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क्यों PM Narendra Modi के बॉडीगार्ड्स लेकर चलते हैं Special Briefcase?

देश के प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी (PM Narendra Modi) की सुरक्षा SPG यानी स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप के कमांडो करते हैं.

क्यों PM Narendra Modi के बॉडीगार्ड्स लेकर चलते हैं Special Briefcase?

पीएम मोदी की सुरक्षा में तैनात एसपीजी कमांडो के हाथ में स्पेशल सूटकेस होता है.

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डीएनए हिंदीः प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी (PM Narendra Modi) की सुरक्षा SPG यानी स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप के कमांडो करते हैं. यह बात तो आप जानते ही होंगे लेकिन आपने की गौर किया है कि इन बॉडीगार्ड्स के हाथ में एक सूटकेस (Special Briefcase) होता है. पीएम मोदी जहां भी जाते हैं यह सूटकेस हमेशा साथ रहता है. काले रंग का यह सूटकेस दिखने में काफी छोटा और पतला सा होता है. अगर आपको लगता है कि इस सूटकेस में पीएम मोदी के भाषण, जरूरी फाइलें या सरकारी दस्तावेज होते हैं तो आप पूरी तरह गलत हैं.

पीएम मोदी की सुरक्षा में इस सूटकेस की बड़ी भूमिका है. काला ब्रीफकेस क्यों SPG की टीम अपने साथ रखती है. इससे पहले कि आप इस सूटकेस के बारे में जानें आपके लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि एसपीजी सुरक्षा पहले पहले पूर्व प्रधानमंत्री और उनके परिवार के लोगों को भी मिलती थी. हालांकि मोदी सरकार में इसमें बदलाव कर इसे सिर्फ तत्कालीन पीएम को ही देने का फैसला लिया गया. 

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एसपीजी कमांडो स्पेशल ट्रेनिंग के बाद तैयार होते हैं. यह सभी कमांडो आधुनिक हथियारों से लैस होते हैं. यह कमांडो कमाल के फुर्तीले होते हैं, पलक झपकते ही ये अपनी पोजिशन ले लते हैं. एसपीजी का गठन 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद किया गया था. 1991 में जब राजीव गांधी की हत्या हुई तो एसपीजी को नए सिरे से तैयार किया गया था. इसे लगातार आधुनिक किया जाता रहा. 

सोशल मीडिया पर कई अफवाह
राष्ट्र प्रमुखों की सुरक्षा को लेकर अक्सर सोशल मीडिया पर कई तरह की खबरें आती रहती हैं. सोशल मीडिया पर कहा जाता है कि अमेरिका (America) और रशिया (Russia) के राष्ट्रपति के साथ ऐसा ब्रीफकेस/बैग हमेशा चलता है. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) जब भारत आए थे, तब उनके साथ ऐसे चार ब्रीफकेस थे. अमेरिकी प्रेसिडेंट जब भी कहीं जाते हैं, हर समय न्यूक्लियर कंट्रोल के कोड्स अपने साथ रखते हैं. कहा जाता है कि यह न्यूक्लियर ब्रीफकेस है. कहा जाता है कि बिल्कुल ऐसे ही रशिया के राष्ट्रपति के साथ भी एक काला ब्रीफकेस चलता है. 

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सोशल मीडिया पर कुछ भी बातें हो लेकिन हम आपको बताते हैं कि ब्रीफकेस एक पोर्टेबल बुलेटप्रूफ शील्ड है. यह पोर्टेबल बुलेट प्रूफ शील्ड ब्रीफकेस खोलते ही ढाल के समान काम करने लगती है. यह अतिविशिष्ट व्यक्तियों को तत्काल सुरक्षा देती है. इस ब्रीफकेसनुमा शील्ड में एक बंदूक भी भी होती है. किसी भी अप्रिय घटना के समय कमांडो इस ब्रीफकेस को एक ढाल के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं. इससे पीएम को चारों ओर से कवर किया जा सकता है. बुलेटप्रूफ होने के कारण उन्हें किसी भी तरह के खतरे से दूर किया जा सकता है.  

काला चश्मा क्यों पहनते हैं कमांडो
आपने कभी गौर किया है कि अतिविशिष्ट लोगों की सुरक्षा में लगे कमांडो अपनी आंखों पर काला चश्मा लगाए रखते हैं. आपको लगता होगा कि दिन हो या रात आखिर कमांडो चश्मा लगाकर क्यों रखते हैं. इसके पीछे भी एक खास वजह है. दरअसल जब ये बॉडीगार्ड प्रधानमंत्री के साथ चल रहे होते है या फिर खड़े होते है तो उनकी निगाह हर तरफ दौड़ रही होती है. इस बात का किसी व्यक्ति को पता न चले की वह किसको और कहां देख रहे है, इसलिए बॉडीगार्ड काले चश्मे पहनते हैं. वहीं चश्मा लगाने का एक कारण और भी है. कहा जाता है कि जब भी ब्लास्ट होता है तो उससे निकलने वाली रोशनी से आंखें चौंधिया जाती हैं और व्यक्ति कुछ देर के लिए खुद से अपना कंट्रोल खो बैठता है. ऐसी स्थिति का सामना करने के लिए भी कमांडो अपनी आंखों पर काले चश्मा को सुरक्षा कवच की तरह इस्तेमाल करते हैं. 

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