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Russia- Ukraine Crisis: पूर्वी यूक्रेन के डोनेत्स्क और लुहांस्क को रूस ने दी अलग देश की मान्यता, बढ़ा तनाव

रूस के राष्ट्रपति (Vladimir Putin) ने पूर्वी यूक्रेन से अलग हुए दो प्रांतों को अलग देश के रूप में मान्यता दे दी है.

Russia- Ukraine Crisis: पूर्वी यूक्रेन के डोनेत्स्क और लुहांस्क को रूस ने दी अलग देश की मान्यता, बढ़ा तनाव
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डीएनए हिंदीः रूस और यूक्रेन के बीच जारी तनाव (Russia- Ukraine Crisis) लगातार बढ़ता जा रहा है. रूस ने अब एक ऐसा कदम उठाया है जिससे दोनों देशों की बीच तनाव और बढ़ गया है. रूस के राष्ट्रपति (Vladimir Putin) ने पूर्वी यूक्रेन से अलग हुए दो प्रांतों डोनेत्स्क (Donetsk) और लुहांस्क (Luhansk) को अलग देश के रूप में मान्यता दे दी है. पुतिन ने देश के नाम संबोधन में इसका ऐलान किया. उन्होंने अमेरिका के बहाने यूक्रेन पर निशाना साधते हुए उसे अमेरिका का उपनिवेश बताया. पुतिन ने कहा कि यूक्रेन का शासन अमेरिका के हाथों की 'कठपुतली' है.

पुतिन ने किए आदेश पर हस्ताक्षर 
व्लादिमीर पुतिन ने इसका ऐलान सुरक्षा परिषद की बैठक के तुरंत बाद कर दिया. पुतिन के ऐलान के बाद अब मॉस्को समर्थित विद्रोहियों और यूक्रेनी बलों के बीच संघर्ष के लिए रूस के सैन्य बल और हथियार भेजने का रास्ता साफ हो गया है. राष्ट्रपति पुतिन ने मान्यता देने से जुड़े एक आदेश पर हस्ताक्षर भी किए हैं, इसके साथ ही डोनेत्स्क और लुहांस्क में सेना भेजकर शांति अभियान चलाने का भी आदेश दिया है. 

यह भी पढ़ेंः Ukraine Crisis: रूस की सेना का दावा- 5 सैनिक मार गिराए, 2 गाड़ियां भी की तबाह

यूक्रेन बोला- किसी से नहीं डरते 
रूस के इस कदम के बाद यूक्रेन की भी प्रतिक्रिया सामने भी आ गई है. यूक्रेन के राष्ट्रपति ने साफ किया है कि उनका देश किसी से नहीं डरता. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि रूसी संघ की संघीय विधानसभा से इस निर्णय का समर्थन करने के लिए कहेंगे और फिर इन गणराज्यों के साथ दोस्ती और पारस्परिक सहायता के लिए दो संधियां करेंगे जिससे संबंधित दस्तावेज जल्द ही तैयार किए जाएंगे. 

रूस ने क्यों उठाया कदम 
दरअसल पूर्वी यूक्रेन के दो प्रांतों डोनेत्स्क और लुहांस्क में पिछले कुछ समय से अलगाववादी नेताओं और यूक्रेन की सेना के बीच संघर्ष चल रहा है. यह नेता रूस के साथ वैचारिक तौर पर जुड़े हुए हैं. वह खुद को रूस में शामिल किए जाने के पक्षधर रहे हैं. रूस के लिए भी यह इलाके रणनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्व हैं. इन इलाकों पर रूस के प्रभाव बढ़ने से वह उसे प्राकृतिक गैस के भंडारण वाले इलाके पर नियंत्रण कर सकेगा. यूक्रेन के अलगाववादी नेताओं ने टेलीविजन पर प्रसारित एक बयान के जरिए रूस के राष्ट्रपति से अनुरोध किया था कि वे अलगाववादी क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता दें और मित्रता संधियों पर हस्ताक्षर करके उनके खिलाफ जारी यूक्रेनी सेना के हमलों से उनकी रक्षा करने के लिए सैन्य सहायता भेजें.  

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