डीएनए हिंदी: हिन्दू धर्म में संख्या को बहुत महत्व दिया गया है. चाहे वह मंत्र का जाप हो या विवाह ( Shadi Season 2022 ) के वचन इन सभी में संख्या बहुत महत्वपूर्ण है. बता दें कि शास्त्रों में विवाह के 16 संस्कारों का वर्णन किया गया है. साथ ही सभी 7 फेरे और सात वचनों के महत्व के बारे में भी बताया गया है. आज हम जानेंगे कि शादी में 7 अंक का क्या महत्व है.
शास्त्रों में सप्तपदी नाम से वर्णित सात फेरों को विवाह में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. पहला फेरा भोजन व्यवस्था से संबंधित है. दूसरा फेरा शक्ति,आहार और संयम को वैवाहिक जीवन में निभाने के लिए लिया जाता है. तीसरा फेरे को धन की सही उपयोगिता के लिए लिया जाता है. आत्मिक सुख की प्राप्ति के लिए चौथा फेरा लिया जाता है. पांचवां फेरा पशुधन संपदा को ध्यान में रखकर लिया जाता है. युगल हर ऋतू में सही रहन-सहन का वचन एक दूसरे को देते हैं. सातवें फेरे में दोनों जोड़े ताउम्र एक साथ चलने का वचन देते हैं. इन सात फेरों में ही सात वचन दिए जाते हैं, जिससे शादी सम्पन्न मानी जाती है.
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मान्यता है कि इंसान सात जन्म लेता है. इसी करण से वर-वधु को सात जन्मों का साथी भी कहा जाता है. वह इसलिए क्योंकि शादी एक अटूट रिश्ता होता है. युगल सातों जन्म तक एक-साथ रहने का वचन देते हैं. सुख-दुख में एक-साथ रहने का वादा करते हैं.
धरती पर सारी महत्वपूर्ण चीजों की संख्या सात ही है. जैसे सात सुर, सात दिन, इंद्रधनुष के सात रंग, सात समुंदर आदि. इसलिए हिंदू धर्म में भी सात को बहुत शुभ माना गया है. इसका खास संबंध सात जन्म है. शादी में भी सात फेरे लिए जाते हैं और सात वचन दिए जाते हैं.
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