Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

Basant Panchami: क्यों मनाई जाती है बसंत पंचमी, जानिए देवी सरस्वती और ब्रह्माजी से जुड़ा ये रोचक किस्सा 

Basant Panchami Story: बसंत पंचमी क्यों मनाई जाती है, आइए जानते हैं देवी सरस्वती और ब्रह्माजी से जुड़ी इस कथा के बारे में

Basant Panchami: क्यों मनाई जाती है बसंत पंचमी, जानिए देवी सरस्वती और ब्रह्माजी से जुड़ा ये रोचक किस्सा 

क्यों मनाई जाती है बसंत पंचमी, जानिए देवी सरस्वती और ब्रह्माजी से जुड़ा ये रोचक किस्सा

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: हिंदू पंचाग के अनुसार हर साल बसंत पंचमी का पावन पर्व माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि (Basant Panchami Date) को मनाई जाती है, जिसे श्रीपंचमी और सरस्वती पंचमी के नाम से भी जाना जाता है. यह शुभ दिन माता सरस्वती के अवतरण दिवस के रूप में मनाया जाता है. इसलिए इस दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती (Devi Saraswati) की पूजा की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ज्ञान, वाणी और कला में रुचि रखने वालों के लिए ​ये दिन बेहद खास होता है. इस बार बसंत पंचमी का त्योहार कल यानी 26 जनवरी को मनाया जाएगा. शास्त्रों में बसंत पंचमी को ऋषि पंचमी से उल्लेखित किया गया है. चलिए जानते हैं क्यों मनाई जाती है बसंत पंचमी (Basant Panchami Katha) और क्या है सरस्वती पूजा की कथा. 

ज्योतिपुंज में से प्रकट हुईं देवी सरस्वती 

पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार ब्रह्माजी संसार का भ्रमण करने निकले, जब ब्रह्माजी भ्रमण कर रहे थे तब उन्हें सारा ब्रह्माण्ड मूक नजर आया, यानी हर तरफ बस खामोशी छाई हुई थी. यह देखने के बाद उन्हें लगा कि उनसे संसार की रचना में कुछ कमी रह गई है. ब्रह्माजी एक जगह पर ठहर गए और उन्होंने अपने कमंडल से थोड़ा जल निकालकर छिड़क दिया. 

यह भी पढ़ें -  बसंत पंचमी के दिन कभी भी कर सकते हैं ये 5 शुभ कार्य, नहीं पड़ती मुहूर्त देखने की जरूरत

जिससे एक महान ज्योतिपुंज उत्पन्न हुआ और उसमें से एक देवी प्रकट हुई. देवी सरस्वती के हाथों में वीणा और चेहरे पर बहुत ज्यादा तेज था. इसलिए इस दिन को मां सरस्वती के अवतरण दिवस के रूप में मनाया जाता है. 

देवी सरस्वती ने मूक ब्रह्माण्ड को दी आवाज 

ब्रह्माजी ने देवी सरस्वती से कहा कि इस संसार में सभी लोग मूक है. इनमें आपसी संवाद नहीं है, न ही ये लोग आपस में बातचीत कर पाते हैं, ये सभी लोग बस चल रहे हैं.   तब देवी सरस्वती ने ब्रह्माजी जी से पूछा की प्रभु मेरे लिए क्या आज्ञा है? तब ब्रह्माजी ने कहा देवी आप अपनी वीणा की मदद की इन्हें ध्वनि प्रदान करें. ताकि ये लोग आपस में बातचीत कर एक दूसरे की तकलीफ को समझ सकें. तब देवी सरस्वती ने सभी को आवाज प्रदान करी. 

यह भी पढ़ें - इस मंदिर में आंख-मुंह पर पट्टी बांधकर होती है पूजा, रहस्य जानकर हो जाएंगे हैरान

कैसे करें मां सरस्वती की पूजा अर्चना? 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां सरस्वती की पूजा देवी-देवता और असुर दोनों ही करते हैं. इस दिन सभी लोग अपने घर, स्कूल, कॉलेज, कार्यस्थल पर मां सरस्वती की पूजा अर्चना करते हैं. इस दिन देवी सरस्वती को सिंदूर चढ़ाएं और श्रृंगार की बाकी वस्तुएं भी अर्पित करें. साथ ही देवी के चरणों में गुलाल लगाकर उन्हें श्वेत रंग के वस्त्र अर्पित करें.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

 

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement