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Hockey World Cup 2023: घर में नहीं थी बिजली न ही थे खेलने के पैसे, इमोशनल कर देगी इस भारतीय खिलाड़ी की कहानी

Hockey World Cup 2023 के लिए Indian Hockey Team में शामिल Nilam Xess 13 जनवरी को स्पेन के खिलाफ डेब्यू कर सकते हैं.

Hockey World Cup 2023: घर में नहीं थी बिजली न ही थे खेलने के पैसे, इमोशनल कर देगी इस भारतीय खिलाड़ी की कहानी

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डीएनए हिंदी: हॉकी वर्ल्ड कप 2023 (Hockey World Cup 2023) के लिए भारतीय टीम में एक ऐसे खिलाड़ी को चुना गया जिसकी कहानी सुनकर आपकी भी आंखें नम हो जाएंगी. हॉकी इंडिया (Hockey India) ने 47 साल के वर्ल्डकप (Hockey World Cup) के सूखे को खत्म करने के इरादे से हरमनप्रीत सिंह (Harmanpreet Singh) की अगुवाई वाली 8 सदस्यीय टीम की घोषणा की गई. इस टीम में नीलम संदीप खेस (Nilam Sandeep Xess) का भी नाम शामिल था. जिसके परिवार की माली हालत इतनी खराब थी कि नीलम को अपना बचपन अंधेरे में गुजरना पड़ा. भारतीय टीम 13 जनवरी से अपने अभियान की शुरुआत करने जा रही है. उससे पहले हम नीलम संदीप खेस की कहानी बताते हैं जिन्होंने मुश्किल चुनौतियों से हार नहीं मानी और अब भारत को वर्ल्डकप जिताने के सपने से उडीशा पहुंच गए हैं. 

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राउरकेला के कादोबहाल गांव के रहने वाले 24 साल के डिफेंडर नीलम खेस ने अभी तक भारतीय टीम के लिए एक भी मैच नहीं खेला है और स्पेन के खिलाफ 13 जनवरी को अफना डेब्यू कर सकते हैं. नीलम खेस ने 7 साल की उम्र से ही हॉकी खेलना शुरू कर दिया. उन्होंने बताया, “मैं स्कूल में ब्रेक के दौरान अपने भाई के साथ खेलता था. घर आने के बाद, मैं अपने माता-पिता की मदद करने के लिए खेत में कम करता था. शाम को गांव के लोग हॉकी खेलने के लिए मिलते तो मैं उनके साथ खेलता था.”

अच्छी नौकरी हासिल करना चाहते थे नीलम

नीलम खेस ने आगे कहा, “बिजली भी नहीं थी. दुनिया में क्या हो रहा है तो दूर, मुझे तो यह भी पता नहीं रहता कि राउरकेला में क्या हो रहा है. कभी-कभी, मुझे अपनी कहानी बताने में शर्म आती है, लेकिन फिर मैं सोचता हूं लगता है कि वाह मैं कहां पहुंच गया.” नीलम खेस के घर में बिजली तो थी ही नहीं, लालटेन खरीदने तक के भी पैसे नहीं थे. नीलम पढ़ाई कर अच्छी नौकरी हासिल करना चाहते थे लेकिन 2010 में उनकी जिंदगी बदल गई जब उनका चयन एक स्पोर्ट्स हॉस्टल के लिए हुआ. यहीं से खेस ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और जमकर मेहनत करने लगे. लंदन ओंलपिक में भारतीय हॉकी टीम को खेलते देखने के बाद उन्होंने टीम इंडिया में जगह बनाने का सपना देखना शुरू कर दिया. 

नीलम खेस के परिवार ने पास हॉकी स्टिक और अन्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पैसे नहीं थे. उन्हें कुछ भी खरीदने के लिए उधार लेना पड़ता था. नीलम की मेहनत रंग लाई और नेशनल कैंप के लिए उनका चयन हुआ. वहां दिग्गज हॉकी खिलाड़ी बीरेंद्र लकड़ा ने उनकी मदद की. अब खेस भारतीय टीम के लिए सीधे वर्ल्डकप में डेब्यू करने के लिए तैयार हैं. 

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