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Arthritis Remedy: जोड़ों के दर्द और सूजन की दवा है तेजपत्‍ता, यूरिक एसिड भी होगा कम

बुढ़ापे में एक बड़ी आबादी अर्थराइटिस की समस्या से जूझ रही होती है. इसकी वजह से चलना फिरना और सामान्य कामकाज भी दूभर हो जाता है. आज हम आपको बता रहे हैं उन जड़ी बूटियों के बारे में, जिनके इस्तेमाल से आप जोड़ों के दर्द से राहत पा सकते हैं.

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Arthritis Remedy: जोड़ों के दर्द और सूजन की दव��ा है तेजपत्‍ता, यूरिक एसिड भी होगा कम

तेजपत्‍ता

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डीएनए हिंदी: अर्थराइटिस एक ऐसी स्थिति है जो शरीर को तमाम तरह से कष्ट पहुंचाती है. इसमें जोड़ों के दर्द और अकड़न के अलावा तमाम चीजें शामिल हैं. इनसे निजात पाने के लिए लोग ज्यादातर दर्द निवारक दवाओं पर ही निर्भर रहते हैं, जिनके और भी साइडइफेक्ट हैं. ऐसे में एक पत्ती बेहद कारगर पाई गई है जिसका इस्तेमाल खाने को स्वादिष्ट बनाने में किया जाता है. इसे तेज पत्ता (by leaf) कहते हैं और इसके नए गुणों का पता हाल में चला है. आम तौर पर तेज पत्ते का इस्तेमाल व्यंजन की खुशबू बढ़ाने में किया जाता है. 

तेज पत्ते में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुसा पाए जाते हैं. इसके तेल का इस्तेमाल तमाम शारीरिक समस्याओं को दूर करने में किया जाता है, लेकिन इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल दर्द से राहत दिलाने में होता है. इसकी खूबियों का जिक्र एक मेडिकल जर्नल नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉरमेशन में किया गया है. जर्नल के मुताबिक इसके इस्तेमाल से घाव तेजी से भरता है, इसमें एंटीऑक्सिडेंट, एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण पाए जाते है. इसके इस्तेमाल से घाव तेजी से भरता है और उस पर तेजी से कवरिंग की परत चढ़ती है. 

तेजपत्ता में हाइड्रॉक्सीप्रोलीन (hydroxyproline) तत्व पाया जाता है, जिसमें कोलाजेन (collagen) की अधिकता होती है.  इंडोनेशिया में अर्थराइटिस से जूझ रहे 52 लोगों को तेजपत्ते से तैयार सूप का सेवन कराया गया, जिससे उनको जोड़ों के दर्द से राहत मिली. शोधकर्ताओं ने कहा कि जिन लोगों ने तेज पत्ते से सिंकाई की गई, उन्हें भी दर्द से राहत मिली. 

तेज पत्ते के और भी गुण 

तेज पत्ते को मलेरिया और जॉन्डिंस में भी इस्तेमाल किया जाता है. मलेरिया के मरीज में तेज पत्ते के इस्तेमाल से तेजी से सुधार देखा गया है. वहीं जॉन्डिस के मरीजों को दिन में दो से तीन बार तेज पत्ते चबाने की सलाह दी जाती है. यहां तक कि कुछ शोधों में पाया गया है कि तेज पत्ते का सेवन कैंसर जैसी बीमारी से भी बचाता है, खास तौर पर ब्रेस्ट और कोलोरेक्टल कैंसर से ये बचाता है. 

स्टडीज में बताया गया है कि ये कैंसर सेल्स को पनपने से रोकता है. इसके पीछे वजह ये बताई जाती है कि तेज पत्ते में केटचिन्स (catechins), लिनालूल (linalool) और पार्थेनोलाइड (parthenolide) जैसे एंटीऑक्सिडेंट पाए जाते हैं, जो शरीर से फ्री रेडिकल्स को दूर करता है. इसमें लीनालूल नाम का तत्व तो शरीर से तनाव भी दूर करता है.

 

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.) 

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