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Punjab पर AAP का फोकस, क्या बढ़ेंगी Congress की मुश्किलें?

पंजाब में आम आदमी पार्टी एक्टिव कैंपेनिंग में जुट गई है. सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

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Punjab पर AAP का फोकस, क्या बढ़ेंगी Congress की मुश्किलें?

Delhi CM Arvind Kejriwal (Photo Credit- Twitter/Aap)

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डीएनए हिंदी: पंजाब (Punjab) में सत्तारूढ़ कांग्रेस (Congress) पार्टी की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं. कांग्रेस के खिलाफ मजबूत विपक्षी पार्टियों चक्रव्यूह बनता चला जा रहा है. दिल्ली (Delhi) में अपनी सियासी जड़ें जमा चुकी आम आदमी पार्टी (AAP) अब पंजाब विधानसभा चुनावों (Punjab Assembly Election) में एक बार फिर अपनी किस्मत आजमाना चाहती है.

चंडीगढ़ नगर निगम चुनावों  (Chandigarh Municipal Election) में आम आदमी पार्टी के सबसे बड़े राजनीतिक दल के रूप में उभरने से एक संकेत तो स्पष्ट तौर पर मिल गया है कि पार्टी की पकड़ लगातार मजबूत हो रही है. भ्रष्टाचार, फ्री बिजली, पानी और शिक्षा जैसे बुनियादी मुद्दे के जरिए सियासत की शुरुआत करने वाली आम आदमी पार्टी अब कांग्रेस समेत दूसरे विपक्षी दलों को कड़ी टक्कर दे रही है.

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क्या थे चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव के नतीजे?

चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव का जनादेश स्पष्ट नहीं है. 35 वार्ड में आम आदमी पार्टी ने 14, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 12, कांग्रेस ने 8 और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने 1 वार्ड में जीत दर्ज की है. AAP इन चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. ताजा नतीजों से उत्साहित आम आदमी पार्टी अब पूरे पंजाब को जीतने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है. यही वजह है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल (Arvind Kejriwal) 30 दिसंबर को चंडीगढ़ में आप के 'विजय मार्च' (Vijay March) का नेतृत्व करने के लिए पंजाब का दौरा करेंगे. इसी दिन से सीएम केजरीवाल का तीन दिवसीय दौरा शुरू होगा.

2017 के विधानसभा चुनाव में क्या था AAP का हाल?

2017 में हुए विधानसभा चुनावों में भी आम आदमी पार्टी ने पंजाब में अपना भाग्य आजमाया था. कांग्रेस ने जहां 77 सीटें हासिल की थीं, वहीं AAP के खाते में 20 सीटें गईं थीं. यह पार्टी के लिए पंजाब में सबसे बड़ी जीत थी. शिरोमणी अकाली दल जैसे पुराने दल महज 15 सीटों पर सिमट गए थे. देश में मोदी लहर के बावजूद बीजेपी 3 सीटों से ज्यादा नहीं हासिल कर सकती थी. लोक इंसाफ पार्टी भी 2 सीटें जीतने में कामयाब हो गई थी. अब सियासी समीकरण आम आदमी पार्टी के लिए और मजबूत होते नजर आ रहे हैं.

क्यों कांग्रेस पर भारी पड़ सकती है AAP?

कांग्रेस इन दिनों अंदरुनी कलह से जूझ रही है. कभी सूबे में कांग्रेस के सबसे बड़े नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amaridner Singh) ने पार्टी से राहें अलग कर ली हैं और अब वे भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ हैं. पंजाब में लगातार प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhhu) अपनी ही सरकार के खिलाफ हमलावर हैं. चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) मुख्यमंत्री होने के बावजूद सिद्धू से मिल रही चुनौतियों को लेकर परेशान नजर आते हैं. वहीं आम आदमी पार्टी आक्रामक अंदाज में लगातार खुद को मजबूत करने की कोशिशों में जुटी है.

सीएम चन्नी के खिलाफ कौन होगा AAP उम्मीदवार?

आम आदमी पार्टी पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए उम्‍मीदवारों की पांचवीं लिस्‍ट भी जारी कर चुकी है. AAP ने अब तक 88 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की है. पंजाब की मुख्य विपक्षी पार्टी होने का तमगा भी आप के पास है, ऐसे में अभी से सभी प्रत्याशियों ने जमीनी स्तर पर रणनीति तैयार करनी शुरू कर दी है. पंजाब में 117 विधानसभा सीट हैं जिनके लिए 2022 में चुनाव होने वाला है. मौजूदा सीएम चरणजीत सिंह चन्नी को घेरने के लिए उन्हीं की विधानसभा सीट चमकौर साहिब डॉक्टर चरणजीत सिंह को उतारा है. कांग्रेस अपने उम्मीदवारों को लेकर अब भी असमंजस में ही है. पंजाब की सियासी जंग में जीतेगा कौन यह तो वक्त ही बताएगा लेकिन अभी आम आदमी पार्टी की सक्रियता से ये लड़ाई दिलचस्प होती नजर आ रही है.

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