Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

Vijay Diwas 2022: क्या था भारत और पाकिस्तान के जनरल का अनोखा बाइक वाला किस्सा

1971 India Pakistan War: भारतीय सेनाप्रमुख Field Marshal Sam Manekshaw की मोटरसाइकिल पाकिस्तानी जनरल Yahya Khan ने ले रखी थी.

Latest News
Vijay Diwas 2022: क्या था भारत और पाकिस्तान के जनरल का अनोखा बाइक वाला किस्सा

Field Marshal Sam Manekshaw साल 1971 के युद्ध के दौरान जनरलों के साथ रणनीति बनाते हुए. (फोटो- ADGPI)

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: भारत और पाकिस्तान के बीच बांग्लादेश की आजादी (Bangladesh Mukti Sangram) को लेकर साल 1971 में हुए युद्ध (1971 India Pakistan War) खत्म हुए 51 साल होने जा रहे हैं. शुक्रवार को देश इस युद्ध में जीत का 51वां विजय दिवस (Vijay Diwas) मनाने जा रहा है, लेकिन यदि आपको कोई ये कहे कि यह युद्ध दो देशों के बीच की तनातनी का नहीं बल्कि उनके सेनाप्रमुखों के बीच महज 1,000 रुपये के 'उधार' का था तो क्या कहेंगे? दरअसल उधार चुकाने का यह किस्सा इस युद्ध के दौरान भारतीय सेना प्रमुख रहे फील्ड मार्शल जनरल सैम मानेकशॉ (Field Marshal Sam Manekshaw) की हाजिरजवाबी से जुड़ा हुआ है, जिसे उनके और तत्कालीन पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल याहया खान (General Yahya Khan) के बीच का 'बाइक कनेक्शन' भी कहा जाता है. आइए आपको बताते हैं क्या था वो किस्सा, जिसमें जनरल मानेकशॉ ने कहा था कि याहया खान ने 1,000 रुपये नहीं दिए, बदले में आधा देश दे दिया.

पढ़ें- VIJAY DIWAS 2022: 93 हजार सैनिकों का आत्मसमर्पण, 8000 सैनिकों की मौत जानिए अतीत के पन्नों में धुंधली होती जा रही 1971 युद्ध की यादें

आजादी से पहले एकसाथ तैनात थे मानेकशॉ और याहया खान

दरअसल जनरल मानेकशॉ और जनरल याहया खान साल 1947 से पहले ब्रिटिश राज के दौरान एकसाथ भारतीय फौज में अधिकारी के तौर पर काम करते थे. बंटवारे के दौरान दोनों अधिकारी दिल्ली में सेना मुख्यालय (Delhi Army Headquarter) में तैनात थे. इस दौरान दोनों आपस में बहुत अच्छे दोस्त भी बन गए थे और काफी समय एकसाथ बिताया करते थे. मानेकशॉ के पास उस समय एक शानदार मोटरबाइक थी, जो बेहद कम लोगों के पास होती थी. यह मोटरबाइक याहया खान को बेहद पसंद थी.

पढ़ें- Corruption In India: बिना सबूत भी सरकारी नौकर दोषी, सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अहमियत भ्रष्टाचार के आंकड़ों से जानिए

पाकिस्तान जाते समय याहया ले गए थे बाइक

स्वतंत्रता के बाद जब देश दो हिस्सों में विभाजित हो गया तो आधी भारतीय फौज भी पाकिस्तान को दे दी गई. जनरल याहया खां ने भी पाकिस्तान जाने का निर्णय लिया. उन्होंने जनरल मानेकशॉ से अपनी मोटरबाइक बेचने का आग्रह किया. जनरल मानेकशॉ की बेटी माया दारूवाला (Field Marshal Sam Manekshaw Daughter Maya Daruwala) ने मीडिया से बातचीत में एक बार इस किस्से का जिक्र किया था. उन्होंने बताया कि मानेकशॉ ने अपनी बाइक बेचने से इनकार कर दिया, लेकिन बार-बार आग्रह करने पर वे उसे बेचने को तैयार हो गए.

पढ़ें- Assembly Elections 2023: 10 विधानसभा चुनाव जो करेंगे 2024 लोकसभा चुनाव का फैसला, इन राज्यों पर सभी की नजर

पाकिस्तान जाकर भेजनी थी याहया को बाइक की कीमत

मानेकशॉ ने बाइक की कीमत 1,000 रुपये लगाई. याहया खां ने पाकिस्तान जाकर यह रकम जल्द ही भेजने का वादा किया. इसके बाद वह मोटरबाइक लेकर पाकिस्तान चले गए, लेकिन उन्होंने कभी भी सैम को यह रकम नहीं भिजवाई. 

पढ़ें- Acid Attack In India: सुप्रीम कोर्ट की सख्ती से घटे मामले, बना कानून, फिर भी हर साल 150 लड़कियों पर 'छपाक'

युद्ध में जीत से खत्म हुआ 24 सालों का इंतजार

मानेकशॉ ने इस उधार का जिक्र साल 1971 में ढाका में पाकिस्तानी सेना के आत्मसमर्पण करने के बाद किया. उन्होंने मजाक में अपने साथी अधिकारियों से कहा, मैंने याहया खान की तरफ से 1,000 रुपये की रकम का चेक भेजने का इंतजार 24 साल तक किया. उन्होंने वह चेक नहीं भेजा. आखिर याहया खान ने अपना आधा देश देकर 1947 में लिया गया यह उधार चुका दिया है. 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement
Advertisement