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'एक गोरा कैसे मार सकता है मुझे' Virender Sehwag ने सुनाया Sourav Ganguly के फेवरेट कोच से हाथापाई का किस्सा

Virender Sehwag on John Wright: पूर्व भारतीय ओपनिंग बल्लेबाज सहवाग ने कहा, कोच जॉन राइट ने मेरा कॉलर पकड़ा और फिर मुझे धक्का दे दिया. बाद में सौरव गांगुली और सचिन तेंदुलकर ने मामला सुलझाया.

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Virender Sehwg Funny Tweet

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डीएनए हिंदी: Virender Sehwag Latest News- भारतीय क्रिकेट टीम का गोल्डन पीरियड भले ही कैप्टन कूल एमएस धोनी (MS Dhoni) की कप्तानी में रहा हो, लेकिन हर कोई मानता है कि इसकी शुरुआत सौरव गांगुली की कप्तानी के दौर में ही हो गई थी. यह वो दौर था, जब भारत 1983 के बाद पहली बार वर्ल्ड कप फाइनल खेला था तो साथ ही टीम इंडिया ने इंग्लैंड में नटवेस्ट ट्रॉफी भी जीती थी. इस दौरान जहां सौरव गांगुली की कप्तानी का कमाल था, वहीं टीम के तत्कालीन कोच व न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान जॉन राइट की रणनीति का भी लोहा माना जाता है. अब सामने आया है कि सौरव गांगुली के फेवरेट कोच जॉन राइट के साथ भारतीय टीम के विस्फोटक ओपनर वीरेंद्र सहवाग की एक बार नोंकझोंक हो गई थी. यह नोंकझोंक इतनी बढ़ी कि नौबत हाथापाई तक पहुंच गई थी. इस किस्से को अब सहवाग ने खुद पूरी दुनिया को सुनाया है. उन्होंने कांग्रेस नेता शशि थरूर के बुक लॉन्च प्रोग्राम में बताया कि नटवेस्ट सीरीज के दौरान टीम के कोच जॉन राइट ने उनका कॉलर पकड़कर उन्हें धक्का दिया था, जिससे माहौल बुरी तरह गर्मा गया था. 

क्या बताया सहवाग ने

सहवाग ने दिल्ली में हुए प्रोग्राम में कहा, साल 2001 के दौरान जॉन राइट के कोच बनने के कुछ महीने बाद ही उनके साथ विवाद हो गया था. सहवाग बोले, इंग्लैंड में नटवेस्ट ट्रॉफी के दौरान राइट ने मेरा कॉलर पकड़ लिया और मुझे धक्का भी दिया. इस पर हालात कुछ-कुछ हाथापाई वाले हो गए थे. मैंने इसकी जानकारी राजीव शुक्ला को दी, जो तब टीम मैनेजर थे. मैंने कहा, यह गोरा ऐसा कैसे कर सकता है. इस पर शुक्ला ने यह बात सौरव गांगुली से बता दी. गांगुली ने मुझसे पूछा तो मैंने कहा कि जब तक जॉन राइट माफी नहीं मांगता, तब तक कोई समझौता नहीं होगा. इसके बाद राइट मेरे कमरे में आए और माफी मांगी. तब यह मामला शांत हुआ. वीरू के नाम से मशहूर सहवाग ने कहा, सचिन तेंदुलकर ने भी मामला आगे नहीं बढ़ने दिया. उन्होंने कहा, यह मामला अतीत में छोड़ देना चाहिए. इसके बाद इस मामले का जिक्र नहीं उठा.

चिट से तय होता था ओपनर का नाम

आज भले ही टीम इंडिया के पास करीब आधा दर्जन ओपनिंग बल्लेबाज हैं, लेकिन एक समय भारतीय टीम में कागज की चिट डालकर लॉटरी सिस्टम से ओपनर चुने जाते थे. सहवाग ने बताया कि टीम में ओपनिंग करने वाली जोड़ी तय करने के लिए चिट डाली जाती थी. गांगुली 2003 वर्ल्ड कप के दौरान ओपनिंग से हट गए थे. सभी खिलाड़ियों से पूछा गया था कि कौन ओपनिंग करेगा? इसके लिए चिट डाली गई. टीम के 14 प्लेयर्स ने लिखा था कि सचिन-सहवाग ओपनिंग करें, जबकि एक चिट में सचिन-गांगुली की जोड़ी का समर्थन था. यह चिट खुद गांगुली ने लिखी थी.

पांच साल टीम इंडिया के कोच रहे थे राइट

न्यूजीलैंड के अब तक के सबसे बेहतरीन ओपनिंग बल्लेबाजों में से एक रहे जॉन राइट साल 2000 में टीम इंडिया (Team India) के कोच बने थे. वे भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) के पहले विदेशी कोच थे. राइट करीब 5 साल टीम इंडिया के कोच रहे. इस दौरान भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ साल 2001 में ऐतिहासिक कोलकाता टेस्ट मैच जीता. साथ ही 2003 वनडे वर्ल्ड कप का फाइनल खेला और इंग्लैंड में नेटवेस्ट क्रिकेट ट्रॉफी अपने नाम की थी. इसके अलावा भी कई यादगार पल टीम इंडिया के हिस्से में रहे थे.

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