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कितने ताकतवर हैं ईरान के सुप्रीम लीडर आयातुल्लाह अली खामेनेई? 35 साल से सत्ता पर हैं काबिज

ईरान में राष्ट्रपति कोई भी बने लेकिन बड़े फैसले खामेनेई की ओर से ही लिए जाते हैं. ईरान में एक पत्ता भी खामेनेई की मंजूरी के बिना नहीं हिलता है. आइए जानते हैं कौन हैं आयातुल्लाह अली खामेनेई?

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कितने ताकतवर हैं ईरान के सुप्रीम लीडर आयातुल्��लाह अली खामेनेई? 35 साल से सत्ता पर हैं काबिज

Ayatollah Ali Khamenei

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Israel Iran War: ईरान और इजरायल के बीच युद्ध की स्थिति बनी हुई है. इस बीच दोनों देश भीषण युद्ध की ओर अग्रसर हैं. ईरान की तरफ से इजरायल के ऊपर सैकड़ों मिसाइल दागी गई हैं. वहीं इन हमलों को देखते हुए इजरायल की तरफ से पलटवार किया गया है. ईरानी सेना जिसे रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स कहा जाता है, वो पूरी तरह से युद्ध की स्थिति के लिए तैयार है. जानकारों के मुताबिक इजरायल पर हमले का फैसला ईरान के सुप्रीम लीडर आयातुल्लाह अली खामेनेई का था. आपको बताते चलें कि वो ईरान के सबसे बड़े नेता हैं. साथ ही उन्हें एक बड़ा शिया धार्मिक भी माना जाता है. ईरान में राष्ट्रपति कोई भी बने लेकिन बड़े फैसले खामेनेई की ओर से ही लिए जाते हैं. ईरान में एक पत्ता भी खामेनेई की मंजूरी के बिना नहीं हिलता है. आइए जानते हैं कौन हैं आयातुल्लाह अली खामेनेई?


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कौन हैं सुप्रीम लीडर खामेनेई
अयातुल्ला अली खामेनेई की पहचान ईरान के सुप्रीम लीडर और दुनिया भर में एक शिया नेता के तौर पर होती है. दरअसल ईरान में अयातुल्ला एक पोस्ट है. उनकी उम्र 85 साल की है. ईरान में 1979 को इस्लामिक क्रांति हुई थी. उससे पहले वहां पर वहां के बादशाह पहलवी का शासन हुआ करता था. ईरान में इस्लामिक क्रांति उस समय के बड़े शिया नेता अयातुल्ला रूहोल्लाह खुमैनी की अगुवाई में हुई थी. अयातुल्ला रूहोल्लाह खुमैनी उस वक्त ईरान के सुप्रीम नेता थे. साल 1989 में उनकी मौत हो गई. 

1989 में बनें सुप्रीम लीडर
अयातुल्ला रूहोल्लाह की मौत के बाद अयातुल्ला अली खामेनेई को ईरान का सुप्रीम लीडर बनाया गया. खामेनेई की पैदाइश साल 1939 में हुई थी. उनका जन्म उनके मूल गांव मशहद में हुआ था. उनका नाता एक रुढ़ीवादी शिया परिवार से है. खामेनेई की प्रारंभिक पढ़ाई मशहद के मदरसों में हुई थी. उसके बाद वो क़ोम शहर में रहने लगे. वहां के शिया जलसों में वो तकरीर करने लगे. क़ोम शियाओं का एक ताकतवर और पवित्र शहर माना जाता है. कोम शहर में ही उनका उदय हुआ. 80 के दशक में वो ईरान के दूसरे सबसे ताकतवर नेता बन गए. फिर 1989 में उन्हें ईरान का सुप्रीम नेता बनाया गया. वो तब से लेकर अब तक उस पद पर काबिज हैं.

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