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National Doctor's Day 2023: आज है डाॅक्टर्स डे, जानें इसे मनाने का कारण और किस थीम पर हो रहा इस बार आयोजन

नेशनल डाॅक्टर्स डे 1991 से मनाया जा रहा है. हर साल इसकी थीम अलग रखी जाती है. 1 जुलाई को ही डाॅक्टर्स डे (National Doctor's Day) मनाने की वजह डाॅ बिधान चंद्र राॅय को श्रद्धांजलि देना भी है. 

National Doctor's Day 2023: आज है डाॅक्टर्स डे, जानें इसे मनाने का कारण और किस थीम पर हो रहा इस बार आयोजन
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डीएनए हिंदी: (National Doctor's Day 2023 History And Theme) डाॅक्टर को भगवान का दर्जा दिया जाता है. इसकी वजह डाॅक्टर्स द्रवारा लोगों को जीवनदान देना है. कोविड जैसी महामारी के बीच जब लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे थे. उस समय में डाॅक्टर्स ने अपने जीवन को जोखिम में डालकर लाखों लोगों की जान बचाई. ऐसी हर समस्या में डाॅक्टर्स सामने आते हैं. 1 जुलाई को ऐसे सभी डाॅक्टर्स को सम्मान देने का दिन बनाया गया है. इसी दिन को नेशनल डाॅक्टर्स के रूप में मनाया जाता है. इसका इतिहास और महत्व भी डाॅक्टर के सेवा से जुड़ा है. हालांकि हर बार डाॅक्टर डे पर थीम अलग अलग होती है. आइए जानते हैं 1 जुलाई को ही डाॅक्टर्स डें मनाने की वजह, महत्व और इस बार की थीम...

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1 जुलाई को ही क्‍यों मनाया जाता है डाॅक्टर्स डे

नेशनल डाॅक्टर्स डे प्रसिद्ध चिकित्सक शिक्षाविद और बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री डॉण् बिधान चंद्र रॉय के जन्म के रूप में मनाया जाता है. यह दिन उन्हें समर्पित होने के साथ ही सभी डाॅक्टर्स को सम्मान के लिए मनाया जाता है. डॉण् बिधान चंद्र रॉय का जन्म 1 जुलाई 1882 में बिहार के पटना में हुआ था. उन्होंने चिकित्सा के क्षेत्र में बड़ा योगदान दिया. उन्होंने यादवपुर राजयक्ष्मा अस्पताल से लेकर चित्तरंजन सेवा सदन फॉर वीमेन एंड चिल्ड्रेन, कमला नेहरू मेमोरियल हॉस्पिटल और चित्तरंजन कैंसर हॉस्पिटल खोलने में बड़ी भूमिका निभाई है. 

लोगों का फ्री में इलाज करते थे डाॅ बिधान चंद्र राॅय

डाॅ बिधान चंद्र राॅय इलाज के रूप में बहुत ही कम फीस लिया करते थे. इसमें से भी कुछ समय निकालकर वह गरीब लोगों का फ्री इलाज करते थे. डाॅक्टर किसी सहायक के न होने पर खुद ही सारा काम करते थे. यही वजह है कि डाॅक्टर्स के पेशे में उन्हें आज भी एक बड़ी प्रेरणा माना जाता है. डाॅक्टर बिधान चंद्र के इस बड़े योगादान को देखते हुए 1976 में भारत सरकार ने उन्हें भारत रत्न से नवाजा था. डाॅक्टर बिधान राॅय के निधान के बाद उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवय यानी डाॅक्टर्स डे के रूप में घोषित कर दिया गया. 

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पहली बार 1991 में मनाया गया डाॅक्टर्स डे

भारत में सबसे पहले डाॅक्टर्स डे आज से 31 साल पूर्व 1991 में मनाया गया था. डाॅक्टर्स डे डाॅ बिधान चंद्र राॅय को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया गया. इसी के बाद हर साल 1 जुलाई को नेशनल डाॅक्टर्स डे के रूप में मनाया जाता है. हालांकि हर साल इसकी थीम अलग होती है. इस बार की थीम कोरोना जैसी महामारी में बिना अपनी परवाह के आगे आने वाले डाॅक्टर्स का आभार प्रकट करने के लिए रखी गई है. 

ये है इस बार डाॅक्टर्स डे की थीम

हर साल की तरह डाॅक्टर्स डे 1 जुलाई को मनाया जाता है, लेकिन इसकी थीम अलग होती है. इस बार की थीम सेलिब्रेटिंग रेजिलिएंस एंड हीलिंग हैंड्स है. यह थीम कोविड के दौरान महानायक की भूमिका निभाने वाले डाॅक्टर्स के सम्मान के लिए रखी गई है. महामारी के दौरान डाॅक्टर्स ने बिना अपनी जान की परवाह किए दिन रात एक कर दी. इस दौरान इस पेशे से जुड़े तमाम लोग अपने परिवार से अलग होकर लाखों लोगों की जान बचाने में जुटे रहे. उनके इसी सेवा भाव को देखते हुए सम्मान में ये थीम रखी गई है.

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