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Myanmar Army ने पार की क्रूरता की हदें, 30 लोगों को गोलियों से भून, शव जलाने का आरोप

म्यामांर में सेना की ज्यादती की खबर अक्सर ही आती रहती हैं. एक रिपोर्ट में 30 बच्चों समेत 30 लोगों को सेना द्वारा मारे जाने का दावा किया जा रहा है.

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  • Dec 26, 2021, 11:20 AM IST

Mynamar के हप्रुसो शहर में सेना द्वारा नरसंहार का आरोप लगाया जा रहा है. Facebook Group में मानवाधिकार के लिए काम करने वाले संगठनों की ओर से 30 लोगों को मारने का दावा किया जा रहा है. क्या है पूरा मामला, समझें.

1.संघर्ष वाले काया राज्य की घटना है

संघर्ष वाले काया राज्य की घटना है
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संघर्षग्रस्त काया राज्य में महिलाओं और बच्चों सहित 30 से ज्यादा लोग मारे गए और बाद में उनके शव मिलने का दावा किया जा रहा है. स्थानीय निवासी, मीडिया रिपोर्ट्स और स्थानीय मानवाधिकार समूह इसका दावा कर रहे हैं.  करेनी ह्यूमन राइट्स ग्रुप ने कहा कि उन्हें आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों के जले हुए शव मिले हैं. ग्रुप ने दावा किया कि ह्प्रुसो शहर के मो सो गांव के पास म्यांमार पर शासन करने वाली सेना ने बुजुर्ग, महिलाओं और बच्चों पर गोलियां चलाई थीं.



2.जले हुए शव और बेड मिलने का दावा 

जले हुए शव और बेड मिलने का दावा 
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ग्रुप के एक कमांडर ने फेसबुक पोस्ट में दावा किया है कि सभी शव अलग-अलग साइज के हैं. इसमें बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं के शव, जले हुए बेड के अवशेष मिले हैं. 



3.सरकार को बेदखल कर सेना का सत्ता पर कब्जा 

सरकार को बेदखल कर सेना का सत्ता पर कब्जा 
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म्यांमार में इसी साल आंग सान सू ची सरकार को इसी साल फरवरी में सत्ता से बेदखल कर सेना सत्ता पर काबिज हुई है. सेना की ज्यादती और विरोधियों पर हमले की खबरें म्यांमार में आती रही हैं. 



4.आर्मी ने विद्रोही करने समुदाय पर किया है Air Strike

आर्मी ने विद्रोही करने समुदाय पर किया है Air Strike
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म्यांमार की सेना के हवाई हमले के बाद बड़ी संख्या में लोग जान बचाने के लिए थाईलैंड भाग गए हैं. गुरिल्ला संघर्ष चलाने वाले करेन समुदाय के नियंत्रण वाले एक छोटे कस्बे पर सेना ने हवाई हमले किए हैं.



5.सेना के साथ स्थानीय लोगों का संघर्ष लंबे समय से चल रहा है

सेना के साथ स्थानीय लोगों का संघर्ष लंबे समय से चल रहा है
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म्यांमार में सेना के विरोध में स्थानीय लोगों का संघर्ष काफी पुराना है. लंबी लड़ाई के बाद देश में लोकतंत्र की बहाली हुई थी लेकिन लोकशाही का दौर ज्यादा नहीं टिका. जल्द ही सेना ने फिर से सत्ता हथिया ली. म्यांमार की सेना की ज्यादती और मानवाधिकारों के हनन पर संयुक्त राष्ट्र भी चिंता जता चुका है.

नोट: सभी तस्वीरें सांकेतिक तौर पर इस्तेमाल की गई हैं



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