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Rahul Gandhi बन गए रेलवे के ट्रैकमैन? सिर पर टोपी, हाथ में हथौड़ा लेकर रेल की पटरी पर पहुंचे सबसे मिलने, देखें Video

Rahul Gandhi Viral Video: राहुल गांधी ने रेलवे ट्रैकमैन्स से मुलाकात करने के बाद सोशल मीडिया पर उनका दर्द साझा किया है. उन्होंने लिखा- रेलवे ट्रैकमैन के लिए सिस्टम में न इमोशन और न प्रमोशन.

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Rahul Gandhi Viral Video: लोकसभा में नेता विपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी अपनी भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) के बाद से बदले हुए दिखाई दे रहे हैं. राहुल लगातार समाज के अलग-अलग तबकों के बीच जाकर उनके साथ उनका काम करते हुए उनकी समस्याओं और दर्द को समझने की नई तरह की राजनीति कर रहे हैं. कभी वे ट्रक ड्राइवरों से मिलते हैं तो कभी किसानों के साथ फसल बोआई करते हैं. कभी मैकेनिकों के साथ लगकर गाड़ियां ठीक करने लगते हैं तो कभी जूता सिलने वालों से मिलते हैं. अब राहुल गांधी ने रेलवे ट्रैकमैन्स के बीच पहुंचकर उनकी समस्याओं को जानने की कोशिश की है. इस मुलाकात का वीडियो राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने सोशल मीडिया पर शेयर किया है, जिसमें वे रेल की पटरी पर रेलवे ट्रैकमैन्स की तरह ही हाथ में उनकी तरह हथौड़ा लेकर दिखाई दिए हैं. राहुल ने इस मुलाकात में सामने आए रेलवे ट्रैकमैन्स के दर्द को भी साझा किया है. उन्होंने लिखा,'रेलवे ट्रैकमैन के लिए सिस्टम में न इमोशन है और न ही प्रमोशन.'

क्या दिख रहा है वीडियो में

राहुल गांधी ने ट्रैकमैन्स से मुलाकात का वीडियो अपने एक्स (पहले ट्विटर) हैंडल पर शेयर किया है. इस वीडियो में राहुल गांधी रेलवे ट्रैकमैन्स जैसी ही वेशभूषा में नजर आ रहे हैं. वे रेल की पटरी पर हाथ में भारी हथौड़ा लेकर और सिर पर सेफ्टी कैप लगाकर रेलवे ट्रैकमैन्स जैसी ऑरेंज रंग की सेफ्टी जैकेट पहनकर उनके साथ चलते हुए दिखाई दे रहे हैं. साथ ही राहुल गांधी रेलवे ट्रैकमैन्स से उनकी समस्याओं पर भी बातचीत करते जा रहे हैं. इस वीडियो को राहुल गांधी ने मंगलवार शाम शेयर किया था, जिसे अब तक 3.65 लाख लोग देख चुके हैं.

वीडियो के साथ लिखा लंबा-चौड़ा कैप्शन

राहुल गांधी ने वीडियो के साथ एक लंबा-चौड़ा कैप्शन भी साझा किया है, जिसमें उन्होंने लिखा,' रेलवे को गतिशील और सुरक्षित बनाए रखने वाले ट्रैकमैन भाइयों के लिए सिस्टम में न कोई प्रमोशन है, न ही इमोशन. भारतीय रेलकर्मियों में सबसे ज्यादा उपेक्षित ट्रैकमैन से मिलकर उनकी चुनौतियां और समस्याएं समझीं. ट्रैकमैन भाइयों ने बताया कि उनकी सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं है. हर साल 550 ट्रैकमैन काम के दौरान दुर्घटना का शिकार होकर जान गंवा बैठते हैं.

35 किलो वजन उठाकर रोजाना 10 किमी पैदल सफर

राहुल गांधी ने लिखा,'रोजाना 35 किलोग्राम वजन के औजार उठाकर 8-10 किलोमीटर पैदल चलने वाले ट्रैकमैन की नौकरी ट्रैक से शुरू होती है और वो ट्रैक से ही रिटायर हो जाते हैं. दूसरे कर्मचारी विभागीय परीक्षाएं पास कर बेहतर पदों पर जाते हैं, लेकिन ट्रैकमैन को उसमें बैठने नहीं दिया जाता है. 

ट्रैकमैन के लिए राहुल ने सरकार के सामने रखी दो मांग

राहुल गांधी ने ट्रैकमैन के तौर पर काम कर रहे लोगों के लिए केंद्र सरकार के सामने दो मांग रखी हैं. उन्होंने कहा,'विपरीत हालात में भी बिना बुनियादी सुविधाओं के ट्रैकमैन भाई रात-दिन कड़ी मेहनत करते हैं. ट्रैकमैन की तपस्या से ही करोड़ों देशवासियों की सुरक्षित रेल यात्रा पूरी होती है, हमें उनकी सुरक्षा और तरक्की दोनो सुनिश्चित करनी ही होगी. इसके लिए ट्रैकमैन भाइयों की इन दो प्रमुख मांगों को हर हाल में सुना जाना चाहिए.'

  1. काम के दौरान हर ट्रैकमैन को ‘रक्षक यंत्र’ मिले, जिससे ट्रैक पर ट्रेन आने की सूचना उन्हें समय से मिल सके.
  2. ट्रैकमैन को विभागीय परीक्षा (LDCE)के जरिए तरक्की का अवसर मिले.

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