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CM मोहन यादव बोले, 'देवी-देवताओं पर उंगली उठाती है कांग्रेस, कीमत चुकानी पड़ेगी'

Mohan Yadav on Ram Mandir: कांग्रेस की आलोचना करते हुए मोहन यादव ने कहा है कि राम मंदिर का न्योता अस्वीकार करने के बारे में फिर से विचार करना चाहिए.

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CM मोहन यादव बोले, 'देवी-देवताओं पर उंगली उठाती है कांग्रेस, कीमत चुकानी पड़ेगी'

CM Mohan Yadav

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डीएनए हिंदी: राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच जुबानी जंग जारी है। अब कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा है कि कांग्रेस को देवी-देवताओं पर उंगली उठाने की कीमत चुकानी होगी. उन्होंने कांग्रेस की जमकर आलोचना की कि उसने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए मिले न्योते को ठुकरा दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को इस पर फिर से विचार करना चाहिए, वरना आने वाले समय में एक ऐसी आंधी आएगी जिसमें उनका अता-पता नहीं चलेगा.

मुख्यमंत्री मोहन यादव रविवार को उज्जैन जिले के नागदा में एक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को अपने 'पाप' के लिए माफी मांगनी चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा, 'कांग्रेस और हमारे बीच कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है लेकिन हमारे बीच वैचारिक लड़ाई है. कांग्रेस हमारे देवी-देवताओं पर उंगली क्यों उठाती है? कांग्रेस को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी.'

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'राष्ट्रवादी राजनीति से मुकाबला नहीं कर सकती कांग्रेस'
उन्होंने कहा, 'जवाहरलाल नेहरू ने सोमनाथ (मंदिर) का विरोध किया था और आज की कांग्रेस अयोध्या का विरोध करती है.' उन्होंने कांग्रेस पर समाज को बांटने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस को अपने 'पाप' के लिए माफी मांगनी चाहिए. मोहन यादव ने आगे कहा, 'कांग्रेस को वोट बैंक दिख रहा है और उसे इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी. कांग्रेस तुष्टीकरण की राजनीति में लगी हुई है और यह पार्टी हमारी राष्ट्रवादी राजनीति से मुकाबला नहीं कर सकती. हमारी नीतियां देशभक्तिपूर्ण हैं.'

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मोहन यादव ने कहा, 'राम मंदिर निर्माण 500 साल पुराने इतिहास को दोहरा रहा है. 500 साल से राम भक्तों को राम मंदिर का इंतजार था. जो राम मंदिर का आमंत्रण अस्वीकार कर रहे हैं, उन्हें एक बार फिर से विचार करना चाहिए. जब चुनाव होते हैं तब एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप ठीक है लेकिन चुनाव निपटने के बाद राम मंदिर जैसे मुद्दे पर विपक्ष इस तरह से बार-बार उलूल-जुलूल बयान दे रहा है, यह ठीक नहीं है.'

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