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EC पर उद्धव ठाकरे गुट ने लगाए पक्षपात के गंभीर आरोप, चुनाव चिन्ह पर भी जताई आपत्ति

चुनाव आयोग ने अंधेरी चुनावों के चलते शिवसेना के चुनाव चिन्ह को फ्रीज कर दिया है और दोनों गुटों को अलग-अलग नए चुनाव चिन्ह और नाम दिए हैं.

EC पर उद्धव ठाकरे गुट ने लगाए पक्षपात के गंभीर आरोप, चुनाव चिन्ह पर भी जताई आपत्ति
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डीएनए हिंदी: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) गुट के साथ हुई बगावत के चलते शिवसेना (Shivsena) में दो गुट बन गए हैं. चुनाव आयोग ने दोनों गुटों को अलग-अलग चुनाव चिन्ह पार्टी नाम देने के साथ ही शिवसेना का धनुष बाण फ्रीज कर दिया है. इसको लेकर अब उद्धव गुट का आरोप लगाया है कि चुनाव आयोग (Election Commission) पक्षपाती रवैए से काम किया है और लोगों को चुनाव चिन्ह देनें तक में गलत नीति दिखाई है. इन सबके चलते शिवसेना का उद्धव ठाकरे का गुट चुनाव आयोग पर भड़क गया है.

पत्र लिखकर उठाए सवाल

दरअसल,  शिवसेना का उद्धव गुट पार्टी को मिले नए अस्थायी नाम और चुनाव चिन्ह से आहत है. इस मामले में सूत्रों का कहना है कि उद्धव गुट ने चुनाव आयोग को एक पत्र लिखा है जो कि 12 सू्त्रीय है. इस पत्र में उद्धव गुट ने आरोप लगाए हैं कि चुनाव आयोग ने उनके विरोधी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे वाले गुट के पक्ष में काम किया है. उद्धव गुट का कहना है कि उनकी तरफ से दिए गए सुझावों को शिंदे गुट को कॉपी करने का मौका मिला था जो कि चुनाव आयोग का आपत्तिजनक रवैया है.

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इसके साथ ही उद्धव ठाकरे के गुट ने अपने पत्र में कहा है कि चुनाव आयोग ने 'संभावित रूप से' शिंदे कैंप की तरफ से सूची दाखिल किए जाने से पहले ही ठाकरे समूह के पसंद के नाम और चिह्न को वेबसाइट पर अपलोड कर दिया. इसका नतीजा यह हुआ कि शिंदे गुट ने उन चिह्न और नाम का चुनाव किया, जिनका सुझाव ठाकरे गुट की ओर से दिया गया था और इसके चलते आसानी से शिंदे गुट का ही एक सुझाया गया पार्टी नाम और चुनाव चिन्ह चुरा लिया है.

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चुनाव आयोग ने की शिंदे गुट की मदद

वहीं अहम बात यह है कि कुछ समय बाद इसे डिलीट भी कर दिया गया था. इतना ही नहीं, चुनाव आयोग ने शिंदे गुट द्वारा दिए गए सुझावों से संबंधी पत्र को वेबसाइट पर अपलोड नहीं किया है. शिंदे गुट के लिए चुनाव आयोग के रुख पर उद्धव ठाकरे गुट का कहना है कि आयोग ने यह पूरा काम केवल शिंदे गुट को मदद पहुंचाने के लिए किया है.यह माना जा रहा है कि अब उद्धव गुट चुनाव आयोग के खिलाफ भी मोर्चा खोल सकता है. 

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