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RBI Digital Currency: क्रिप्टो करेंसी से कितनी अलग होगी डिजिटल करेंसी, क्या यह है कैशलेस भारत की ओर एक बड़ा कदम?

क्रिप्टो करेंसी को काउंटर करने के लिए RBI ने डिजिटल करेंसी को लॉन्च करने की तैयारी पूरी कर ली है और जल्द ही इसका पायलट प्रोजेक्ट शुरू हो सकता है.

RBI Digital Currency: क्रिप्टो करेंसी से कितनी अलग होगी डिजिटल करेंसी, क्या यह है कैशलेस भारत की ओर एक बड़ा कदम?
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डीएनए हिंदी: क्रिप्टो करेंसी (Crypto Currency) को लेकर भारत का रुख अभी तक नकारात्मक ही रहा है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) पहले ही डिजिटल करेंसी की बात करता रहा है और खबर है कि RBI डिजिटल करेंसी को लॉन्च करने की तैयारी शुरू कर चुका है. जानकारी के मुताबिक इस साल पायलट प्रोजेक्ट के तहत RBI डिजिटल करेंसी लॉन्च करेगा. 

दरअसल, क्रॉस बॉर्डर भुगतान के लिए डिजिटल करेंसी को काफी प्रभावी माना जा रहा है. इसके लिए आरबीआई अमेरिका की फिनटेक कंपनी FIS से बातचीत कर रहा है. डिजिटल करेंसी को लॉन्च करने से पहले चार सरकारी बैंकों से सेंट्रल बैंक ने डिजिटल करेंसी के लिए पॉयलट प्रोजेक्ट शुरू करने को कहा है.

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नहीं रखना पड़ेगा कैश

खास बात यह है कि डिजिटल करेंसी से आपको कैश रखने की जरूरत नहीं होगी. यह करेंसी मोबाइल वॉलेट की तरह ही काम करेगी. वहीं इसकी सबसे बड़ी खासियत होगी कि इसे रखने पर आपको ब्याज भी मिलेगा. डिजिटल करेंसी को आप अपने मोबाइल के वॉलेट में रख सकते हैं या फिर अपने अकाउंट में रख सकते हैं. डिजिटल करेंसी के सर्कुलेशन की गोपनीयता रखी जाएगी. इसके सर्कुलेशन पर RBI का कंट्रोल होगा. 

वित्त मंत्री ने की थी घोषणा

RBI द्वारा लॉन्च होने वाली इस डिजिटल करेंसी को एक बड़े बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है. आपको बता दें कि इसी वर्ष एक फरवरी को बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आने वाले वित्त वर्ष में आरबीआई द्वारा डिजिटल करेंसी या सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी जारी करने की घोषणा की थी.

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अपने संबोधन में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि डिजिटल रुपया लाने का फैसला भारतीय रिजर्व बैंक की सलाह से सोच-समझकर लिया गया है. आरबीआई के डिजिटल करेंसी को कानूनी मान्यता हासिल होगी. पॉयलेट प्रोजेक्ट के लिए देश के 4 सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ बड़ौदा को शामिल किया गया है.

आपको बता दें कि देश में लगातार कैशलेस ट्रांजेक्शंस को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसके चलते ही यूपीआई को लेकर बड़े ऐलान किए गए है और रुपे कार्ड को भी भारत से बाहर कई देशों में मान्यता दिलाने के प्रयास जारी हैं. क्रिप्टो करेंसी को लेकर भारत सरकार का रुख नकारात्मक इसलिए भी है क्योंकि उसका कंट्रोल भारत के हाथ में ही नहीं है. 

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ऐसे में क्रिप्टोकरेंसी के जरिए ट्रांजेक्शन से देश में आर्थिक विषमता आ सकती है. इसलिए क्रिप्टोकरेंसी को काउंटर करने के उद्देश्य से ही इस डिजिटल करेंसी को लॉन्च किया जा रहा है. आरबीआई पहले पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसे शुरू करेगी फिर इसके परिणामों के अनुसार इसे पूरी तरह रोलआउट करेगी. 

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