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Janmashtami 2024: आज जन्माष्टमी पर पूजा के लिए मिलेगा केवल 45 मिनट का शुभ मुहूर्त, जानिए कब तक रहेगी अष्टमी

आज दिन सोमवार 26 अगस्त को जन्माष्टमी मनाई जा रही है. इस बार पूजा का मुहूर्त केवल 45 मिनट का ही होगा.

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Janmashtami 2024: आज जन्माष्टमी पर पूजा के लिए मिलेगा केवल 45 मिनट का शुभ मुहूर्त, जानिए कब तक रहेगी अष्टमी

कब है जन्माष्टमी

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आज भगवान कृष्ण का 5251वां जन्मदिन है. श्रीकृष्ण को भगवान विष्णु का आठवां अवतार माना जाता है. जन्माष्टमी को गोकुलाष्टमी भी कहा जाता है. इस बार जन्माष्टमी का मुहूर्त पूजा के लिए कम है. साथ ही दही हांडी किस दिन होगी और पूजा का मुहूर्त कब है, सब विस्तार से जान लें. 

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी तिथी?

वैदिक पंचांग के अनुसार गोकुल अष्टमी तिथि रविवार 25 अगस्त 2024 को दोपहर 3.39 बजे से सोमवार 26 अगस्त 2024 को दोपहर 2.19 बजे तक रहेगी. 26 अगस्त 2024 को उदया तिथि के अनुसार जन्माष्टमी मनाई जाएगी. वहीं  27 को दही डंडी का उत्साह होगा. 

जन्माष्टमी 2024 शुभ मुहूर्त (Janmashtami 2024 Puja Muhurta)
कृष्ण जन्माष्टमी पूजा का समय रात 12 बजे से 12.45 बजे तक रहेगा. इस साल लड्डू बड़गोपाल की पूजा के लिए 45 मिनट का समय मिलेगा. 

कृष्ण जन्माष्टमी 2024: तिथि और समय
   
• जन्माष्टमी -                 सोमवार, 26 अगस्त 2024
    • निशिता पूजा समय-    12:01 AM से 12:45 AM, 27 अगस्त, 2024
    • दही हांडी-                  मंगलवार, 27 अगस्त 2024
    • पारणा समय-              12:45 AM के बाद, 27 अगस्त 2024
    • अष्टमी तिथि आरंभ-     03:39 AM, 26 अगस्त 2024
    • अष्टमी तिथि समाप्त-    02:19 AM, 27 अगस्त 2024
    • रोहिणी नक्षत्र प्रारम्भ-   03:55 PM, 26 अगस्त, 2024
    • रोहिणी नक्षत्र समाप्त-  03:38 PM, 27 अगस्त, 2024 

श्री कृष्ण जन्माष्टमी पूजा की विधि
श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर रात्रि स्नान के बाद साफ कपड़े पहनें. उसके बाद देवघर में भगवान कृष्ण की मूर्ति या छवि को चौराहे या मेज पर रखना चाहिए. अब गंगाजल या शुद्ध जल से अभिषेक करना चाहिए. इसके बाद मूर्ति को दूध या पंचामृत से स्नान कराएं. इसके बाद मूर्ति या तस्वीर पर गोपी चंदन का लेप लगाएं. बालकृष्ण को मनाएं, फूल मालाएं चढ़ाएं. मूर्ति के सामने घी का दीपक या निरंजन जलाएं. अगरबत्ती जलाएं. इसके बाद भगोपाल की आरती करें और सच्चे दिल से प्रार्थना करते हुए उन्हें चीनी, मिठाई या फल का भोग लगाएं. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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