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ब्लैक में नहीं खरीद सकेंगे SIM Card, पुलिस वेरिफिकेशन जरूरी, साइबर क्राइम पर ऐसे नकेल कसेगी सरकार

केंद्र सरकार ने साइबर फ्रॉड पर लगाम लगाने के लिए सिम कार्ड से जुड़े कुछ नियमों में बदलाव किया है. सरकार ने KYC नियमों को और सख्त कर दिया है. आइए जानते हैं कैसे इससे साइबर फ्रॉड रुक सकता है.

ब्लैक में नहीं खरीद सकेंगे SIM Card, पुलिस वेरिफिकेशन जरूरी, साइबर क्राइम पर ऐसे नकेल कसेगी सरकार

अब ब्लैक में नहीं खरीद सकेंगे सिम कार्ड.

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डीएनए हिंदी: साइबर क्राइम (Cyber Crime) के मामले देश में तेजी से बढ़ रहे हैं. डिजिटल फ्रॉड से निपटने के लिए सरकार ने सिम कार्ड बेचने वाले डीलरों के लिए पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया है. अब बल्क में सिम नहीं खरीदे जा सकेंगे. सरकार ने इस पर पाबंदी लगा दी है. सिम डीलर्स, अब मनमाने तरीके से किसी को सिम अलॉट नहीं कर सकेंगे.

केंद्र सरकार ने कॉमर्शियल कनेक्शन का नया प्रावधान भी बनाया है. सिम कार्ड का कारोबार करने वाले डीलर्स और ग्राहकों के लिए KYC नियमों का पालन अनिवार्य कर दिया गया है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को कई नए बदलावों की घोषणा की है.

उन्होंने कहा है कि सरकार नकली सिम कार्ड की बिक्री से निपटने के लिए दीर्घकालिक योजना पर काम कर रही है. इससे पहले,अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि सरकार ने सिम कार्ड डीलरों का पुलिस सत्यापन अनिवार्य कर दिया है.

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केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि सरकार ने 52 लाख मोबाइल कनेक्शन रद्द कर दिए हैं. मई 2023 से सिम कार्ड डीलरों के खिलाफ 300 एफआईआर दर्ज की गई हैं और 67,000 डीलरों को ब्लैकलिस्ट किया गया है. आइए जानते हैं अब कौन-कौन से नियमों में बदलाव हुआ है.

सरकार ने किन नियमों में किया है बदलाव?
नए नियमों के मुताबिक, सभी नए सिम कार्ड विक्रेताओं को पुलिस और बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन कराना होगा. सभी पॉइंट-ऑफ-सेल डीलरों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा. सिम कार्ड डीलरों का वेरिफिकेशन लाइसेंसधारी या संबंधित दूरसंचार ऑपरेटर द्वारा किया जाएगा. अगर कोई इन नियमों का का उल्लंघन करता है तो उस पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. 

अश्विनी वैष्णव ने बताया कि दूरसंचार विभाग (DoT) ने बल्क कनेक्शन के प्रावधान को भी बंद कर दिया है और इसके बजाय बिजनेस कनेक्शन का एक नया कॉन्सेप्ट सामने आएगा. डीलर की केवाईसी, सिम लेने वाले व्यक्ति की केवाईसी भी की जाएगी.

- प्रिंटेड आधार के दुरुपयोग को रोकने के लिए, सरकार ने क्यूआर कोड को स्कैन करके डीटेल्स हासिल करना अनिवार्य कर दिया है. केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि सिम लेने के लिए आधार अनिवार्य नहीं है.

वेरिफिकेशन टेलीकॉम ऑपरेटर करेंगे. डीलर की नियुक्ति से पहले वेरिफिकेशन के लिए सभी जरूरी डीटेल्स की जांच की जाएगी. पहले नियम में डीलर को कई छूट मिली हुई थी. सरकार सत्यापन के लिए पर्याप्त समय देगी.

दूरसंचार विभाग (DoT) ने कहा है कि आधार ई-केवाईसी प्रक्रिया में अंगूठे के निशान और आईरिस-आधारित प्रमाणीकरण के अलावा, फेस बेस्ट बायोमेट्रिक सर्टिफिकेशन को भी मंजूरी दी जाएगी.

मोबाइल नंबर के डिस्कनेक्ट होने की स्थिति में, इसे 90 दिनों की समाप्ति तक किसी अन्य नए ग्राहक को आवंटित नहीं किया जाएगा.

- पॉइंट ऑफ सेल्स का वेरिफिकेशन टेलीकॉम ऑपरेटरों द्वारा किया जाएगा. इससे साइबर फ्रॉड पर लगाम लग सकती है.

- पीओएस और लाइसेंसधारकों के बीच लिखित समझौता अनिवार्य होगा. अगर कोई PoS किसी भी अवैध गतिविधियों में शामिल होता है तो वह 3 साल के लिए ब्लैक लिस्ट होगा और रद्द कर दिया जाएगा.

- सभी मौजूदा पीओएस को 12 महीने के भीतर रजिस्ट्रेशन कराना होगा.

- सरकार ने 52 लाख मोबाइल कनेक्शन काट दिए हैं. 67,000 डीलरों को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया गया है. मई 2023 से सिम कार्ड डीलरों के खिलाफ 300 एफआईआर दर्ज की गई हैं. व्हाट्सएप ने अपने आप ही लगभग 66,000 खातों को ब्लॉक कर दिया है जो धोखाधड़ी गतिविधियों में शामिल थे.

- साइबर ठगों की ओर से इस्तेमाल किए गए करीब 8लाख बैंक वॉलेट खाते फ्रीज कर दिए गए हैं. चोरी या खोए हुए मोबाइल हैंडसेट के बारे में 7.5 लाख शिकायतों में से तीन लाख मोबाइल हैंडसेट का पता लगा लिया गया है और उनके मालिकों को लौटा दिया गया है. लगभग 17,000 मोबाइल हैंडसेट ब्लॉक कर दिए गए हैं.

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