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'यौन इरादे के बिना किसी महिला को गले लगाना अपराध नहीं,' कोर्ट से बोले BJP सांसद बृजभूषण शरण सिंह

BJP MP Brijbhushan Sharan Singh: बृज भूषण शरण सिंह के ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि इस मामले की सुनवाई करने का क्षेत्राधिकार नहीं है क्योंकि अपराध भारत के बाहर किए जाने का आरोप है. आइए आपको बताते हैं कि सिंह वकील ने अदालत के सामने क्या कहा है?

'यौन इरादे के बिना किसी महिला को गल�े लगाना अपराध नहीं,' कोर्ट से बोले BJP सांसद बृजभूषण शरण सिंह
BJP MP Brijbhushan Sharan Singh
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डीएनए हिंदी: महिला पहलवानों के साथ यौन आरोपों से घिरे भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह बुधवार को दिल्ली में अदालत के सामने अपनी बात रखी. एडीशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल के सामने अपने वकील के जरिए अपने ऊपर लगे चार्ज का विरोध करते हुए उन्होंने कहा कि बिना यौन इरादे के किसी महिला को गले लगाना कोई अपराध नहीं है. इसके साथ ही उनके वकील ने भी कोर्ट में कई तरह की दलीलें दी.

अदालत ने बुधवार को सिंह और सह-आरोपी और निलंबित डब्ल्यूएफआई के सहायक सचिव विनोद तोमर के खिलाफ आरोप तय करने के बिंदु पर बहस शुरू की. बृजभूषण शरण सिंह की ओर से पेश वकील राजीव मोहन ने अदालत को आगे बताया कि आरोप पुराने हैं. ये दिखावटी आधार यह नहीं मानेंगे कि शिकायतकर्ता खतरे में थे. यदि शिकायतकर्ता स्वतंत्र रूप से घूम रहे हैं और पांच साल तक आप आगे नहीं आए और फिर यह कहना कि आप खतरे में थे, यह वैध स्पष्टीकरण नहीं है. इसके साथ उन्होंने कहा कि इस मामले की सुनवाई करने का क्षेत्राधिकार नहीं है क्योंकि अपराध भारत के बाहर किए जाने का आरोप है. 

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ब्रजभूषण शरण सिंह के वकील ने कोर्ट में कही यह बात 

ब्रजभूषण शरण सिंह के वकील ने कोर्ट में कहा कि पहली शिकायतकर्ता द्वारा बृजभूषण पर जो आरोप लगाए थे, उनमें से तीन घटना भारत में हुई हैं, बाकी देश के बाहर हुई हैं. दिल्ली, बेराली और लखनऊ की घटना ही कोर्ट के क्षेत्राधिकार में आते हैं. पहली शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि बृजभूषण ने उसको 20-25 सेकंड के लिए कसकर गले लगाया था. पहली शिकायतकर्ता ने 21अशोका रोड में उसे टच करने का आरोप लगाया है, सिरी फोर्ट में गले लगाने का आरोप लगाया है. 2017 और 2018 के आरोपों पर 2023 में शिकायत की गई। शिकायत में देरी को लेकर कोई भी ठोस वजह नहीं बताई गई है, बस यही कहा गया कि वह अपने कैरियर को लेकर दबाव में थी. 

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पुरुष ही होते हैं कुश्ती के ज्यादातर कोच - बोले सिंह के वकील

वकील राजीव मोहन ने अदालत में कहा कि कुश्ती एक ऐसी प्रतियोगिता है, जिसके ज्यादातर कोच पुरुष ही होते हैं. महिला कोच दुर्लभ हैं. अगर कोई कोच किसी उपलब्धि के बाद खुशी के मारे किसी खिलाड़ी को गले लगा रहा है, तो यह अपराध की श्रेणी में नहीं आ सकता.  घटना ऐसी है और अगर कोई पुरुष कोच किसी खिलाड़ी को चिंता के कारण गले लगाता है तो यह अपराध की श्रेणी में नहीं आता है. अदालत इस मामले पर गुरुवार को भी सुनवाई जारी रखेगी.

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