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Bihar: केसी त्‍यागी का इस्‍तीफा, नीतीश और तेजस्‍वी की मुलाकात, क्या बिहार में हो रहा है कोई बड़ा खेल?

बिहार में अगले साल ही विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं. माना जा रहा है कि इन चुनाव को लेकर कई नए समीकरण बनते और बिगड़ते नजर आ सकते हैं. इसके साथ ही पार्टियों के बीच वर्चस्व की लड़ाई जारी है.

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Bihar: केसी त्‍यागी का इस्‍तीफा, नीतीश और तेजस्‍वी की मुलाकात, क्या बिहार में हो रहा है कोई बड़ा खेल?

गृहमंत्री अमित शाह, नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव. (फाइल फोटो)

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Nitish Kumar and Tejashwi Yadav: बिहार की राजनीति में एक बार फिर से बड़ा बदलाव होता नजर आ रहै है. पिछले साल ही बिहार में महागठबंधन के दोनों घटक दलों का अलगाव हुआ था. जदयू पार्टी राजद के साथ गठबंधन तोड़कर बीजेपी के साथ आई थी. लोकसभा चुनाव में भी दोनों पार्टियां जेडीयू और बीजेपी ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था, लेकिन पिछले दिनों के घटनाक्रम से ऐसा प्रतीत होता है दोनों ही पार्टियों के बीच सबकुछ सही नहीं चल रहा है. आपको बताते चलें कि बिहार में अगले साल ही विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं. माना जा रहा है कि इन चुनाव को लेकर कई नए समीकरण बनते और बिगड़ते नजर आ सकते हैं. 

हालिया घटनाएं और बीजेपी-जदयू के संबंध
हाल ही में जेडीयू ने अपने वरिष्ठ नेता केसी त्यागी को राष्ट्रीय प्रवक्ता के पद से हटाया है. जदयू के इस फैसले को लेकर माना जा रहा है कि वो कई बार पार्टी के लाइन से बाहर जाकर अपनी बात रख रहे थे. इसलिए इनसे ये पद ले लिया गया. जदयू की बात करें तो पार्टी कई अहम मुद्दों पर बीजेपी के विरुद्ध बयान देते नजर आई है, उदाहरण के तौर पर हाल ही में असम के नमाज ब्रेक का फैसला शामिल है. वहीं कई राजनीतिक जानकारों के मुताबिक जदयू इस समय बीजेपी के साथ संबंध नहीं खराब करना चाहती है.


ये भी पढ़ें: J-K और Haryana में गठबंधन की राजनीति पर Congress का जोर, जानें इसके पीछे के सियासी समीकरण 


क्या होंगी जदयू और बीजेपी की राहें जुदा
वहीं एलजेपी की बात करें तो चिराग पासवान सरकार में रहकर भी अपनी एक अलग वजूद बनाने की जद्दों-जहद कर रहे हैं. चाहे वो यूपीएससी में लेटरल एंट्री हो, जातिगत जनगणना हो आरक्षण का मुद्दा हो वो लगातार अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. एक बड़ा सच ये है कि जातिगत जनगणना को लेकर सबसे पहले और सबसे बड़ा स्टैंड बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने ही लिया था. उस समय वो राजद के साथ महागठबंधन के पार्ट थे. इसके लिए उन्होंने जातिगत जनगणना करवाई, और उसे जारी करवाया. कई राजनीतिक जानकारों का मानना है कि बिहार के विधानसभा चुनाव से पहले जदयू फिर से वापस राजद के साथ जा सकती है. हालांकि इस समय कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. लोगों को बिहार के भावी संभावनाओं को लेकर इंतजार करने की जरूरत है. 

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