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विदेश मंत्री S. Jaishankar की दो टूक, 'आतंकियों से निपटने के लिए नियम नहीं होते'

S. Jaishankar On Terrorism: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पुणे के एक कार्यक्रम में आतंकवाद पर भारत की सख्त नीति की बात दोहराई है. उन्होंने कहा कि 2014 के बाद हमारे तरीकों में बड़ा बदलाव आया है. 

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आतंकवाद पर विदेश मंत्री की सख्त टिप्पणी

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विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S. Jaishankar) अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भी भारत के आतंक के खिलाफ सख्त रूख पर खुलकर अपनी राय रखते रहे हैं . पुणे के एक कार्यक्रम में उन्होंने आतंकवादियों को चेतावनी देते हुए कहा कि आतंकियों को कभी भी यह नहीं सोचना चाहिए कि सीमा पार होने की वजह से हम उन्हें छू नहीं सकते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवादियों से निपटने के लिए नियम नहीं हो सकते हैं, क्योंकि आम लोगों को मारते वक्त वह किसी नियम और इंसानियत को नहीं मानते हैं.

पाकिस्तान को विदेश मंत्री ने खूब सुनाया 
पुणे में आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पाकिस्तान को खूब सुनाया है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान (Pakistan) अपने जन्म के साथ ही भारत के लिए एक मुश्किल पड़ोसी रहा है. उन्होंने कहा, '1947 में आजाद होने के बाद ही पाकिस्तान ने भारत पर कबायली आक्रमण किया था. वैश्विक संबंध बनाने के लिहाज से पाकिस्तान एक मुश्किल देश है.'


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सीमा पार बैठे आतंकियों को दी चेतावनी
उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान में 26/11 हमले करने वालों को संरक्षण दिया गया और वो वहां सुरक्षित पनाह पा रहे हैं. विदेश मंत्री ने कहा कि भारत अब बदल गया है और 2014 के बाद से दुनिया ने देखा कि आतंकवाद पर हमारी नीति क्या है. अब आतंकी यह सोचकर निश्चिंत नहीं हो सकते हैं कि सीमा पार बैठे होने की वजह से उन्हें कोई छू नहीं सकता.


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बिना नाम लिए नेहरू पर सधा निशाना 
विदेश मंत्री ने इस कार्यक्रम में बिना नाम लिए ही देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि 1947 में जब कबायली आक्रमण हुआ, तो भारतीय सेना अपना काम कर रही थी. उस वक्त हम संयुक्त राष्ट्र चले गए. अगर वहां हमने पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद का जिक्र किया होता, तो शायद आज नतीजा कुछ और होता. 

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