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OYO, MakeMyTrip और Goibibo पर 392 करोड़ रुपये का जुर्माना, जानिए CCI ने क्यों की कार्रवाई

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग इन कंपनियों की साल 2019 से जांच कर रहा है. इनके खिलाफ FHRAI ने मिलीभगत की शिकायत की थी.

OYO, MakeMyTrip और Goibibo पर 392 करोड़ रुपये का जुर्माना, जानिए CCI ने क्यों की कार्रवाई
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डीएनए हिंदी: भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (Competition Commission of India) ने ऑनलाइन होटल बुकिंग वेबसाइट मेकमायट्रिप (MakeMyTrip) और गोआइबिबो (Goibibo) तथा बजट होटल चेन ओयो (OYO) पर 392 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. इन तीनों पर CCI ने बुधवार को यह जुर्माना लगाया. यह सख्त कदम इन तीनों कंपनियों पर होटल रूम लिस्टिंग्स में मिलीभगत कर प्रतिस्पर्धा खत्म करने के आरोप में लगाया गया है. CCI ने मेकमायट्रिप और गोआइबिबो से 223.48 करोड़ रुपये वसूलने का आदेश दिया है, जबकि जल्द ही IPO लाने जा रहे ओयो को 168.88 करोड़ रुपये जमा कराने के लिए कहा गया है.

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होटल एसोसिएशन ने की थी शिकायत

Indian Express की रिपोर्ट के मुताबिक, मेकमाईट्रिप और ओयो के खिलाफ साल 2019 में फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशंस ऑफ इंडिया (FHRAI) ने शिकायत की थी. शिकायत में कहा गया था कि मेकमाईट्रिप की तरफ से अपने प्लेटफॉर्म पर सॉफ्टबैंक (SoftBank) की फंडिंग वाले ओयो को 'स्पेशल ट्रीटमेंट' दिया जा रहा है. शिकायत में यह भी कहा गया था कि इन कंपनियों के बीच लिस्टिंग एग्रीमेंट के कारण ऑनलाइन होटल बुकिंग मार्केट में उनका वर्चस्व बन गया है. इसके अलावा मेकमाईट्रिप के डीप डिस्काउंटिंग मैथड इस्तेमाल करने की भी शिकायत की गई थी. 

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इस शिकायत के आधार पर CCI ने साल 2019 में ही जांच शुरू कर दी थी. इस जांच के आधार पर ही बुधवार को जुर्माना लगाने का फैसला किया गया. CCI के फैसले का FHRAI ने स्वागत किया है और कहा है कि यह एग्रीगेटर्स के वर्चस्व के खिलाफ हॉस्पिटेलिटी इंडस्ट्री की बहुत बड़ी जीत है.

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क्या कहा है CCI ने अपने आदेश में

CCI ने अपने आदेश में कहा है कि मेकमाईट्रिप और गोआइबिबो को अपने 'मार्केट बिहेवियर' को ठीक करना ही होगा. दोनों कंपनियों को होटल व होटल चेन के साथ अपना एग्रीमेंट मॉडिफाई करने, अपने भागीदार होटल या चेन होटल्स पर मूल्य या रूम की उपलब्धता से जुड़े समता दायित्व हटाने का निर्देश दिया जाता है. इस आदेश का मतलब यह है कि अब मेकमाईट्रिप अपने साथ जुड़े होटलों को एक ही रूम के दाम दूसरी वेबसाइट पर ज्यादा दिखाने के लिए मजबूर नहीं कर सकता है. 

CCI ने यह भी कहा है कि ओयो और मेकमाईट्रिप-गोआइबिबो के बीच कॉमर्शियल एग्रीमेंट के कारण इन कंपनियों के प्लेटफॉर्म से फैबहोटल्स, ट्रिबो व अन्य होटलों को हटाने गैर प्रतिस्पर्धी व्यवहार है, जिसके लिए जुर्माना लगाया जाना चाहिए.

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अब क्या कर सकती हैं ये कंपनियां

ओयो और मेकमाईट्रिप की तरफ से CCI के इस फैसले को चुनौती दी जा सकती है. ओयो ने इस फैसले के बाद कहा कि ज्यादातर ओयो कस्टमर सीधे उसकी मोबाइल ऐप, वेबसाइट व अन्य चैनल के जरिए होटल बुकिंग कराते हैं. हम लगातार सभी ऑनलाइन ट्रैवल एजेंट (OTA) के साथ डिस्ट्रीब्यूशन पार्टनर के तौर पर काम कर रहे हैं. ओयो का मानना है कि उसकी बिजनेस प्रैक्टिस व व्यवहार सभी कानूनों का पालन करते हैं.

मेकमाईट्रिप ने अपने बयान में कहा, यह पूरी तरह 'प्योरप्ले मार्केट प्लेस' है, जिसमें किसी की भी तरफ कोई झुकाव नहीं है. हम CCI के आदेश की स्टडी कर रहे हैं. हमारा मानना है कि इस आदेश का भारत में ई-कॉमर्स मार्केट की प्रतिस्पर्धा व विकास के स्तर पर निगेटिव प्रभाव होगा. CCI के आदेश को 60 दिन के अंदर नेशनल कंपनी अपीलेट ट्रिब्यूनल में चुनौती दी जा सकती है.

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