Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

अल्लाह का जिक्र कर पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने इन दो बिलों पर साइन करने से किया इंकार, जानिए पूरी डिटेल

Pakistan News: पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी द्वारा ट्वीट कर इसकी जानकारी दी गई. इसके बाद पाकिस्तान पीपल्स पार्टी ने उनके इस्तीफा की मांग की.

अल्लाह का जिक्र कर पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने इन दो बिलों पर साइन करने से किया इंकार, जानिए पूरी डिटेल

Pakistan President Arif Alvi Hindi News Today 

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने रविवार को सेना और गुप्त कानूनों से संबंधित दो महत्वपूर्ण विधायकों पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया. इसके साथ उन्होंने दावा किया कि उनके स्टाफ ने ही उन्हें धोखा दिया है. राष्ट्रपति आरिफ ने इसकी जानकारी दी है. आइए आपको बताते हैं कि वह कौन से दो बिल हैं, जिन पर हस्ताक्षर करने से पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने इनकार कर दिया.

राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने ट्विटर पर लिखा कि अल्‍लाह मेरा गवाह है मैंने आधिकारिक गोपनीयता संशोधन विधेयक 2023 और पाकिस्तान सेना संशोधन विधेयक 2023 पर हस्ताक्षर नहीं किए क्योंकि मैं इन कानूनों से असहमत था. मैंने अपने स्‍टाफ से बिना हस्ताक्षर किए विधेयकों को अप्रभावी बनाने के लिए निर्धारित समय के अंदर इसे वापस करने के लिए कहा. मैंने उनसे कई बार पुष्टि की कि क्या उन्‍हें वापस कर दिया गया है? उन्‍होंने मुझे भरोसा दिलाया कि विधेयक वापस कर दिए गए हैं। हालांकि, मुझे आज पता चला है कि मेरे स्‍टाफ ने मेरी इच्छा और आज्ञा को नहीं माना. इसके बाद राष्‍ट्रपति अल्‍वी ने उन लोगों से माफी मांगी, जिनका असर इस फैसले पर पड़ेगा.

यह भी पढ़ें: चांद की सतह से टकराकर क्रैश हुआ रूस का लूना - 25, जानिए कितने अरब का हुआ नुकसान

क्या है सरकारी गोपनीयता अधिनियम और आर्मी एक्ट बिल

आर्मी एक्ट में सैन्य कर्मियों के रिटायरमेंट से जुड़े कानून है. जिसमें यह प्रस्ताव दिया गया है कि कोई भी व्यक्ति सरकारी हैसियत से प्राप्त जानकारी किसी और को नहीं दे सकता है. जो देशहित और सुरक्षा को नुकसान पहुंचा सकती है. अगर ऐसा पाया जाता है तो उसे 5 साल तक सश्रम कैद की सजा दी जा सकती है. वहीं, आधिकारिक गोपनीयता संशोधन विधेयक के मुताबिक, कोई व्यक्ति सरकारी काम में बाधा डालता है या फिर देश के खिलाफ काम करता है तो वह अपराध की श्रेणी में आएगा. इसके साथ अगर वह दुश्मन को किसी भी तरह से फायदा पहुंचाने की कोशिश करता है तो वह भी दंडनीय माना जाएगा. अपराधी पाए जाने पर स्पेशल कोर्ट में केस चलेगा और 30 दिन के अंदर इस पर फैसला किया जाएगा.

यह भी पढ़ें: लीबिया में फंसे 17 भारतीयों की वापसी, जानें इस मुश्किल ऑपरेशन की पूरी डेटलाइन  

इन पार्टियों ने राष्ट्रपति से मांगा इस्तीफा

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राष्ट्रपति के फैसले के बाद पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) ने उनके इस्तीफे की मांग की. पीपीपी नेता ने कहा कि मेरा मानना है कि ऐसा व्यक्ति राष्ट्रपति पद पर बने रहने के लायक नहीं है. इस व्यक्ति को नहीं पता कि क्या हो रहा है. उसे यह भी नहीं पता कि उसे किसने नजरअंदाज किया है. पीएमएल-एन नेता और पूर्व वित्त मंत्री इशाक डार ने अल्वी के बयान को अविश्वसनीय बताते हुए इस्तीफे की मांग की.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement