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Meri Maati Mera Desh क्यों निकाली जा रही है यह यात्रा, क्या है मकसद

मेरी माटी मेरा देश अभियान, संस्कृति मंत्रालय की ओर से चलाया जा रहा है. 31 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. जानिए इस कैंपेन के बारे में सबकुछ.

Meri Maati Mera Desh क्यों निकाली जा रही है यह यात्रा, क्या है मकसद

मेरा माटी मेरा देश कैंपेन.

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डीएनए हिंदी: देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर शहीदों की याद में भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने 'मेरी माटी मेरा देश' अभियान की शुरुआत की थी. देश के कोने-कोने से लोग अपने गांव, कस्बों, शहरों और जिलों की मिट्टी और चावल के अमृत कलश लेकर दिल्ली आ रहे हैं. दिल्ली में होने वाले इस कार्यक्रम में 20,000 से ज्यादा लोग अमृत कलश लेकर आ रहे हैं. देश के कोने-कोने की मिट्टी को संग्रहीत करने वाली इस अनोखी पहल में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिस्सा ले रहे हैं.

देश के कोने-कोने से लाए जा रहे कलशों की मिट्टी को एक विशाल और भव्य कलश में स्थापित किया जाएगा. इसका मकसद, देश के वीरों को श्रद्धांजलि देनी है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 31 अक्टूबर को एक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे 'मेरी माटी मेरा देश' अभियान के तहत आयोजित अमृत कलश यात्रा के समापन का प्रतीक होगा. संस्कृति मंत्रालय ने कहा है कि विजय चौक और कर्तव्य पथ पर आयोजित होने वाले दो दिवसीय कार्यक्रम में 766 जिलों के 7,000 खंडों से अमृत कलश यात्री उपस्थित रहेंगे. 

संस्कृति मंत्रालय के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी 'मेरी माटी मेरा देश' अभियान के अंतिम कार्यक्रम को संबोधित करेंगे. इस कार्यक्रम के दौरान एक स्वायत्त निकाय 'मेरा युवा भारत' का शुभारंभ भी होगा, जो सरकार का ध्यान युवाओं के नेतृत्व वाले विकास पर केंद्रित करने और युवाओं को विकास का सक्रिय संचालक बनाने में मदद करेगा. 

यह भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने का जश्न मनाने के लिए 12 मार्च, 2021 को शुरू हुए दो साल लंबे अभियान 'आजादी का अमृत महोत्सव' के समापन का भी प्रतीक होगा. आजादी का अमृत महोत्सव के तहत पूरे देश में उत्साही जनभागीदारी के साथ दो लाख से अधिक कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं. 

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कहां से आ रहे हैं कितने लोग?
'मेरी माटी मेरा देश' के अंतिम आयोजन के लिए, 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 20,000 से अधिक अमृत कलश यात्री 30-31 अक्टूबर को कर्तव्य पथ और विजय चौक पर आयोजित होने वाले दो दिवसीय कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए विशेष ट्रेन, बसों और स्थानीय परिवहन जैसे विभिन्न साधनों से 29 अक्टूबर तक राष्ट्रीय राजधानी पहुंच रहे हैं. 

कहां ठहरेंगे अमृतकलश लाने वाले यात्री?
ये अमृत कलश यात्री दो शिविरों में रुकेंगे. गुरुग्राम में धनचिरी शिविर, और दिल्ली में राधा स्वामी सत्संग ब्यास शिविर. 

बड़े कलश में इकट्ठी होगी देश की माटी
30 अक्टूबर को, सभी राज्यों के ब्लॉक और शहरी स्थानीय निकायों के प्रतिनिधि एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना को दर्शाते हुए अपने 'कलश' से मिट्टी को एक विशाल 'अमृत कलश' में डालेंगे. मंत्रालय ने कहा कि अमृत कलश में मिट्टी डालने की रस्म के दौरान प्रत्येक राज्य के लोकप्रिय कला रूपों को प्रदर्शित किया जाएगा. 

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कितने बजे शुरू होगा कार्यक्रम?
कार्यक्रम सुबह 10.30 बजे शुरू होगा और देर शाम तक चलेगा. मंत्रालय ने कहा कि 31 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे से दोपहर 2 बजे तक जीवंत सांस्कृतिक प्रदर्शन के साथ एक सार्वजनिक कार्यक्रम होगा, जो सभी के लिए खुला रहेगा. शाम 4 बजे, प्रधानमंत्री मोदी अमृत कलश यात्रियों और राष्ट्र को संबोधित करेंगे तथा उन बहादुरों को याद करेंगे जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता और उसे समृद्ध बनाने के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए. 

पहले भी आयोजित हो चुका है ये कार्यक्रम?
अपने पहले चरण में, एमएमएमडी अभियान बहुत सफल रहा, जिसमें 36 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 2.33 लाख से अधिक शिलाफलकम बनाए गए. लगभग चार करोड़ पंच प्राण प्रतिज्ञा सेल्फी अपलोड की गईं और देश भर में दो लाख से अधिक वीरों का वंदन कार्यक्रम आयोजित किए गए. 2.36 करोड़ से अधिक स्वदेशी पौधे लगाए गए हैं और वसुधा वंदन विषय के तहत 2.63 लाख अमृत वाटिकाएं बनाई गई हैं. 

पूरे देश की मिट्टी पहुंच रही दिल्ली
दूसरे चरण में अमृत कलश यात्राओं को देश के हर घर तक पहुंचाने की योजना बनाई गई. बयान के अनुसार भारत भर के ग्रामीण क्षेत्रों के छह लाख से अधिक गांवों और शहरी क्षेत्रों के वार्ड से मिट्टी और चावल के दाने एकत्र किए गए. प्रत्येक गांव से एकत्रित 'मिट्टी' को ब्लॉक स्तर पर मिलाया गया और फिर राज्य की राजधानी में लाया गया, और एक औपचारिक विदाई के साथ, हजारों अमृत कलश यात्रियों के साथ राष्ट्रीय राजधानी में भेजा गया है. (इनपुट: भाषा)

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