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'नेहरू नहीं थे भारत के पहले पीएम' कर्नाटक में भाजपा विधायक ने क्यों कही ये बात

BJP vs Congress: कर्नाटक के भाजपा विधायक बासनगौड़ा पाटिल यतनाल केंद्रीय राज्य मंत्री भी रह चुके हैं. उनके इस बयान पर विवाद शुरू हो गया है. कांग्रेस ने इस बयान के लिए भाजपा की आलोचना की है.

'नेहरू नहीं थे भारत के पहले पीएम' कर्नाटक में भाजपा विधायक ने क्यों कही ये बात

BJP MLA Basangouda Patil Yatnal के बयान ने कर्नाटक में नया विवाद शुरू कर दिया है.

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डीएनए हिंदी: Karnataka News- कर्नाटक में सत्ताधारी कांग्रेस और भाजपा के बीच नया विवाद शुरू हो गया है. यह विवाद कर्नाटक के भाजपा विधायक बासनगौड़ा पाटिल यतनाल के उस बयान से शुरू हुआ है, जिसमें उन्होंने कहा है कि जवाहरलाल नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री नहीं थे. एक जनसभा में उन्होंने मंच से कहा, नेहरू नहीं सुभाष चंद्र बोस भारत के पहले प्रधानमंभत्री थे. उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि अंग्रेज भारत छोड़कर इसलिए गए थे, क्योंकि वे सुभाष चंद्र बोस से खौफ खाते थे. बासनगौड़ा पाटिल केंद्र सरकार में रेलवे व टेक्सटाइल मंत्रालयों में राज्य मंत्री भी रह चुके हैं. उनके इस बयान को लेकर कांग्रेस ने भाजपा को घेरा है और इसे भगवा दल की नेहरू विरोधी मानसिकता का प्रतीक बताया है. हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी एक बार सार्वजनिक मंच से सुभाष चंद्र बोस को देश का पहला प्रधानमंत्री बता चुके हैं.

'बाबासाहेब ने कहा था, अनशन से नहीं मिली स्वतंत्रता'

भाजपा विधायक बासनगौड़ा ने कहा, बाबासाहेब (भीमराव आंबेडकर) ने अपनी किताब में लिखा है कि हमें स्वतंत्रता किसी अनशन के कारण नहीं मिली है. ना ही हमें स्वतंत्रता यह कहने से मिली थी कि तुम एक गाल पर थप्पड़ मारोगे तो हम दूसरा गाल भी थप्पड़ मारने के लिए पेश करेंगे. हमें स्वतंत्रता इसलिए मिली थी, क्योंकि अंग्रेजों के अंदर नेताजी सुभाषचंद्र बोस का खौफ पैदा हो गया था.

'देश के कुछ हिस्से स्वतंत्र होने पर सुभाष घोषित हुए थे पीएम'

भाजपा विधायक ने कहा, दूसरे विश्व युद्ध के बाद अंग्रेज देश छोड़कर गए. इससे पहले ही देश के कुछ हिस्सों में स्वतंत्रता की घोषणा होने पर नेताजी सुभाषचंद्र बोस को ही उस स्वतंत्र भारत का पहला प्रधानमंत्री घोषित किया गया था. उनकी अपनी करेंसी थी, झंडा था और राष्ट्रगान था. यही कारण है कि पीएम मोदी ने भी कहा था, नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री नहीं थे बल्कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस थे.

विवादों से बना रहता है बासनगौड़ा का नाता

यह पहला मौका नहीं है, जब बासनगौड़ा पाटिल यतनाल अपने बयान के लिए विवाद में फंसे हैं. अगस्त में भी उन्होंने कहा था कि कर्नाटक में सत्ताधारी कांग्रेस सरकार अगले 6-7 महीने में आपसी लड़ाई के कारण गिर जाएगी. इसके बाद भाजपा राज्य में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाएगी. 

क्या सच में सुभाषचंद्र बोस बने थे पहले पीएम?

नेताजी सुभाषचंद्र बोस अविभाजित भारत के पहले प्रधानमंत्री थे. हालांकि यह निर्वाचित नहीं बल्कि निर्वासित सरकार थी, जिसका गठन 21 अक्टूबर, 1943 को जापान, जर्मनी, चीन और इटली समेत 9 देशों के समर्थन से सिंगापुर में किया गया था. इसे आजाद हिंद सरकार घोषित किया गया था. नेताजी ने इस सरकार के प्रधानमंत्री और युद्धमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण की थी. निर्वासित भारतीय सरकार की अपनी सेना, अपनी अदालत, अपना सिविल कोड अपना राष्ट्रगान और अपनी करेंसी थी. जापानी सेना ने बर्मा और उसके बाद ब्रिटिश कब्जे वाले भारतीय इलाकों पर हमला करने के बाद जो इलाके कब्जाए थे, उन्हें आजाद हिंद सरकार के हवाले किया गया था यानी सुभाषचंद्र बोस इन इलाकों के प्रधानमंत्री थे. इसी आधार पर भाजपा लगातार कहती रहती है कि जवाहरलाल नेहरू नहीं सुभाषचंद्र बोस देश के पहले पीएम थे.

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