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Delhi Water Crisis: दिल्ली जल संकट से जनता त्रस्त, पानी की किल्लत पर जमकर पॉलिटिक्स, नोएडा में भी हाल-बेहाल

दिल्ली के उप-राज्यपाल (LG) विनय कुमार सक्सेना ने जल संकट को लेकर आतिशी (Atishi) को घेरा है, उन्होंने कहा कि का आप (AAP) पार्टी जल संकट को खामखा एक सियासी मुद्दा बना रही है.

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Delhi Water Crisis: दिल्ली जल संकट से जनता त्रस्त, पानी की किल्लत पर जमकर पॉलिटिक्स, नोएडा में भी हाल-बेहाल

दिल्ली जल संकट से जनता त्रस्त (फोटो-PTI)

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दिल्ली में जल संकट (Delhi Water Crisis) को लेकर जनता त्रस्त है. पानी की किल्लत लगातार बढ़ती जा रही है. इस समस्या का दूर-दूर तक कोई समाधान नहीं दिख रहा है. वहीं, इसको लेकर जमकर सियसत हो रही है. एक तरफ दिल्ली की जल मत्री आतिशी (Atishi) अनिश्चितकालीन अनसन पर बैठी हैं, तो वहीं दूसरी तरफ जल संकट को लेकर बीजेपी (BJP) दिल्ली सरकार के खिलाफ प्रोटेस्ट कर रही है. आतिशी के अनिश्चितकालीन अनसन का आज तीसरा दिन है. उन्होंने अपने इस अनसन का नाम 'पानी सत्याग्रह' रखा है. इन सबके बीच दिल्ली के उप-राज्यपाल (LG) विनय कुमार सक्सेना ने जल संकट को लेकर आतिशी को घेरा है, उन्होंने कहा कि आप (AAP) पार्टी जल संकट को खामखा एक सियासी मुद्दा बना रही है. साथ ही उन्होंने आप पर दिल्ली के पड़ोसी राज्यों को बदनाम करने का भी आरोप लगाया.  


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नोएडा की भी स्थिति हुई खराब 
यूपी के ग्रेटर नोएडा में भी जल संकट को लेकर स्थिति बदहाल हो चुकी है. पानी की किल्लत से लोगों को लाचार कर दिया है. साधारण बस्तियों में रहने वालों को तो इस समस्या से दो-चार करना ही पड़ रहा है, साथ ही बड़ी सोसायटी में रहने वाली भी अब इस समस्या के जद में आ गए हैं. नवभारत टाइम्स की खबर के मुताबिक नोएडा में स्थित पंचशील हाइनिश सोसायटी में पानी नहीं आने के कारण 1400 परिवारों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. खबर के मुताबिक ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के पंप हाउस की मोटर में समस्या आने की वजह से गुरुवार सुबह 11 बजे से वहां जल की आपूर्ति ढंग से नहीं हो पा रही है.  

नोएडा और गाजियाबाद में जल संकट के प्रमुख कारण
दिल्ली की तरह ही नोएडा और गाजियाबाद के लोग भी पानी की किल्लत से परेशान हैं. ये समस्या साल दर साल बढ़ती ही जा रही है. इसके पीछे सबसे बड़ा करण यहां तेजी से बढ़ रही आबादी है. रिसर्च में कहा गया है कि 2011 में 16.5 लाख की आबादी की तुलना में 2024 में यहां की आबादी दोगुनी हो चुकी है. इस तीव्र गति से बढ़ी जनसंख्या ने यहां के भूजल संसाधनों को प्रभावित किया है, यहां के बुनियादी जल ढांचे पर लगातार इसका असर दिख रहा है.

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