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यूपी का 'रहस्यमयी' मदरसा, जिसकी नकली नोट फैक्टरी का मिल रहा 'टेरर लिंक', सपा राज में भी रह चुका है विवादित

Prayagraj Fake Currency Case: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के मदरसे में नकली नोट छापने की फैक्टरी पकड़ी गई है. जांच में सामने आया है कि मदरसा इससे पहले भी विवादों में घिरा रहा है.

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यूपी का 'रहस्यमयी' मदरसा, जिसकी नकली नोट फैक्टरी का मिल रहा 'टेरर लिंक', सपा राज में भी रह चुका है विवादित
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Prayagraj Fake Currency Case: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में पकड़ी गई नकली नोट छापने की फैक्टरी से जुड़े मामले में नए खुलासे हो रहे हैं. नकली नोट छापने के इस धंधे के तार जहां टेरर फंडिंग से जुड़ते दिख रहे हैं. वहीं, इसके पीछे पाकिस्तान का भारत में आर्थिक आतंकवाद फैलाने का मंसूबा भी नजर आ रहा है. बेइमानी का यह धंधा उस मदरसे की दूसरी मंजिल पर चल रहा था, जो ईमान की शिक्षा देने का दावा करता है. मदरसा जामिया हबीबिया में पकड़ी गई इस फैक्टरी के सिलसिले में पुलिस ने वहां के प्रिंसिपल यानी मौलवी तफसीरूल इस्लाम और उसके तीन चेलों को गिरफ्तार किया है. इस मदरसे को लेकर कई नए खुलासे भी हुए हैं, जिनमें सामने आया है कि यह मदरसा लगातार विवादों में घिरा रहा है और आपराधिक प्रवृत्ति वाले लोगों के लिए सेफहाउस की तरह काम करता रहा है. सपा सरकार के दौरान यहां अवैध हथियार और उसके तस्कर भी पकड़े जा चुके हैं, लेकिन सियासी दबाव में हर बार कार्रवाई के नाम पर फाइल दबा दी जाती थी.


यह भी पढ़ें- यूपी के मदरसे में खोल दी 'सरकारी टकसाल', 100-100 के नोट छाप रहा था ओडिशा का मौलाना, पढ़ें पूरी बात 


NIA करेगी टेरर फंडिंग के एंगल से जांच

मदरसे में इतने बड़े पैमाने पर नकली नोट छापे जाने का लिंक पाकिस्तान से जुड़ता दिखाई दे रहा है. दरअसल सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि यह नकली नोट छापकर पैसा कमाने से कहीं ज्यादा बड़ा मामला है. इसलिए इस नेक्सस से जुड़े सभी लोगों को सुरक्षा एजेंसियां पकड़ना चाहती हैं. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) इस पूरे मामले की जांच करेगी, क्योंकि उसे इस फैक्टरी के तार टेरर फंडिंग से जुड़ते हुए दिख रहे हैं. बता दें कि पहले पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI अपने यहां नकली नोट छापकर स्मगलिंग के जरिये भारत भेजती थी. इसका मकसद भारतीय अर्थव्यवस्था को बरबाद करना होता था. सीमा पर सतर्कता के चलते ISI के लिए भारत में हथियार, ड्रग्स और नकली नोट भेजना आसान नहीं रहा है. इसी कारण भारत में एक मदरसे के अंदर उसी बढ़िया क्वालिटी के नकली नोट छापने की खबर ने सबको परेशान कर दिया है. खुफिया एजेंसियों को शक है कि नोट छापने की इस तकनीक के पीछे ISI का दिमाग हो सकता है और इसके जरिये आतंकियों को वित्तीय मदद मुहैया कराई जा रही थी. इसी कारण NIA ने इस मामले की जांच का निर्णय लिया है, जबकि इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) और अन्य खुफिया इकाइयां पहले ही एक्टिव हो चुकी हैं और पूछताछ में जुटी हुई हैं.

पहले भी इन विवादों में फंस चुका है मदरसा

  • कई साल पहले सपा सरकार के दौरान मदरसे के अंदर अवैध हथियारों का जखीरा पकड़ा गया था.
  • मदरसे के अंदर छिपे अवैध हथियारों के एक तस्कर को भी इस दौरान पकड़ा जा चुका है.
  • पड़ोसियों का दावा है कि आपराधिक प्रवृत्ति के लोग देर रात तक मदरसे के अंदर-बाहर आते-जाते हैं.
  • पुलिस यहां छापा मारकर हत्या के एक मामले के अभियुक्त को भी दबोच चुकी है.

प्रिंसिपल को रिमांड पर लेकर की जाएगी पूछताछ

पुलिस ने इस मामले में मदरसा प्रिंसिपल मौलवी मोहम्मद तफसीरूल को 3 साथियों के साथ गिरफ्तार किया है. तफसीरूल को भारत लाया जा चुका है, जिसे अब कस्टडी रिमांड पर लेकर पुलिस गहन पूछताछ करेगी. इस मामले में प्रिंसिपल के साथ दबोचे गए जाहिर खान को भी कस्टडी रिमांड पर लिया जाएगा. जाहिर खान ही नोट छापने की कला में माहिर है. इन दोनों को कस्टडी रिमांड पर लेने के लिए पुलिस ने कोर्ट में आज अर्जी दाखिल की है.

(प्रयागराज से मोहम्मद गुरफान का इनपुट)

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