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Mahua Moitra Cash For Query: एथिक्स कमेटी के फैसले पर आया महुआ मोइत्रा का रिएक्शन, 'निष्कासित करना है तो कर दें फिर लौटूंगी सदन'

Ethics Committee Report To Expel: कैश फॉर क्वेरी विवाद में एथिक्स कमेटी के निष्कासित करने की सिफारिश पर टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा का पहला रिएक्शन सामने आया है.

Mahua Moitra Cash For Query: एथिक्स कमेटी के फैसले पर आया महुआ मोइत्रा का रिएक्शन, 'निष्कासित करना है तो कर दें फिर लौटूंगी सदन'

Mahua Moitra

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डीएनए हिंदी: कैश फॉर क्वेरी केस में लोकसभा की आचार समिति (एथिक्स कमेटी) ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है. हालांकि, कमेटी में विपक्षी सांसद इस फैसले पर सहमत नहीं हैं लेकिन बहुमत बीजेपी सांसदों का है. इस बीच टीएमसी सांसद ने बीजेपी को चुनौती देने के अंदाज में कहा है कि अगर मुझे निष्कासित करना है तो कर दें. मैं कृष्णानगर क्षेत्र से ज्यादा बहुमत लेकर वापस लौटने वाली हूं. उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी उनकी मुखर आवाज को नहीं रोक सकती है. उन्होंने कहा कि भले ही उन्हें निष्कासित कर दिया जाए, लेकिन वह भारी अंतर से जीतकर फिर से लोकसभा चुनाव में वापसी करेंगी. विपक्षी सांसद इसे बदले के भावना से की जाने वाली कार्रवाई बता रही है. 

महुआ मोइत्रा पर बीजेपी सासंद निशिकांत दुबे ने कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से महंगे तोहफे और विदेशों में छुट्टियों का खर्चा लेने के बदले में अडानी से संबंधित सवाल पूछे थे. मामले की जांच के लिए एथिक्स कमेटी ने टीएमसी सांसद को अपना पक्ष रखने के लिए 2 नवंबर को बुलाया था. हालांकि, महुआ ने कुछ और विपक्षी सांसदों के साथ वॉआउट कर दिया था. उन्होंने कमेटी के अध्यक्ष विनोद कुमार सोनकर पर आपत्तिजनक और निजी सवाल पूछने का आरोप लगाया था. 

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निष्कासन की सिफारिश पर महुआ मोइत्रा के तीखे बोल 
लोकसभा की आचार समिति की निष्कासन की सिफारिश पर महुआ मोइत्रा ने पीटीआई से बात करते हुए तल्ख टिप्पणी की है. उन्होंने कहा, 'मुझे निष्कासित करना चाहते हैं तो कर दें, लेकिन मैं कहना चाहती हूं कि भारी बहुमत के साथ दोबारा वापसी करूंगी. पूरे देश ने देखा है कि यह एक कंगारू कोर्ट ने फैसला दिया है जिसमें असल फैसला तो पहले से ही तय कर लिया गया था. भारत के लिए यह संसदीय लोकतंत्र की मृत्यु है और इतिहास में इसे एक काले धब्बे के तौर पर देखा जाएगा.'

एथिक्स पैनल ने सौंप दी है अपनी रिपोर्ट 
बीजेपी सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली कमेटी ने गुरुवार को बैठक की थी. इसमें समिति की रिपोर्ट को स्वीकार किया गया है. हालांकि, बैठक में फैसला एकमत से नहीं हुआ है और विपक्षी सांसदों ने कमेटी की रिपोर्ट को पूर्वाग्रह से भरा और बदले की भावना की कार्रवाई बताई है. हालांकि, सोनकर ने पत्रकारों से कहा कि समिति के छह सदस्यों ने रिपोर्ट को स्वीकार करने का समर्थन किया है और चार सदस्यों ने इसका विरोध किया है. टीएमसी सांसद ने कमेटी के अध्यक्ष पर आपत्तिजनक और निजी सवाल पूछने का आरोप लगाया था. 

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