के असंतुलन से होता है. ऐसे में उसका सेट होना बेहद जरूरी है. डॉक्टर ऐसे मामलों में एक्सरसाइज की सलाह दे सकते हैं. एक्सरसाइज से ही कान के ऊपर पार्टिकल अपनी जगह पर सेट होते हैं. यहां यह भी ध्यान देने वाली बात है कि जब हम इसके इलाज के लिए दवाईयां खाते हैं तो कुछ दिनों के लिए वर्टिगो दब जाता है पर वो फिर वापस आ जाता है. 

सीवियर मायालगिया (Severe myalgia) भी वजह 
मायालगिया (Myalgia) आम भाषा में मांसपेशियों में खिंचाव को कहते हैं. जब यही समस्या हद से ज्यादा बढ़ जाती है तो Severe myalgia बन जाती है. निचली पीठ, गर्दन, कंधे और हैमस्ट्रिंग में सबसे सामान्य है. गर्दन का दर्द धीरे-धीरे सिर तक पहुंचने लगता है. इस बीमारी को दवा और एक्सरसाइज से ठीक किया जा सकता है. 

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