Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

Kerala की पूर्व हेल्थ मिनिस्टर के के शैलजा ने मैग्सेसे अवॉर्ड लेने से क्यों किया इनकार, खुद बताई वजह

K K Shailja Ramon Magsaysay Award: केरल की पूर्व स्वास्थ्य मंत्री के. के. शैलजा और उनकी पार्टी सीपीएम ने रेमन मैग्सेसे अवॉर्ड लेने से इनकार कर दिया है.

Kerala की पूर्व हेल्थ मिनिस्टर के के शैलजा ने मैग्सेसे अवॉर्ड लेने से क्यों किया इनकार, खुद बताई वजह

सीपीएम की नेता हैं के. के. शैलजा

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: केरल की पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) की नेता के. के. शैलजा को प्रतिष्ठित रेमन मैग्सेसे पुरस्कार (Ramon Magsaysay Award) देने की पेशकश की गई थी. अब सीपीएम की केरल यूनिट ने के के शैलजा (K K Shailja) को यह पुरस्कार स्वीकार करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है. केरल की स्वास्थ्य मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान निपाह वायरस के प्रकोप और कोविड महामारी से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए राज्य ने वैश्विक पहचान हासिल की थी. उनके नेतृत्व में संक्रामक रोगों को रोकने के लिए दुनिया भर में सराहना हुई थी.

जानकारी के अनुसार, शैलजा को रेमन मैगसेसे अवार्ड फाउंडेशन द्वारा सार्वजनिक स्वास्थ्य के प्रति उनकी सेवा के लिए 64वें मैग्सेसे पुरस्कारों के लिए चुना गया था. फाउंडेशन ने जुलाई 2022 के अंत में शैलजा को ई-मेल द्वारा सूचित किया कि उन्हें शॉर्टलिस्ट किया गया है और वह पुरस्कार स्वीकार करने में उनकी पुष्टि चाहता है.

यह भी पढ़ें- आज अपनी पार्टी का ऐलान करेंगे गुलाम नबी आजाद, रोड शो के बाद समर्थकों से की मुलाकात

'पार्टी से मिला दायित्व निभा रही थीं शैलजा'
सीपीएम की केंद्रीय समिति की सदस्य होने के नाते के के शैलजा ने पार्टी नेतृत्व को सूचित किया और विस्तृत विचार-विमर्श के बाद, सीपीएम ने पुरस्कार स्वीकार करने के खिलाफ फैसला किया. सीपीएम के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार, पार्टी की राय है कि शैलजा केवल पार्टी द्वारा उन्हें सौंपा गया कर्तव्य निभा रही थी और ये कोई विशेष बात नहीं है.

यह भी पढ़ें- उद्धव ठाकरे को एक और झटका देंगे एकनाथ शिंदे, MVA के 12 MLC के नाम वापस लेगी सरकार

पार्टी यह भी मानती है कि निपाह और कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई एक संयुक्त प्रयास था. यह किसी एक व्यक्ति का प्रयास नहीं था, इसलिए उन्हें पुरस्कार स्वीकार नहीं करना चाहिए. सीपीएम के इस फैसले से कुछ नेता नाराज हैं. सीपीआई-एम के नेता संजीव थॉमस ने कहा, 'पिनाराई विजयन ने पहले शैलजा के लिए शिक्षक पुरस्कार को रद्द कर दिया. वह अपने अलावा किसी और को सुर्खियों में देखना नहीं चाहते. पार्टी भविष्य में इसका पश्चाताप करेगी.'

उन्होंने कहा कि यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि रेमन मैग्सेसे पुरस्कार को एशियाई नोबेल पुरस्कार माना जाता है और अगर उसने इसे स्वीकार कर लिया होता, तो वह प्रतिष्ठित पुरस्कार जीतने वाली पहली केरल की महिला होतीं. कृषि वैज्ञानिक डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन, पत्रकार संपादक बी.जी. वर्गीज और भारत के प्रसिद्ध चुनाव आयुक्त टी.एन. शेषन अन्य केरल वासी ऐसे हैं, जिन्होंने प्रतिष्ठित पुरस्कार जीता है.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement