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Heart Attacks-Stroke: बाथरूम में न आए स्ट्रोक या हार्ट अटैक, इसलिए पूरी ठंड फॉलो करें ये 7 नियम

सर्दियों में हार्ट अटैक और स्ट्रोक के मामले बाथरूम में सबसे ज्यादा होते हैं और इसके पीछे कई कारण होते हैं, अगर आप ठंड में इन दो बीमारियों से बचना चाहते हैं तो आपको 7 रूल को फॉलो करना जरूरी है.

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Heart Attacks-Stroke: बाथरूम में न आए स्ट्रोक या हार्ट अटैक, इसलिए पूरी ठंड फॉलो करें य�े 7 नियम

stroke heart attack in bathroom

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डीएनए हिंदीः ठंड में हाइपोथर्मिया या कोल्ड अटैक ही नहीं हार्ट अटैक और स्ट्रोक के खतरे भी दोगुने हो जाते हैं. ज्यादातर मामलों में बाथरूम में स्ट्रोक आता है. खासकर जिन लोगों को हार्ट संबंधी परेशानी हो या जिनका कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर हाई रहता है. चलिए जानें कि सर्दियों में दिल का दौरा या मस्तिष्क आघात क्यों ज्यादा होता है और इससे बचने के उपाय क्या हैं.

क्यों बढ़ता है हार्ट अटैक और स्ट्रोक का ठंड में खतरा

ठंड में रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं. इसके परिणामस्वरूप स्ट्रोक और दिल का दौरा पड़ने की संभावना भी बढ़ सकती है. सर्दियों में कोरोनरी धमनी का संकुचन एनजाइना, या कोरोनरी हृदय रोग से होने वाले सीने के दर्द को बदतर बना सकता है. वहीं मस्तिष्क की नसें ठंड और हाई ब्लड प्रेशर के कारण और सख्त और कठोर हो जाती हैं. जिससे स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है.

जब बाहर ठंड होती है तो शरीर के सामान्य तापमान को बनाए रखने के लिए हार्ट को अधिक मेहनत करनी पड़ती है. ठंड में शरीर अधिक तेजी से गर्मी खोता है, इसलिए वे स्थिति को और अधिक चुनौतीपूर्ण बना सकती हैं. यदि आपके शरीर का तापमान 95 डिग्री से नीचे चला जाता है तो हाइपोथर्मिया  होने का खतरा होता है और इससे नसों के फटने और इंटर्नल ब्लीडिंग का खतरा भी बढ़ता है.

उच्च रक्तचाप के परिणामस्वरूप कोरोनरी धमनियां संकीर्ण हो सकती हैं, जिससे हृदय और दिमाग की मांसपेशियों तक पहुंचने वाले रक्त और ऑक्सीजन की मात्रा कम होने लगती है. नतीजा दिल का दौरा या स्ट्रोक होता है. गर्मियों की तुलना में, जब हमें अधिक पसीना आता है, तो सर्दियों में हमारे रक्त की मात्रा भी अधिक होती है. उच्च रक्तचाप शरीर में अधिक तरल पदार्थ जमा होने का परिणाम है. सूर्य के संपर्क की कम मात्रा एक और महत्वपूर्ण प्रभाव है. सूरज के संपर्क में कमी के कारण विटामिन डी की कमी हो सकती है. तो चलिए जाने सर्दियों में कैसे बचें इन जानलेवा बीमारियों से. 

ठंड में कम करे दें ये चीजें

तले हुए, वसायुक्त, शर्करा युक्त या उच्च कोलेस्ट्रॉल वाले खाद्य पदार्थों से बचें क्योंकि कोलेस्ट्रॉल और बीपी को बढ़ा देंगे. 

खुद को गर्म रखें

यदि आप ठंडे तापमान के प्रति संवेदनशील हैं या आप हाई कोलेस्ट्रॉल और हाई बीपी के मरीज हैं तो शरीर की गर्मी बनाए रखने का प्रयास करें. सर्दियों के मौसम में शारीरिक रूप से सक्रिय रहें. इससे गर्मी बनी रहेगी.

सुबह न जल्दी उठें न एक्सरसाइज करें

ठंड में बिस्तर देर से छोड़ें और सुबह नहाने से बचें. बाथरूम जाने से पहले गर्म कपड़े पहन कर कंबल हटाएं.  साथ ही सुबह एक्सरसाइज की जगह दोपहर या शाम को धूप में करें. व्यायाम बाहर की जगह घर में करें. 

हार्डकोर एक्सरसाइज न करें

यदि आपको हृदय रोग या हाई बीपी-कोलेस्ट्रॉल है तो हार्डकोर यानी गहन श्रम से दूर रहें. कोशिश करें की ब्रेक लेकर काम करें या एक्सरसाइज करें.

शराब का अत्यधिक सेवन करने से बचें

किडनी, रक्तवाहिका और रक्तचाप संबंधी समस्याओं जैसी चिकित्सीय चिंताओं पर कड़ी नज़र रखें. यदि इन बीमारियों का इलाज नहीं किया जाता है, तो इससे हृदय संबंधी समस्याएं विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है.धूम्रपान करना बंद करें क्योंकि इससे हृदय संबंधी समस्याएं विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है.

ठंड में घर में रहें

अपने शरीर को गर्म रखने के लिए गर्म खाना खाएं. यदि आपको हृदय रोग है तो अचानक ठंड लगने से बचने के लिए ठंड के दिनों में घर के अंदर रहें.

जांच कराएं

हार्ट से लेकर कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर की जांच कराते रहें और दवा पर हों तो समय पर अपनी दवा लेते रहें.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)

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